Haldwani Riot Update: अवैध मदरसा तोड़ने के बाद भड़के दंगे ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी को देशभर में चर्चाओं में ला दिया है। दंगे के बाद हल्द्वानी में कर्फ्यू जारी है, वहीं जिला प्रशासन ने साफ किया है कि दंगा सुनियोजित तरीके से भड़काया गया। अब तक कि जांच में साफ हुआ है कि बीते कई दिनों से इसकी तैयारी की जा रही थी। अब प्रशासन दंगाइयों को चिह्नित करने के साथ उन पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध निर्माण ढहाने गयी नगर निगम, पुलिस, प्रशासन की टीम पर गुरुवार शाम भीड़ ने हमला कर दिया। इसके बाद दंगा भड़क गया, जिसमें कुछ लोगों की मौत की सूचना है, जबकि 300 से अधिक घायल हुए हैं। थाना और दर्जनों गाड़ियां फूंकी गयी हैं। पुलिस को कई राउंड फायरिंग भी करनी पड़ी, जिसके बाद हल्द्वानी में कर्फ्यू जारी है।
शुक्रवार को नैनीताल जिलाधिकारी वंदना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी घटना की जानकारी दी। डीएम ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र में एक स्थान पर सरकारी भूमि पर कब्जे किये गए हैं, जिसे लोग मलिक का बगीचा नाम से जानते हैं। यहीं, एक अवैध मदरसा चल रहा था, जबकि एक अन्य भवन भी था। ये दोनों भवन अवैध थे।
डीएम ने बताया कि इन भवनों समेत अन्य अतिक्रमण को भी हटाने के लिये 30 जनवरी को नोटिस जारी कर दिए गए थे। कोर्ट से भी अतिक्रमणकारियों को कोई राहत नहीं मिली थी। इस बीच मौका देने की मांग पर, उनकी आपत्तियां भी सुनी गयीं। इसके बाद गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गयी। इसके लिये नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची।
डीएम ने बताया कि टीम जब अतिक्रमण ढहा रही थी, उसी दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया था। इसके करीब 45 मिनट बाद चारों ओर से अचानक भीड़ उमड़ी और पुलिस पर पत्थरों से हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि इस दौरान आसपास की गलियों में स्थित घरों की छतों से भी पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गये।
जिलाधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों, प्रशासनिक और निगम कर्मियों-अधिकारियों की ओर से तब तक न लोगों पर कोई कार्रवाई की गई थी, न ही उन्हें किसी भी तरह भड़काया गया। पुलिस ने किसी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की। इसके बावजूद अचानक ही हमला कर दिया गया। इस दौरान क्षेत्र के सभी रास्तों पर पथराव, आगजनी की गयी।
उन्होंने बताया कि अब तक कि जांच में साफ हुआ है कि यह दंगा साजिश के तहत भड़काया गया। बताया कि नोटिस दिए जाने के बाद क्षेत्र में ड्रोन फोटोग्राफी की गयी थी, तब घरों की छतों पर कहीं पत्थर नहीं नजर आ रहे हैं। लेकिन गुरुवार को ड्रोन कैमरों में घरों की छतों पर पत्थरों के ढेर रखे साफ दिख रहे हैं।
इससे साफ है कि अतिक्रमण ध्वस्त करने का नोटिस दिए जाने के बाद से ही तैयारी शुरू कर ली गयी थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह के हालात बनाये गये, उससे पता चलता है कि पहले से तय करके रखा गया था कि जिस भी दिन अवैध निर्माण ढहाने का काम किया जाएगा, उसी दिन इस तरह हमला कर दंगा भड़काया जाएगा।
डीएम ने कहा कि पथराव और आगजनी के दौरान पुलिस पर न सिर्फ पत्थर बरसाए गये, बल्कि पेट्रोल बम भी चलाये गये हैं। इस दौरान थाने पर हमला कर अधिकारियों को बाहर नहीं निकलने दिया गया, उन्हें जिंदा जलाने की भी कोशिश की गयी है। डीएम ने कहा कि फुटेज के आधार पर दंगे के आरोपियों की पहचान का काम शुरू कर दिया गया है।
दंगाइयों से होगी नुकसान की वसूली: बताया जा रहा है कि दंगा भड़काने वाले, पथराव और आगजनी करने वालों पर पुलिस-प्रशासन सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस सम्बंध में कड़े निर्देश दे चुके हैं। बताया जा रहा है कि प्रशासन दंगे से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। दंगाइयों को पकड़ने के बाद, उनसे ही इसकी वसूली की जाएगी।
बनभूलपुरा में फ्लैग मार्च: गुरुवार रात के दंगे के बाद शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षा बलों ने बनभूलपुरा क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। पुलिसकर्मी क्षेत्र की गलियों में जगह-जगह आगजनी के बाद लगे मलबे के ढेरों को हटाते रहे।
जिलाधिकारी ने क्या कहा, सुनिये-