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Corrupt Police Officers: 2000 की घूस लेते, दरोगा और हेड कांस्टेबल गिरफ्तार

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उत्तराखंड में घूस मांगने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई लगातार जारी है।

Corrupt Police Officers: नैनीताल जिले में, स्थानीय अभिसूचना इकाई एलआईयू में कार्यरत, दरोगा और हेड कांस्टेबल को दो हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। सतर्कता अधिष्ठान विजिलेंस की टीम ने, दोनों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है, कि पासपोर्ट रिन्यू वेरिफिकेशन के नाम पर, आवेदक से दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी गयी थी।

जानकारी के अनुसार, नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने, कुछ समय पूर्व पासपोर्ट रिन्यू करवाने के लिये आवेदन किया था। नियमानुसार, रामनगर एलआईयू को पासपोर्ट वेरिफिकेशन करना था। बताया जा रहा है, कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिये आने पर, एलआईयू में तैनात दरोगा सौरभ राठी ने, पासपोर्ट धारक से संपर्क किया, और सही रिपोर्ट लगाने के एवज में रकम की मांग की।

आवेदक ने, इसकी जानकारी विजिलेंस को दे दी। उसने विजिलेंस से, रिश्वत की मांग कर रहे, दरोगा पर कार्रवाई की मांग की। विजिलेंस की ओर से, शिकायत की प्राथमिक स्तर पर जांच करवायी गयी। प्राथमिक जांच में शिकायत के सही होने की पुष्टि होने के बाद, विजलेंस ने ट्रैप टीम का गठन किया।

शनिवार को, विजिलेंस टीम के ट्रैप के अनुसार, आवेदक ने दरोगा सौरभ राठी से बातचीत की, और वेरिफिकेशन के लिये रकम देने की बात कही। राठी के बताये समय पर, आवेदक दो हजार की रकम लेकर, कोतवाली रामनगर स्थित एलआईयू कार्यालय में पहुंच गया।

विजिलेंस की ट्रैप टीम भी वहां मौजूद थी। बताया जा रहा है, कि रकम देने के लिये कहने पर, दरोगा राठी ने अपने पास बैठे हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह की ओर इशारा किया। इस पर आवेदक ने, दो हजार की राशि हेड कांस्टेबल गुरप्रीत के हाथ में थमा दी। हेड कांस्टेबल के रकम पकड़ते ही, विजिलेंस टीम ने उसे और दरोगा को दबोच लिया।

टीम दोनों को साथ ले गयी है। उनसे पूछताछ की जा रही है, साथ ही एलआईयू में रहते हुये, उनके द्वारा पहले की गयी जांचों के बारे में भी जानकारियां जुटायी जायेंगी। एसएसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने, जनता से अपील की है, कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के रिश्वत मांगने की स्थिति में, तत्काल विजिलेंस से शिकायत करें।

खानपुर में बीईओ, ऊधमसिंह नगर में जिला आबकारी अधिकारी धरे गये थे

जुलाई माह में, विजिलेंस द्वारा गिरफ्तारी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले, 12 जुलाई को हरिद्वार जिले के खानपुर में खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था। बीईओ अयाजुद्दीन ने विभागीय जांच में, क्लीन चिट देने के नाम पर, एक शिक्षक से यह रकम मांगी थी।

वहीं, ऊधमसिंह नगर जिले में दो जुलाई को, जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ, एक शराब कारोबारी ने विजिलेंस से शिकायत की थी। शराब कारोबारी का कहना था, कि जिला आबकारी अधिकारी ने, दस लाख की शराब उठाने के एवज में दस प्रतिशत की रकम घूस में मांगी।

शराब कारोबारी ने 30 हजार की रकम पहले देने की बात बतायी, जबकि 70 हजार और मांगे जाने की जानकारी दी थी। प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाये जाने के बाद, विजिलेंस टीम ने अशोक मिश्रा को, शराब कारोबारी से 70 हजार की रकम लेते रंगेहाथ धर लिया था।

जून में जीएसटी के सहायक आयुक्त की हुयी थी गिरफ्तारी

25 जून को, देहरादून स्थित राज्य कर विभाग कार्यालय में तैनात, सहायक आयुक्त शशिकांत दुबे 75 हजार की घूस लेते दबोच लिये गये थे। दुबे के खिलाफ राजधानी के एक रेस्टोरेंट संचालक ने शिकायत की थी। बताया था, कि दुबे ने रेस्टोरेंट के बिलों में गड़बड़ी की बात कहकर, जुर्माने और कार्रवाई का भय दिखाते हुये, यह रकम मांगी थी।

विजिलेंस को 1064 पर कॉल कर दें भ्रष्टाचार की जानकारी

विजिलेंस एसएसपी धीरेंद्र गुंज्याल ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी सरकारी विभाग, संस्थान में काम के बदले रिश्वत मांगे जाने पर वे घबरायें नहीं, बल्कि विजिलेंस को जानकारी दें। विजिलेंस टीम ने अपील की है कि लोग टोल फ्री नंबर 1064 पर घूस मांगने वालों के बारे में जानकारी दें तो टीम उन पर कार्रवाई करेगी।

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