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Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में डोली धरती, घरों से निकले लोग

Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोगों में दहशत का माहौल रहा। भूकंप से सहमे लोग घरों से बाहर निकल आये। कुछ सेकंड के लिये महसूस किये गये झटकों की तीव्रता काफी कम रही। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र जमीन में पांच किलोमीटर नीचे था। हालांकि, भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ है।

जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह करीब 08ः35 बजे उत्तरकाशी में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। इस दौरान लोग डरकर घरों से बाहर निकल आये। कुछ सेकंड तक डोलने के बाद धरती फिर शांत हो गयी। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली और घरों को लौटे। वहीं, प्रशासनिक अमला भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये सतर्क रहा।

उधर, नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी यानी एनसीएस की ओर से जारी की गयी जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी में दर्ज किये गये इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गयी है। इस भूकंप का केंद्र धरती में करीब पांच किलोमीटर गहराई पर था। भूकंप से कहीं किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

भारत में तीन और जगह भूकंपः एनसीएस की ओर से जारी जानकारी के अनुसार सोमवार को ही बंगाल की खाड़ी और अंदमान निकोबार द्वीप समूह में भी धरती डोली है। बंगाल की खाड़ी में 37 किलोमीटर गहराई पर स्थित केंद्र से उठे भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गयी। बंगाल की खाड़ी में यह भूकंप सुबह 09ः38 बजे आया।

इससे पहले देर रात 02ः31 बजे अंदमान निकोबार द्वीप समूह के निकट अंदमान समुद्र में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। यहां भूकंप का केंद्र धरती में 35 किलोमीटर की गहराई पर रहा। अंदमान के इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गयी। हालांकि, उत्तरकाशी समेत किसी भी जगह भूकंप से कोई नुकसान नहीं होने की सूचना है।

भारत में सोमवार को ही भूकंप दर्ज किये जाने की चौथी जगह मेघालय रही। मेघालय के दक्षिणी गारो पहाड़ियों पर सोमवार सुबह 10ः32 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। एनसीएस के अनुसार इस भूकंप का केंद्र भी धरती से करीब 10 किलोमीटर नीचे था। अच्छी बात यह है कि यहां भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

जापान में भी महसूस हुये झटकेः सोमवार को जापान में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। एनसीएस के अनुसार टोक्यो से करीब 694 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व दिशा में इस भूकंप का केंद्र स्थित था। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गयी है। इससे एक दिन पहले यानी 24 सितंबर को अफगानिस्तान में भी 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।

इसी महीने ढाका, म्यांमार में भी झटकेः सितंबर माह में बांग्लादेश के ढाका और म्यांमार के मॉलेक सागाइन में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। 11 सितंबर को मॉलेक सागाइन में 4.9 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र धरती में 117 किलोमीटर नीचे था। वहीं, ढाका में 4.0 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर नीचे रहा।

आज भी त्रासदी को नहीं भूला है उत्तरकाशीः उत्तरकाशी में सोमवार को लंबे समय बाद भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। इन झटकों ने लोगों को एक बार फिर 1991 की भयावह त्रासदी की याद दिला दी। तब 19 अक्टूबर 1991 को आये भूकंप ने उत्तरकाशी और चमोली जिले में सब कुछ तहस नहस कर डाला था।

वर्ष 1950 से अब तक के भारत के तीन सबसे बड़े विनाशकारी भूकंपों में उत्तरकाशी का यह भूकंप तीसरे नंबर पर आता है। रिक्टर पैमाने पर सात तीव्रता वाले उस भूकंप ने तब 2000 से अधिक लोगों की जान ली थी। सैकड़ों घर नेस्तनाबूत हो गये थे, जबकि हजारों लोग बेघर होकर लंबे समय तक राहत शिविरों में रहने को मजबूर रहे।

भारत में भुज का भूकंप सबसे विनाशक रहाः भारत में 1950 से अब तक का सबसे बड़ा और सबसे घातक भूकंप गुजरात के भुज का भूकंप रहा। 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप के झटके राजकोट, अहमदाबाद के अलावा पाकिस्तान में भी महसूस किये गये थे। इस भूकंप ने 20005 लोगों की जान ली थी।

इससे पहले वर्ष 1993 में महाराष्ट्र के लातूर में बड़ा भूकंप आया था। 29 सितंबर 1993 के इस भूकंप का केंद्र धरती में 48 किलोमीटर की गहराई पर था। इसके बावजूद इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गयी थी। इस घातक भूकंप ने उस वक्त 11000 लोगों की जान ली थी।

 

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