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Uttarakhand Assembly: ‘विधायकों का फोन आये तो माननीय जरूर बोलें अधिकारी’

Uttarakhand Assembly: उत्तराखंड विधानसभा के सत्र के दूसरे दिन अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सरकार को विधायकों के विशेषाधिकारों की रक्षा के निर्देश दिये। कहा कि राज्य सरकार इस सम्बंध में मुख्य सचिव के माध्यम से सभी अधिकारियों को निर्देशित करे।

बुधवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विशेषाधिकार अवहेलना के विषय पर किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने अपना मसला रखा। कहा कि उनके क्षेत्र में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों के विज्ञापनों, निमंत्रण पत्रों में उनका नाम नहीं दिया जा रहा है।

विधायक ने कहा कि बीते दिनों नगर पालिका में सीएम के एक कार्यक्रम में भी ऐसा किया गया, जबकि वह विधायक के साथ पालिका के पदेन सदस्य भी हैं। बेहड़ ने कहा कि इसी तरह यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों में भी हुआ। शिलापट्टों पर भी उनका नाम नहीं दिया जा रहा है।

विधायक ने कहा कि यह नियमावली में निर्धारित है कि विधायक चाहे सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का, क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रम में उनका नाम दिया जाना चाहिये। बेहड़ ने कहा कि पहले भी इस तरह का मामला रखा गया था, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश भी दिये थे, लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।

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विधायक की पीड़ा पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी सहमति जतायी। उन्होंने सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार विधायकों के विशेषाधिकार की रक्षा सुनिश्चित करे।

उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस पर निर्देश दे चुकी हैं। अब दोबारा निर्देश दिये जा रहे हैं। कहा कि सरकार मुख्य सचिव के जरिये राज्य के सभी जिलाधिकारियों और अन्य विभागों के अफसरों को निर्देशित करवायें कि वे विधायकों के प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखें।

विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने यह भी निर्देश दिये कि अधिकारी जब भी विधायक की कॉल अटेंड करें तो माननीय शब्द का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें। विधायकों ने मेजें थपथपाकर अध्यक्ष के इस निर्देश पर खुशी जतायी।

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इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने विधायक तिलकराज बेहड़ से उनका प्रकरण लिखित रूप से भी पीठ के समक्ष रखने को कहा। दरअसल, बेहड़ ने अध्यक्ष को इसकी लिखित जानकारी नहीं दी थी। चर्चा के दौरान ही उन्होंने मौखिक रूप से अपनी शिकायत रखी।

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