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Uttarakhand Landslides: रुद्रप्रयाग में मलबे में दबकर 4 की मौत, एनएच 534 समेत कई सड़कें बंद

Uttarakhand Landslides

रुद्रप्रयाग में मलबे में दबे शवों को निकालने में जुटे एसडीआरएफ कर्मी।

Uttarakhand Landslides: उत्तराखंड में बुधवार-बृहस्पतिवार को लगातार भारी बारिश के बाद, कई जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आयी हैं। रुद्रप्रयाग में मलबे में दबकर चार लोगों की जान चली गयी। मारे गये चारों नेपाली नागरिकों के शव बरामद कर लिये गये हैं। वहीं, मौसम विभाग ने अगले पांच दिन भी उत्तराखंड में बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। राज्य में यलो अलर्ट जारी है।

उत्तराखंड में पिछले दो दिन से लगातार भारी बारिश का दौर बना रहा। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में कई जगहों पर जलभराव और बाढ़ के हालात बने रहे। बृहस्पतिवार देर रात, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फाटा हेलीपैड के पास भारी भूस्खलन हुआ। यहां भारी बारिश के बाद, खाट गदेरा उफान पर आ गया।

गदेरे में भारी मात्रा में पानी के साथ, मलबा और बोल्डर भी आ गये। इससे हेलीपैड के पास ही, रह रहे चार नेपाली नागरिक मलबे में दब गये। हादसे की जानकारी मिलते ही, पुलिस-एसडीआरएफ की टीमें देर रात ही मौके पर पहुंच गयी थीं। कड़ी मशक्कत के बाद, मलबे से चारों युवकों के शव बरामद कर लिये गये।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार की ओर से जारी की गयी जानकारी के अनुसार, चारों नेपाली नागरिकों के नाम, तुल बहादुर, पूरना नेपाली, किशना परिहार एवं दीपक बुरा बताये गये हैं। जिला प्रशासन ने चारों शवों को जिला अस्पताल पहुंचा दिया है। चारों युवकों के परिजनों से जिला प्रशासन संपर्क करने की कोशिश में है।

Uttarakhand Landslides: नेशनल हाईवे 534 कोटद्वार-दुगड्डा के बीच फिर बंद हुआ

कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे 534, कोटद्वार से दुगड्डा के बीच एक बार फिर बंद हो गया है। देर रात भारी बारिश के बाद, आमसौड़ के पास गदेरा उफान पर आ गया। इसके साथ ही, यहां पहाड़ी से भारी मलबा गदेरे में बहता हुआ, सड़क पर आ गया है। इससे हाईवे पर दो से तीन फीट मलबा भर गया है।

हाईवे पर, कोटद्वार-दुगड्डा के बीच पांचवें मील समेत कुछ अन्य स्थानों पर भी मलबा आया है। इससे सड़क पर यातायात बाधित है। पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं। जेसीबी लगवाकर सड़क को खोलने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, आमसौड़ के पास सड़क खोलने में अभी कुछ और समय लगने की बात कही जा रही है।

Uttarakhand Landslides: राज्यभर में सौ से अधिक सड़कें बंद, घरों में भरा पानी

भारी बारिश के बाद, राज्य में सौ स्थानों पर सड़कें बंद होने की सूचना है। चमोली जिले में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे कंचननाला, गुलाबकोटी, पागलनाला और नंदप्रयाग के पास भारी मलबा आने के कारण बंद है। वहीं, देवाल ब्लॉक में पैदल पुल टूट गया है। इसी तरह, पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर मलबा आने से संपर्क मार्ग बंद हैं।

Uttarakhand Landslides: आज बागेश्वर-देहरादून में ऑरेंज, 27 अगस्त तक राज्य में यलो अलर्ट

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिये, राज्य के दो जिलों बागेश्वर और देहरादून में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में भी हल्की बारिश होने के आसार हैं। वहीं, 27 अगस्त तक राज्य में बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक के लिये, उत्तराखंड में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार, इस दौरान पूरे राज्य में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा, कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों से, सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्कता बरतने की भी अपील की है।

Uttarakhand Landslides: देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में उफनायी नदी

बृहस्पतिवार देर रात देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित, टपकेश्वर मंदिर के पास नदी उफान पर रही। नदी में भारी पानी आने से, नदी के दूसरी ओर स्थित मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर की सीढ़ियां पूरी तरह डूब गयी थीं। दूसरी ओर, नदी के उफान पर आने से, गढ़ी कैंट और आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में लोग रातभर दहशत में रहे।

Uttarakhand Landslides: गंगा समेत कई नदियां खतरे के निशान के पास पहुंचीं

लगातार भारी बारिश के बाद, अलकनंदा, पिंडर, बालगंगा और गंगा नदियां उफान पर हैं। देवप्रयाग में गंगा के खतरे के निशान से करीब दो मीटर उपर बहने की सूचना है। श्रीनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार में भी गंगा का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। लोगों से नदियों के किनारे नहीं जाने की अपील की जा रही है।

Uttarakhand Landslides: 31 जुलाई को केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फटा था बादल

श्रीकेदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर, 31 जुलाई को बादल फट गया था। भीमबली के पास बादल फटने से, पैदल यात्रा मार्ग बंद हो गया था। वहीं, रामबाड़ा, जंगलचट्टी, गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक सड़क मार्ग भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद, अगले कुछ दिन तक केदारनाथ यात्रा बाधित भी रही थी।

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