Kenya Protests: अफ्रीकी देश केन्या में, सरकार की नीतियों के विरोध में जनता का प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। लगातार जारी विरोध प्रदर्शनों, हिंसक झड़पों और संसद पर हमले के बाद, भारत ने केन्या में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिये एडवाइजरी जारी कर दी है। भारतीय नागरिकों को, हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी गयी है।
केन्या में पिछले कई दिनों से, विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसकी वजह, सरकार द्वारा लागू किया जा रहा, वह नया कानून (Kenya Finance Bill 2024) है, जिसमें टैक्सों में बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है। मई में पहली बार यह बिल संसद में पेश किया गया था। जानकारी के अनुसार, इसमें पढ़ाई से लेकर अन्य आवश्यक सेवाओं पर भी टैक्स बढ़ाने की तैयारी है।
सांसदों और सरकार का मानना है, कि टैक्स में बढ़ोतरी करने से, सरकार को जनहित के काम करने में मदद मिलेगी। दावा है, कि टैक्स से मिलने वाली रकम से, देश में सड़कों के निर्माण, स्कूली शिक्षकों को बेहतर वेतन, बुनियादी सुविधाओं के विकास और किसानों को खाद में सब्सिडी देने जैसे आवश्यक कामों में मदद मिलेगी।
संसद में यह कानून पेश किये जाने की जानकारी आने के बाद से ही, केन्या की जनता सड़कों पर है। लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है, कि यह बिल पारित होने के बाद, केन्या में महंगाई बढ़ जायेगी। आम आदमी के लिये, रोज का खाना जुटा पाना भी मुश्किल हो जायेगा। इससे पहले से ही परेशान जनता की मुश्किलें और बढ़ जायेंगी।
इस बीच, मंगलवार को संसद में इस कानून पर चर्चा की गयी, तो प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया। संसद में 195 में से 106 सांसदों ने बिल के समर्थन में मतदान किया। यह पता चलते ही, प्रदर्शनकारियों ने संसद पर हमला बोल दिया।
संसद परिसर में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी भी की गयी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिये, सुरक्षाकर्मियों की ओर से फायरिंग की गयी। फायरिंग में पांच लोगों की मौत और 31 के घायल होने की जानकारी है। हमले के बाद, सांसदों को भूमिगत सुरंग के जरिये सुरक्षित निकाला गया। इसके बाद से, वहां माहौल खराब बना हुआ है।
ADVISORY FOR INDIAN NATIONALS IN KENYA
In view of the prevailing tense situation, all Indians in Kenya are advised to exercise utmost caution, restrict non-essential movement and avoid the areas affected by the protests and violence till the situation clears up.
— India in Kenya (@IndiainKenya) June 25, 2024
केन्या में बिगड़े हालात पर भारत सरकार भी नजर बनाये हुये है। केन्या में रह रहे भारतीयों के लिये, विशेष सलाह जारी कर दी गयी है। भारतीय दूतावास ने, केन्या में रह रहे सभी भारतीयों से घरों में ही रहने की अपील की है। कहा है, कि भारतीय बिना वजह अपने घरों से बाहर नहीं निकलें।
भारतीयों से हिंसा और प्रदर्शन प्रभावित क्षेत्रों से भी, तब तक दूर रहने के लिये कहा गया है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। इसके अलावा, भारतीय दूतावास ने भरतीयों से अपील की है, कि वे दूतावास के संपर्क में रहें और किसी भी तरह की परेशानी की स्थिति में दूतावास को जानकारी दें।
बराक ओबामा की बहन ऑमा ओबामा भी चोटिल
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सौतेली बहन, ऑमा ओबामा भी नये कानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन की अगुवाई कर रही हैं। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के दौरान, वह भी चोटिल हो गयी थीं। ऑमा का कहना है, कि युवाओं के प्रदर्शन पर सवाल उठाने के बजाय, देश को बचाने के लिये सभी को आगे आना चाहिये।
Press Briefing, State House, Nairobi. pic.twitter.com/XaCbLshV2K
— William Samoei Ruto, PhD (@WilliamsRuto) June 25, 2024
राष्ट्रपति बोले, संसद के बुनियादी अधिकारों पर हमला
राष्ट्रपति विलियम समोई रूटो का कहना है, कि कुछ हिंसक लोगों के द्वारा, संसद के संवैधानिक और बुनियादी अधिकारों पर हमला किया गया है। यह देश के लिये चिंताजनक स्थिति है। रूटो का कहना है, कि संगठित अपराधियों के समूह ने, देश की संसद और संविधान पर हमला किया, जिसमें राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान के साथ, कुछ जिंदगियों का भी नुकसान हुआ है।
राष्ट्रपति रूटो का कहना है, कि केन्या और केन्या के नागरिकों की सुरक्षा के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार ने स्थिति को काबू करने के लिये जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। राष्ट्रपति का कहना है, कि हिंसक अपराधियों पर कार्रवाई की जायेगी।
राष्ट्रपति रूटो का यह भी कहना है, कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार लोकतांत्रिक रूप से विमर्श के लिये तैयार है। लेकिन, संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान बनाये रखना आवश्यक है। यह दुःखद है, कि कुछ खतरनाक किस्म के लोग प्रदर्शन और विरोध के नाम पर, निर्दोष नागरिकों को बरगलाने के साथ राष्ट्रीय संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं। राष्ट्रपति का कहना है, कि वह और सरकार केन्या के नागरिकों के लिये प्रतिबद्ध है।
विलियम रूटो को झेलनी पड़ रही आलोचना
केन्या के राष्ट्रपति विलियम समोई रूटो ने दो साल पहले, 2022 में ही देश के पांचवें राष्ट्रपति के तौर पर कमान संभाली है। हालिया घटनाक्रम के बाद, भले ही संसद में वह नये वित्त विधेयक पर सांसदों का बहुमत प्राप्त करने में कामयाब हो गये हैं, लेकिन जनता के विरोध के बाद, विपक्ष के निशाने पर हैं।
STATEMENT BY HIS EXCELLENCY UHURU KENYATTA, C.G.H, FOURTH PRESIDENT OF THE REPUBLIC OF KENYA. pic.twitter.com/N1AeMHxvMp
— Office of the 4th President of Kenya. (@4thPresidentKE) June 25, 2024
सांसदों को सुननी होगी जनता की आवाज
केन्या के चौथे राष्ट्रपति उहुरू कीनियाती ने, जनता के नाम एक संदेश जारी कर कहा है, कि वह हालिया घटनाओं से दुःखी हैं। उनका कहना है, कि सांसदों को यह समझना होगा, कि उन्हें जनता ने ही चुनकर संसद में भेजा है। ऐसे में उन्हें जनता की आवाज को सुनना ही होगा।
उहुरू कीनियाती का कहना है, कि प्रदर्शन करना जनता का अधिकार है। नेताओं को यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिये, कि आज उन्हें जो अधिकार और सत्ता मिली है, वह जनता ने ही दी है। कीनियाती का कहना है, कि सांसदों को जनता की बात सुनने के बाद ही कोई फैसला करना चाहिये।