Rajkiya Shikshak Sangh: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड में, पदाधिकारियों और शिक्षक नेताओं के बीच चल रही खींचतान चरम पर पहुंच गयी है। हालत यह है, कि संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे में भी, चौहान ने कुछ पदाधिकारियों पर संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड से बड़ी खबर है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने, संगठन के महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली को अपना त्यागपत्र भेज दिया। चौहान ने अपने इस्तीफे में राजकीय शिक्षक संघ के ही कुछ पदाधिकारियों को, अपने इस निर्णय के लिये जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, पत्र में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिखा है।
चौहान ने लिखा है, कि राजकीय शिक्षक संघ के कुछ जनपदीय और प्रांतीय पदाधिकारी, लगातार संघ विरोधी गतिविधियों मंे संलिप्त हैं। उनका कहना है, कि ये पदाधिकारी स्वयं की लोकप्रियता के लिये, संघ के विचार से अलग जाकर काम कर रहे हैं।
चौहान के अनुसार, उन्होंने स्वयं इन पदाधिकारियों से बातचीत की थी। मौखिक तौर पर पदाधिकारियों को, संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने को भी कहा गया था। इसके बावजूद, संबंधित पदाधिकारी नहीं मान रहे हैं। चौहान ने आगे लिखा है, कि इस तरह की परिस्थिति में, वह संगठन के कार्य कर पाने में असमर्थ हैं, और इस्तीफा दे रहे हैं।
‘शासन-विभाग स्तर पर नहीं हो रहे हैं शिक्षकों के काम’
चौहान ने लिखा है, कि संगठन के पदाधिकारियों के, संगठन विरोधी कार्य करने से, अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। उन्होंने त्यागपत्र में लिखा है, कि शिक्षकों के बीच इस मतभेद का, सरकार, शासन और विभाग भी लाभ उठा रहे हैं। इसके चलते शिक्षकों की जायज मांगों पर भी सुनवाई नहीं हो पा रही। शिक्षकों के लंबित प्रकरण निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं।
अल्मोड़ा अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गये थे चौहान
राम सिंह चौहान लंबे समय से शिक्षक संघ की राजनीति में सक्रिय हैं। पिछले साल जुलाई में, अल्मोड़ा में संपन्न राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन में संघ की नयी कार्यकारिणी का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में राम सिंह चौहान ने 993 वोट के अंतर से निकटतम प्रतिद्वंद्वी और संघ के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र सिंह राणा को शिकस्त देकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी। चौहान वर्तमान में डाइट देहरादून में कार्यरत हैं।
‘कई लंबित प्रकरणों का शासन से करवाया है समाधान’
राम सिंह चौहान ने, अपने त्यागपत्र में यह भी जिक्र किया है, कि संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष के तौर पर, उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षकों की कई लंबित समस्याओं के निस्तारण के लिये निरंतर प्रयास किये। कई लंबित मामलों का शासन स्तर से समाधान भी करवाया गया।
प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती के मुद्दे पर भी है मतभेद
जानकारी के अनुसार, शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के बीच, प्रधानाचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती के मुद्दे को लेकर लंबे समय से मतभेद बना हुआ है। राम सिंह चौहान प्रधानाचार्य के पदों को सौ प्रतिशत पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने की बात कहते रहे हैं। वहीं, संघ के कुछ पदाधिकारी 50 प्रतिशत तक सीधी भर्ती के पद रखने की बात पर सहमत हैं।
चौहान ने, एक दिन पहले ही एक बार फिर इस मुद्दे पर अपनी बात सोशल मीडिया पर रखी है। उन्होंने पांच साल पुरानी, 24 जून 2019 की अपनी ही फेसबुक पोस्ट को शेयर किया है। इस पोस्ट में चौहान ने स्पष्ट लिखा है, कि संघ के पुराने पदाधिकारियों ने, लंबी जद्दोजहद के बाद, सौ फीसदी पदों पर पदोन्नति का आदेश करवाया था। इसमें कोई बदलाव नहीं होने देना चाहिये।
12 जून को की थी शिक्षा मंत्री से मुलाकात
इससे पहले, 12 जून को शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात की थी। इस दौरान भी चौहान ने, पदोन्नति का मसला उठाया। चौहान ने बाद में बताया था, कि शिक्षा मंत्री ने स्थानांतरण, यात्रा अवकाश, पदोन्नति में काउंसिलिंग जैसे मसलों पर मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद ठोस निर्णय लेने का आश्वासन दिया था।
अध्यक्ष के इस्तीफे पर शिक्षक दे रहे प्रतिक्रियाएं
राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद, संघ के नेताओं के मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं। वहीं, शिक्षकों में भी इसे लेकर माहौल गरमाया हुआ है। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर, शिक्षकों के बीच इस्तीफे की चर्चाएं तेज हैं। कुछ शिक्षक अध्यक्ष की जिम्मेदारी, किसी अन्य पदाधिकारी को देने की बात कह रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि चौहान को पुनर्विचार करना चाहिये।
चौहान से बात करने जाने वाले हैं पदाधिकारी
जानकारी के अनुसार, इस्तीफे की जानकारी मिलने के बाद, शिक्षक संघ के कुछ प्रांतीय पदाधिकारी राम सिंह चौहान से मुलाकात करने वाले हैं। बताया जा रहा है, कि प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली जल्द ही, चौहान से बातचीत करेंगे। जानकारी के अनुसार, पैन्यूली शिक्षकों के हित में, राम सिंह चौहान को यह इस्तीफा वापस लेने के लिये मना सकते हैं।