Almora Fire Update: अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव विहार में, चार वनकर्मियों की मौत के मामले में, वन अधिकारियों पर गाज गिर गयी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के सख्त रवैये के बाद, वन संरक्षक उत्तरी कुमाउं वृत्त, प्रभारी डीएफओ को निलंबित कर दिया गया है। दूसरी ओर, हल्द्वानी से चारों घायल वनकर्मियों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेज दिया गया है।

अल्मोड़ा के बिनसर अभ्यारण्य में बृहस्पतिवार शाम, जंगलों में आग लग गयी थी। आग की सूचना पर वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता पुत्र नारायण सिंह मेहता निवासी उडलगांव बाड़ेछीना के नेतृव में वनकर्मियों, पीआरडी जवानों की एक टीम, विभागीय वाहन से मौके पर पहुंची थी।

टीम के सदस्य, बिनसर गेट से करीब पांच किलोमीटर आगे, अग्नि प्रभावित स्थान पर, आग बुझाने की कोशिश कर ही रहे थे, कि तभी तेज लपटों ने उन्हें भी चपेट में ले लिया था। हादसे में वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता, दैनिक श्रमिक दीवान राम पुत्र पदीराम निवासी ग्राम सौड़ा कपड़खान, फायर वाचर करन आर्या पुत्र बिशनराम और पीआरडी जवान पूरन सिंह पुत्र दीवान सिंह निवासी ग्राम कलौन अल्मोड़ा की मौके पर ही मौत हो गयी थी।

आग की लपटें इतनी भीषण थीं, कि वनकर्मी जिस बोलेरो वाहन में मौके पर पहुंचे थे, वह भी पूरी तरह जलकर राख हो गया। हादसे में, फायर वाचर कृष्ण कुमार पुत्र नारायण राम निवासी ग्राम भेटुली अयारपानी, पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी पुत्र प्रताप नेगी निवासी ग्राम खांखरी, वाहन चालक भगवत सिंह भोज पुत्र बची सिंह निवासी ग्राम भेटुली अयारपानी और दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट पुत्र बद्रीदत्त भट्ट निवासी ग्राम धनेली बुरी तरह झुलस गये थे।

अल्मोड़ा बेस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद, चारों को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया था। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, घटना की जानकारी पर घायल कर्मचारियों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिये थे। आवश्यकता होने पर, कर्मचारियों को एयरलिफ्ट करने के लिये भी सीएम ने कहा था।

शुक्रवार को, एसटीएच के डॉक्टरों की राय के बाद, चारों घायल कर्मचारियों कृष्ण कुमार, कुंदन सिंह नेगी, भगवत सिंह भोज और कैलाश भट्ट को एयरलिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। मंडल आयुक्त की ओर से इस संबंध में शासन को जानकारी दी गयी, जिसके बाद सभी घायलों को दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल ले जाने का फैसला हुआ।

दोपहर बाद, पंतनगर एयरपोर्ट पर, दिल्ली से दो एयर एंबुलेंस भेज दी गयीं। इधर, सुशीला तिवारी अस्पताल से एंबुलेंस के जरिये चारों घायल कर्मचारियों को पंतनगर एयरपोर्ट तक लाया गया। यहां से, उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेज दिया गया है। बताया जा रहा है, कि चारों मरीज 50 से 80 प्रतिशत तक झुलसे हुये हैं।

दूसरी ओर, चार कर्मचारियों की मौत और चार कर्मचारियों के बुरी तरह झुलस जाने पर, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। सीएम धामी के सख्त निर्देश के बाद, देर शाम उत्तरी कुमाउं वृत्त के वन संरक्षक कोको रासे और अल्मोड़ा सिविल सोयम वन प्रभाग के प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

मुख्य वन संरक्षक को देहरादून कार्यालय से अटैच किया

अल्मोड़ा अग्निकांड की गाज, कुमाउं मंडल के मुख्य वन संरक्षक पर भी गिरी है। सीएम के सख्त निर्देश के बाद, मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो को भी हटा दिया गया है। उन्हें मंडल से हटाकर तत्काल प्रमुख वन संरक्षक देहरादून के कार्यालय से अटैच करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं।

अब इन अधिकारियों को सौंपी गयी जिम्मेदारी

प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी धु्रव सिंह मर्तोलिया के निलंबन के बाद, शासन ने नैनीताल वन प्रभाग में तैनात सहायक वन संरक्षक हेम चंद्र गहतोड़ी को तत्काल अल्मोड़ा सिविल सोयम वन प्रभाग में तैनाती दे दी है। उन्हें आदेश मिलते ही, अल्मोड़ा तैनाती लेने के निर्देश दे दिये गये हैं।

दूसरी ओर, कुमाउं वृत्त वन संरक्षक कोको रासे के निलंबन के बाद, उनके कार्याें की जिम्मेदारी पश्चिमी वृत्त हल्द्वानी के वन संरक्षक को सौंप दी गयी है। इसी तरह, कुमाउं मंडल के मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो को देहरादून अटैच किये जाने के बाद, उनका प्रभार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक को सौंप दिया गया है।

वायुसेना के हेलीकॉप्टर से ली जा रही आग बुझाने में मदद

अल्मोड़ा जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिये, शासन ने एक बार फिर वायुसेना से मदद मांगी है। शुक्रवार से वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने, आग बुझाने का काम शुरू भी कर दिया। भीमताल झील से पानी लेने के बाद, हेलीकॉप्टर ने अल्मोड़ा के बिनसर, पाताल देवी और आसपास के जंगलों में बौछारें कीं।

अब हर वनकर्मी का कराया जायेगा बीमा

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्रवाई को लेकर कहा, कि सभी वन अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिये जा चुके थे, कि दायित्वों के निर्वाह में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इसके बावजूद वनाग्नि की घटना में चार कर्मचारियों की जान चली गयी।

सीएम ने बताया, कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड के सभी वनकर्मियों और फायर वाचरों का बीमा करवाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है। सीएम ने कहा, कि वनाग्नि की घटनाओं केा लेकर लापरवाही सामने आने पर, और सख्त कार्रवाई की जायेगी।

हादसे में जान गवांने वाले वनकर्मियों को मिलेगी दस-दस लाख की अनुग्रह राशि

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