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Congress Candidates: उत्तराखण्ड में गोदियाल, टम्टा और गुनसोला पर भरोसा

Congress Candidates: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिये उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी। 43 प्रत्याशियों की इस सूची में उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। पार्टी ने गणेश गोदियाल, प्रदीप टम्टा और जोत सिंह गुनसोला को चुनाव मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिये 39 उम्मीदवारों की सूची कुछ दिन पूर्व जारी की थी। मंगलवार को पार्टी ने 43 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी की गयी दूसरी सूची में छह राज्यों/ केन्द्रशाषित राज्यों के लिये पार्टी ने अपने उम्मीदवार तय किये हैं।

सूची में उत्तराखण्ड की पांच में से तीन लोकसभा सीटों पर पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिये हैं। कांग्रेस ने पौड़ी गढ़वाल सीट से पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को चुनाव मैदान में उतारा है। अल्मोड़ा सीट पर पार्टी ने पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा को टिकट दिया है, जबकि टिहरी सीट से पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला पर भरोसा जताया है।

तीनों प्रत्याशियों गणेश गोदियाल, प्रदीप टम्टा और जोत सिंह गुनसोला ने प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव के लिये एकजुट होने और भाजपा को हराने के लिये चुनाव में मजबूती से बढ़ने की अपील की है।

पौड़ी से खंडूड़ी के इस्तीफे के बाद बदला फैसला

पौड़ी गढ़वाल सीट से 2019 में कांग्रेस ने मनीष खंडूड़ी को मैदान में उतारा था। मनीष वरिष्ठ भाजपा नेता, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र हैं। इस बार भी पौड़ी सीट पर उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन कुछ दिन पूर्व ही मनीष कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये हैं। मनीष के इस कदम के बाद पार्टी को पौड़ी सीट पर पुनर्विचार करना पड़ा।

हरिद्वार और नैनीताल में फंसा पेच

कांग्रेस ने उत्तराखंड की दो सीटों हरिद्वार और नैनीताल पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बताया जा रहा है कि हरिद्वार सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दावे के चलते यह स्थिति बनी हुयी है। यहां पूर्व सीएम हरीश रावत के अलावा पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी टिकट की दौड़ में हैं। सूत्रों की मानें तो हरक यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं, हरीश रावत को पार्टी नैनीताल सीट के लिये मनाने में जुटी है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2009 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से सांसद चुने गये थे। तब उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी स्वामी यतींद्रानंद गिरी को हराया था। बाद में रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। वह नेतृत्व परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के स्थान पर उत्तराखंड के सीएम बने थे।

बाद में, 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेसी विधायकों ने सीएम हरीश रावत के विरोध में मोर्चा खोल दिया था। रावत की मुखालफत में इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसका नेतृत्व हरक सिंह रावत ही कर रहे थे। बाद में हरक और अन्य बागी कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे। हालांकि, 2022 के चुनाव से कुछ ही समय पहले हरक ने भाजपा छोड़ दी और दोबारा कांग्रेस में चले गये थे।

सीट बचाने पर पार्टी का फोकस

कांग्रेस पिछले दो चुनावों (2014 और 2019) से उत्तराखंड की पांचों सीटें बड़े अंतर से गवांती आ रही है। वहीं, विधानसभा चुनाव में भी भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही है। ऐसे में कांग्रेस इस बार उत्तराखण्ड में पार्टी का खाता दोबारा खोलने के लिये बेताब है। 

भाजपा के भी दो उम्मीदवारों का इंतजार

भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसमें भाजपा ने भी उत्तराखण्ड की तीन ही सीटों अल्मोड़ा, नैनीताल और टिहरी के प्रत्याशी घोषित किये हैं। तीनों सीटों पर मौजूदा सांसद अजय टम्टा, अजय भट्ट और माला राज्यलक्ष्मी शाह को दोबारा मैदान में उतारा गया है। भाजपा से अभी हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार है। 

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