Uttarakhand Disaster: राज्यभर में भारी बारिश के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में जलभराव की घटनाएं सामने आ रही हैं। राज्य की कई सड़कें पूरी तरह बंद हैं, जबकि नदियों-नालों के उफान पर आने से कई जगह बाढ़ के हालात हैं।

प्रदेशभर से लगातार भूस्खलन, बाढ़ से भारी नुकसान की सूचनाओं के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय स्थित राज्यस्तरीय आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों और वहां उठाये जा रहे कदमों के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखने एवं सभी सहयोगी संस्थाओं से निरंतर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल एवं उधमसिंह नगर से फोन पर वार्ता करते हुए अतिवृष्टि और जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों के लोगों के लिए पहले से सभी समुचित व्यवस्थाएं रखी जायें।

इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन को जिलाधिकारियों से निरंतर संपर्क रखने एवं आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत जनपदों को जो भी आवश्यकताएं हैं, शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण सड़क, पेयजल, विद्युत बाधित होने पर ये सभी व्यवस्थाएं यथाशीघ्र सुचारु की जायें।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, विनय शंकर पाण्डेय, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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