Uttarakhand Highcourt: नैनीताल उच्च न्यायालय ने एक मामले में शपथपत्र दाखिल करने में देरी पर कोतवाल का वेतन रोकने का अपना आदेश वापस ले लिया है। इसके साथ ही मामले में आरोपी को भी जमानत मिल गयी है।

नैनीताल उच्च न्यायालय ने 10 मई 2023 को उच्च न्यायालय ने गंगनहर रुड़की के तत्कालीन कोतवाल का वेतन रोकने का आदेश दिया था।

अदालत ने यह आदेश नाबालिग को भगाने के मामले में सलमान बनाम राज्य मामले में मांगा गया शपथपत्र समय से दाखिल नहीं किये जाने पर दिया था। तत्कालीन कोतवाल ऐश्वर्य पाल ने निजी अधिवक्ता ललित मिगलानी के माध्यम से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा।

मंगलवार को दलीलों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने 10 मई को जारी वेतन रोकने के अपने आदेश को वापस ले लिया। आदेश के बाद कोतवाल को मई माह से अब तक का रुका हुआ वेतन जारी हो जायेगा।

उधर, जिस मामले में शपथपत्र मांगा गया था उस मामले में भी आरोपी सलमान उर्फ टापू पुत्र मोहब्बत अली निवासी ग्राम रामपुर, गंगनहर रुड़की को जमानत मिल गयी है।

यह था मामला: गंगनहर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने 08 जुलाई 2021 को रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि सलमान अपने परिजनों और दोस्तों संग मिलकर उसकी नाबालिग बेटी को बहलाकर भगा ले गया है। मामले में पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में अदालत ने शासन से शपथपत्र मांगा था।

 

 

 

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