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Wealth Redistribution Row: राहुल के सलाहकार सैम पित्रोदा के बयान पर बवाल, कांग्रेस घिरी

Wealth Redistribution Row: संपत्ति वितरण प्लान को लेकर निशाने पर आयी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के बयान के बाद और घिरती नजर आ रही है। सैम पित्रोदा ने कांग्रेस की इस कथित योजना को सही करार देने के साथ भारत में अमेरिका की तर्ज पर उत्तराधिकार कर कानून (Inheritance Tax Law) लागू किये की भी जरूरत जतायी है। वहीं, पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी समेत भाजपा ने सियासी हमला तेज कर दिया है।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिये जारी चुनाव प्रचार में इन दिनों मंगलसूत्र, संपत्ति वितरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर लगातार तीखे वार कर रहे हैं। इसके पीछे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कुछ दिन पहले दिया गया संपत्ति वितरण से जुड़ा बयान है। इसमें कहा गया था कि देश के सभी लोगों की संपत्ति, आय की पूरी जांच करायी जायेगी।

इस मसले पर अमेरिका के शिकागो में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भी बयान दिया। पित्रोदा ने संपत्ति वितरण को लेकर चल रही बातों के संबंध में कांग्रेस के विरोध को गलत करार दिया। सैम पित्रोदा ने उदाहरण देते हुये कहा कि अमेरिका में उत्तराधिकार कर (Inheritance Tax Law) की व्यवस्था लागू है। इस कानून के तहत, किसी व्यक्ति के पास सौ मिलियन डॉलर की संपत्ति है तो उसका निधन हो जाने के बाद, उसकी संपत्ति का 45 प्रतिशत हिस्सा ही उसके परिवार को मिलता है।

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पित्रोदा ने बताया कि उस व्यक्ति के निधन के बाद उसकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार अधिग्रहीत कर लेती है, जिसका उपयोग बाकी लोगों की मदद के लिये किया जाता है। पित्रोदा ने यह भी कहा कि यह कानून कहता है कि आपने अपने दौर मंे संपत्ति हासिल की, लेकिन अपने जाने के बाद, आपको अपनी आधी संपत्ति जनता के लिये छोड़ देनी चाहिये।

पित्रोदा के अनुसार, उन्हें यह कानून उचित लगता है। भारत में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां अगर कोई अरबपति मरता है तो उसकी सारी संपत्ति उसके बच्चों को मिल जाती है। जनता को कुछ नहीं मिलता है। उनका कहना है कि भारत में भी इस तरह के कानून बनाने पर विमर्श होना चाहिये। सैम पित्रोदा ने कहा कि जब हम संपत्ति वितरण की बात कहते हैं, तो उसका अर्थ नयी नीतियों से है। ये नयी नीतियां लोगों के हित में हैं, अमीरों के नहीं।

पीएम मोदी बिना वजह कर रहे हैं बयानबाजी

सैम पित्रोदा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संपत्ति वितरण के मामले पर बिना वजह बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बात सिर्फ यह है कि कांग्रेस पार्टी ऐसी नीतियां बनायेगी, जिससे संपत्ति वितरण बेहतर होगा। उदाहरण देते हुये कहा कि अमेरिका में जैसे न्यूनतम मजदूरी लागू है, तो यह कहना कि किसी व्यक्ति को उसके काम का न्यूनतम कितना पारिश्रमिक मिलेगा, यही संपत्ति वितरण है।

कांग्रेस नहीं चाहती, सामान्य भारतीय बच्चों को संपत्ति दे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भोपाल में चुनावी रैली को संबोधित किया। सैम पित्रोदा के बयान के बाद जैसा माना जा रहा था, मोदी ने उनका जिक्र अपने भाषण में किया और जनता से कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि सामान्य भारतीय अपने बच्चों को संपत्ति दे। कांग्रेस का कहना है कि वो उत्तराधिकार कर वसूलेगी। माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाया जायेगा।

पीएम ने कहा कि आप जो भी कमाते हैं, वह आपके बच्चों को नहीं मिलेगा। कांग्रेस का पंजा उसे छीन लेगा। पीएम मोदी ने कहा कि सैम पित्रोदा ने कुछ समय पहले ही यह भी कहा था कि देश के मध्यमवर्गीय परिवारों पर और अधिक टैक्स लगाया जाना चाहिये। जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस टैक्स से मारेगी, जब जीवित नहीं रहेंगे, विरासत टैक्स वसूलेगी।

बयान से कांग्रेस असहज, पित्रोदा से पल्ला झाड़ा

सैम पित्रोदा के बयान के बाद चौतरफा हमलों से घिरी कांग्रेस असहज नजर आने के बाद इस बयान से पल्ला झाड़ चुकी है। पार्टी ने इस बयान को पित्रोदा की निजी राय करार दिया है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर किये ट्वीट में लिखा है कि सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनिया भर में कई लोगों के लिए गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के समान रहे हैं। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।

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पित्रोदा जी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं जिनके बारे में वह बोलना ज़रूरी समझते हैं। लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए निश्चित रूप से स्वतंत्र भी होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा जी के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पोज़ीशन को दर्शाते हैं।

कई बार उनके विचार अलग होते हैं। अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाकर दूसरे संदर्भ में पेश किया जा रहा है। ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुर्भावना और नफरत से भरे चुनाव अभियान से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर किया जा रहा है; जो सिर्फ़ और सिर्फ़ झूठ पर आधारित है।

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