BJP Internal Politics: अल्मोड़ा जिले के भतरौंजखान थाने में रानीखेत विधायक के भाई-भांजे और ग्राम प्रधान के बीच मारपीट का मामला तूल पकड़ रहा है। मामले में दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज होने के बाद, रानीखेत में भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आती नजर आ रही है। विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई ने राज्यमंत्री कैलाश पंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में भतरौंजखान थाने में बुधवार को क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमा क्षेत्र के ही ग्राम मिचोली, सीम के प्रधान संदीप खुल्बे की ओर से दर्ज कराया गया था। संदीप खुल्बे ने आरोप लगाया था कि मंगलवार शाम नैनवाल और बधानी ने उनके साथ मारपीट की।
ग्राम प्रधान संदीप खुल्बे का कहना था कि तहरीर देने पर भी पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की। उधर, मामले की जानकारी मिलने पर बुधवार सुबह उत्तराखंड श्रम संविदा बोर्ड अध्यक्ष कैलाश पंत समर्थकों संग भतरौंजखान थाने पहुंच गये थे। उन्होंने पुलिस से संदीप खुल्बे की तहरीर के आधार पर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने को कहा। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था।
दूसरी ओर, विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल की ओर से भी पुलिस को तहरीर सौंप दी गयी। सतीश ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान खुल्बे ने अपने साथियों संग मिलकर उनके साथ मारपीट की थी। सतीश अपने साथ स्थानीय व्यापारियों और अन्य जनप्रतिनिधियों को लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने उनकी तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया।
दोनों ओर से मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर, अब विधायक के भाई ने दर्जाधारी कैलाश पंत के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है। फेसबुक पर एक पोस्ट में उन्होंने भतरौंजखान थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे कैलाश पंत की तस्वीर शेयर करने के साथ, उनकी मंशा पर सवाल भी उठाये हैं। यहां पढ़े सतीश नैनवाल की पोस्ट
सतीश नैनवाल ने पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिखा है, लेकिन फोटो में दिख रहे लोगों को सरकार की किरकिरी करने वाले गद्दार करार दिया है। नैनवाल ने फोटो में नजर आ रहे नेता के साथ बेहद कम संख्या में लोगों के जाने पर भी कटाक्ष किया है। दावा किया है कि बाद में फर्जी तरीके से लोगों के नाम साथ आने वालों में लिखे गये।
सतीश नैनवाल की फेसबुक पोस्टों पर उनके समर्थक लगातार कमेंट कर दर्जाधारी पर कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं। दूसरी ओर, संदीप खुल्बे ने फेसबुक पर जो पोस्ट की है, उसमें भी लोग मुकदमा दर्ज कराने को सही करार दे रहे हैं। दोनों ही पक्षों के भाजपा नेताओं से जुड़े होने के कारण सवाल भी उठने लगे हैं।
‘विधायक को बदनाम करने की साजिश’
एक अन्य फेसबुक पोस्ट में सतीश नैनवाल ने लिखा है कि संदीप खुल्बे के लगाये आरोप झूठे हैं। संदीप जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। नैनवाल का कहना है कि यह पूरा प्रकरण विधायक प्रमोद नैनवाल को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। नैनवाल ने दर्जाधारी का नाम लिखे बिना, उन्हें पद से हटाने की मांग भी उठा दी है।
दावा: खुल्बे के साथ मारपीट नहीं की
फेसबुक पोस्ट में सतीश नैनवाल ने दावा किया है कि उन्होंने संदीप खुल्बे के साथ मारपीट नहीं की है। उनके अनुसार, वह अपनी गाड़ी लेने रामनगर रोड पर गये थे। इसी दौरान वहां खड़ी एक कार से किसी ने गालीगलौज की। वह देखने आये, तो कार में संदीप खुल्बे को बैठा देखा। आरोप है कि गाली देने के बारे में पूछने पर संदीप, त्रिभुवन और अन्य ने उनके साथ मारपीट की।
पार्टी के विरोध में काम करने के भी लगा दिये आरोप
सतीश नैनवाल ने अपनी पोस्ट में दावा किया है कि संदीप खुल्बे पहले भी लोगों से मारपीट करते रहे हैं। वहीं, यह भी लिखा है कि आज की घटना से वह दर्जाधारी भी बेनकाब हो गया, जिसने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवाया था। आरोप यह भी है कि लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का विरोध किया गया।
नैनवाल ने पोस्ट में यह भी दावा किया है कि भतरौंजखान थाने में बुधवार को वे लोग आये थे, जिन्होंने भाजपा को चुनाव में हराने का पूरा प्रयास किया। लिखा है कि एक ऐसा व्यक्ति भी आया था, जिसने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस को वोट देकर भाजपा को हरा दिया था। यहां पढ़े सतीश नैनवाल की पोस्ट
रानीखेत के टिकट की दौड़ में शामिल थे पंत
रानीखेत से भाजपा के टिकट पर मौजूदा रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट विधानसभा चुनाव लड़ते रहे। 2017 में वह कांग्रेस के करण माहरा से चुनाव हार गये थे। 2019 में उनके सांसद बनने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिये इस सीट पर प्रत्याशी का चयन खासी परेशानी का सबब बन गया था।
इस सीट पर करीब छह दिग्गज नेताओं ने दावा जताया था, जिनमें प्रमोद नैनवाल के अलावा कैलाश पंत भी शामिल थे। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सर्वे और कार्यकर्ताओं से व्यापक रायशुमारी के बाद नैनवाल टिकट की दौड़ में पंत से आगे निकल गये थे। बाद में चुनाव में उन्होंने माहरा को शिकस्त भी दे दी थी।
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