Char Dham Yatra 2023: चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की रिकॉर्डतोड़ संख्या पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन, यात्रा का एक दुःखद पहलू यह भी है कि इस बार अप्रैल में यात्रा के आरंभ से अब तक 201 यात्रियों की जान भी गयी है। इनमें से अधिकतर की मृत्यु की वजह मौसम और पारिस्थितिकी बदलाव के कारण अचानक होने वाली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें रहीं।
उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुयी। श्रीकेदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुले, जबकि 27 अप्रैल से श्री बद्रीनाथ धाम के लिये यात्रा आरंभ हुयी। तब से अब तक 42 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामांें के दर्शन करने के लिये उत्तराखंड पहुंच चुके हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से सितंबर तक की चारधाम यात्रा अवधि में 201 यात्रियों की मौत हुयी। इनमें से एक यात्री की मौत 24 सितंबर को हुयी है। यह यात्री गंगोत्री धाम के दर्शन के लिये आया था, जहां तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी जान चली गयी।
चारधाम यात्रा के दौरान सबसे अधिक मौतें श्रीकेदारनाथ धाम में हुयी हैं। यहां जान गवांने वाले यात्रियों की संख्या 24 सितंबर 2023 तक 96 हो चुकी है। 33 यात्रियों की मृत्यु श्रीबद्रीनाथ धाम में हुयी, जबकि सात यात्री गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब में चल बसे। गंगोत्री धाम में मरने वाले यात्रियों की संख्या 30 रही, जबकि यमुनोत्री धाम में भी 34 यात्रियों की जान गयी है।
इनके अलावा एक यात्री की मौत गोमुख में हुयी। सभी यात्रियों के शव औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद परिजनों को सुपुर्द किये गये। बताया जा रहा है कि यात्रियों की मौत की बड़ी वजह स्वास्थ्य कारण रहे हैं। लंबी दूरी तक पैदल चलने और पहाड़ी चढ़ाई चढ़ने का अभ्यस्त नहीं होने, मौसम में एकाएक बदलाव होने के कारण कई यात्रियों की तबीयत बिगड़ जाती है।
इसे देखते हुये यात्रियों से लगातार यह अपीलें की जाती हैं कि वे यात्रा के दौरान अपनी स्वास्थ्य दिक्कतों का पूरा ध्यान रखें। इसके साथ ही पोर्टल पर और रास्ते में जगह-जगह बने केंद्रों पर भी अपनी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दर्ज करवाते रहें। सबसे ज्यादा परेशानी ब्लड प्रेशर के मरीजों को सामने आती है। ऐसे में उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।
विवेकानंद अस्पताल में हो रहा उपचारः श्रीकेदारनाथ धाम में यात्रियों की सुविधा के लिये विवेकानंद अस्पताल संचालित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अस्पताल में हर रोज ओपीडी दो सौ से तीन सौ तक रहती है। यहां धाम में दर्शनों के लिये आने वाले यात्रियों के अलावा स्थानीय व्यापारी, तीर्थपुरोहित भी स्वास्थ्य जांच करवाते हैं। हालांकि, इनमें अधिक संख्या यात्रियों की ही बतायी जाती है। अस्पताल में यात्रियों को इलाज दिया जाता है, गंभीर मरीजों को हेली सेवा की मदद से रेफर किया जाता है।
पोर्टल पर पंजीकरण से मिलेगी मददः राज्य सरकार, पुलिस-प्रशासन की ओर से चारधाम आने वाले यात्रियों से लगातार यह अपील की जाती है कि वे चारधाम यात्रा पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण करवायें। इस पंजीकरण से यात्री की पूरी जानकारी सरकार के पास उपलब्ध हो जाती है। वह किस दिन, किस पड़ाव पर पहुंचा यह डिटेल होने से आपात स्थिति में मदद पहुंचा पाना आसान होता है।
दवाएं, गर्म कपड़े हमेशा साथ रखें यात्रीः चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों से यह भी अपील की गयी है कि वे अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें। चारों धामों में मौसम ठंडा होने के कारण गर्म कपड़े साथ रखें और किसी भी आपात स्थिति में धामों में तैनात पुलिसकर्मियों, मंदिर समिति के सेवादारों से संपर्क करें। इससे किसी भी परेशानी पर उन्हें मदद मिल सकेगी।
कई यात्रियों का हो चुका हेली रेस्क्यूः चारों धामों में यात्रियों की सुरक्षा और मदद के लिये पुलिसकर्मी और एसडीआरएफ के जवान तैनात हैं। बीते दो महीने में ही दस के करीब यात्रियों को तबीयत बिगड़ने पर श्रीकेदारनाथ धाम से हेली रेस्क्यू करवाया जा चुका है। इसके अलावा एसडीआरएफ जवान लगभग हर रोज ही किसी न किसी यात्री को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचा रहे हैं।
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