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Kedarnath Yatra 2024: ऊखीमठ से श्रीकेदारधाम निकली बाबा की पंचमुखी चलविग्रह डोली

Kedarnath Yatra 2024: चारधाम यात्रा 2024 (Chardham Yatra 2024) आरंभ होने में अब चार दिन शेष हैं। दस मई को श्रीकेदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ यात्रा आरंभ हो जायेगी। श्रीकेदारधाम के कपाट खुलने से पहले ऊखीमठ के ओंकारेश्वर से भगवान श्रीकेदारनाथ की पंचमुखी चलविग्रह डोली, केदारनाथ के लिये निकली। नौ मई को डोली के श्रीकेदारनाथ धाम पहुंचने के बाद, अगले दिन कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे।

उत्तराखंड के चार धामों में एक श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल में बंद होने के दौरान, भगवान की पंचमुखी चलविग्रह डोली, शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में रहती है। ग्रीष्मकाल में श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले डोली यहां से निकलती है। सोमवार सुबह विधिवत पूजा-अर्चना के बाद, डोली केदारधाम के लिये रवाना हो गयी।

इससे पूर्व, रविवार रात से ही ओंकारेश्वर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु डोली के दर्शनों के लिये जुटे रहे। इस दौरान भारतीय सेना के बैंड की धुनों पर भक्त हर हर महादेव के जयकारे लगाते रहे। सुबह डोली अपने पहले यात्रा पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी के लिये निकली। डोली सोमवार रात विश्वनाथ मंदिर में रहने के बाद, मंगलवार सुबह आगे रवाना होगी।

डोली के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी श्रीकेदारनाथ धाम के लिये निकले हैं। बता दें कि डोली की यह यात्रा पैदल ही पूरी की जाती है। चारदिवसीय यात्रा का दूसरा पड़ा सात मई को रुद्रप्रयाग जिले का फाटा होगा। वहां रात्रि विश्राम के बाद, डोली आठ मई को गौरीकुंड पहुंचेगी। इसके अगले दिन, यानी नौ मई को डोली श्रीकेदारनाथ धाम पहुंच जायेगी।

12 मई को खुलने हैं श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट

श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट, शेष तीनों धामों के कपाट खुल जाने के दो दिन बाद, यानी 12 मई को खुलने हैं। श्री बदरीनाथ धाम दर्शन के लिये जाने के लिये भी ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। दूसरी ओर, हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा के कपाट भी 25 मई से खुलने वाले हैं।

जानिये, चारधाम यात्रा का सही क्रम

अगर आप 2024 में उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा करने का मन बना चुके हैं, तो यात्रा का सही क्रम जरूर जान लीजिये। यानी, सबसे पहले किस धाम में जाना है और सबसे अंत में किस धाम के दर्शन किये जाते हैं। परंपरा के अनुसार, चारधाम यात्रा दक्षिणावर्त क्रम में की जाती है। इस लिहाज से सबसे पहले यमुनोत्री, उसके बाद गंगोत्री के दर्शन किये जाते हैं। यहां से श्रीकेदारनाथ धाम और अंत में श्रीबदरीनाथ धाम के दर्शन करने की मान्यता है।

20.48 लाख यात्री करा चुके पंजीकरण

चारधाम यात्रा के लिये यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य है, यानी बिना पंजीकरण करवाये कोई भी यात्री चारधाम नहीं जा सकेगा। राज्य सरकार ने 15 अप्रैल से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की थी। अब तक 20 दिन में 20 लाख 48 हजार से अधिक यात्री चारधाम यात्रा के लिये पंजीकरण करवा चुके हैं। पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया जानने के लिये यहां क्लिक कीजिये

आठ मई से ऑफलाइन पंजीकरण शुरू

चारधाम यात्रा के लिये ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पाने वाले यात्रियों के लिये जल्द ऑफलाइन प्रक्रिया भी शुरू होगी। इसके लिये हरिद्वार और ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्र बनाये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा पर जाने के इच्छुक यात्री इन केंद्रों पर पहुंचकर पंजीकरण करवा सकेंगे। ऑफलाइन पंजीकरण आठ मई से शुरू होंगे।

मई के लिये पंजीकरण बंद, अब जून के लिये शुरू

यात्रियों के भारी संख्या में पंजीकरण होने के बाद, चारधामों में भीड़ बढ़ने के आसार बनते देख, सरकार ने निर्धारित संख्या में ही यात्रियों को भेजने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब मई माह में चारधाम जाने वाले यात्रियों के पंजीकरण बंद हो गये हैं। अब जो भी यात्री पंजीकरण करवा रहे हैं, वे जून माह में यात्रा पर जा सकेंगे।

कैंसल हेली टिकटों की बुकिंग आज से

केदारनाथ धाम के लिये हेलीकॉप्टर सेवाओं के टिकट की बिक्री भी सोमवार से शुरू हो रही है। आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर मई-जून माह के लिये निकाले गये 52000 स्लॉट पहले ही पूरी तरह बुक हो चुके थे। बताया जा रहा है, कि इनमें से कुछ टिकट यात्रियों ने कैंसल करवाये हैं। सोमवार को इन कैंसल टिकटों पर बुकिंग के लिये पोर्टल खोला जायेगा। टिकट बुकिंग से पहले यात्रा पंजीकरण अनिवार्य है।

पहले 15 दिन धामों में नहीं होंगे वीआईपी दर्शन

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