काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Matter) में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। योगी ने पूछा है कि- त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है?
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश में लंबे समय से सियासत और कानूनी लड़ाई जारी है। 1991 में पहली बार भगवान विश्वनाथ के भक्तों की ओर से अदालत में याचिका दायर की गई थी। स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया था कि भगवान विश्वेश्वर मन्दिर को ध्वस्त कर यह मस्जिद बनवाई गई थी। याचिका के अनुसार मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर यह मंदिर ध्वस्त किया गया था।
भक्तों की इस याचिका का अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध किया। कमेटी ने पूजास्थल अधिनियम, 1991 का हवाला दिया जिसके अनुसार 15 अगस्त 1947 को देश के किसी भी पूजास्थल का जो स्वरूप मौजूद था, उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
मामले में कुछ समय पहले वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर (वजूखाने को छोड़कर) में एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की। उच्चतम न्यायालय ने मामला उच्च न्यायालय को हस्तांतरित कर दिया। उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है और जल्द सर्वे पर आदेश आने की उम्मीद है।
आदेश के इंतजार के बीच अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान आया है। एक साक्षात्कार के दौरान योगी से काशी विश्वनाथ समस्या के समाधान को लेकर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा- ‘अगर हम उसको (ज्ञानवापी को) मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा।’
योगी का कहना है कि- ‘मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे ना। त्रिशूल मन्दिर के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे ना? ज्योतिर्लिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं?’
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ‘मुझे लगता है कि यह प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिये कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिये हम चाहते हैं कि समाधान हो।’
ज्ञानवापी मामले पर योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत गरमाने के आसार बने हुए हैं। यह वीडियो अब खासा वायरल हो रहा है। यहां देखें योगी आदित्यनाथ का पूरा साक्षात्कार