Coaching Centres: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल में, बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत के बाद, उत्तराखंड में भी कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश जारी हो गये हैं। सभी जिलों में जांच समितियां गठित करने के साथ, दो सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर स्थित राव आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में जलभराव हो गया था। क्षेत्र में भारी बारिश के बाद, ओवरफ्लो हुये नाले का पानी, संस्थान के बेसमेंट में भर गया था। संस्थान ने बेसमेंट में लाइब्रेरी बनायी हुयी थी, जहां पढ़ रहे छात्र जलभराव के कारण फंस गये थे। घंटों मशक्कत के बाद, फायरकर्मी और एनडीआरएफ टीम ने बेसमेंट से पानी निकाला था। तीन छात्रों के शव वहां से बरामद किये गये थे।

हादसे के बाद, एमसीडी और दिल्ली सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो गये थे। नालों की सफाई के मुद्दे और कोचिंग सेंटरों में बेसमेंट से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर, लगातार विरोध के बाद, एमसीडी ने दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों में जांच शुरू कर दी है। पिछले दो दिन में, दिल्ली में कई कोचिंग सेंटरों में बेसमेंट में कक्षाएं चलती पाये जाने के बाद, उन्हें सील किया गया है।

उधर, दिल्ली में हुये इस हादसे ने, दूसरे राज्यों में भी सरकारों को कोचिंग संस्थानों में नियमों के उल्लंघन पर जागरूक किया है। उत्तर प्रदेश, बिहार में भी कोचिंग सेंटर की जांच की जा रही है। लखनउ, पटना में कई कोचिंग सेंटर बेसमेंट में कक्षाएं संचालित करते पाये गये, जिन्हें सील किया गया है। वहीं, अब उत्तराखंड में भी कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

बुधवार को, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, राज्यभर में संचालित कोचिंग सेंटरों की जांच करने, और राज्यव्यापी अभियान चलाने के निर्देश दिये। सीएम के निर्देश पर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये। देर शाम, इसका औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया गया।

आदेश में कहा गया है, कि दिल्ली के कोचिंग संस्थान में, हुये हादसे में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों को असमय जान गवांनी पड़ी। इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिये, उत्तराखंड के सभी जिलों में कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मापदंडों की जांच आवश्यक है।

हर जिले की Coaching Centres जांच टीम में इन्हें शामिल किया गया है

संबंधित जिला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जिला जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। नगर निगम के नगर आयुक्त या नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, जिलाधिकारी की ओर से नामित कोई एक अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी और जिला एसएसपी या एसपी की ओर से नामित कोई एक अधिकारी, समिति के सदस्य होंगे।

कोचिंग सेंटरों में इन बिंदुओं की होगी जांच

  • कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं
  • कोचिंग सेंटरों में भवन निर्माण से जुड़े नियमों का पालन हुआ है या नहीं
  • संस्थान में आग लगने की स्थिति में फायर एग्जिट की व्यवस्था है या नहीं
  • संस्थान में प्रवेश और निकास के लिये पर्याप्त द्वार हैं या नहीं
  • आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये, संस्थान में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्थाएं की गयी हैं या नहीं

दिल्ली में लाया जा रहा कोचिंग इंस्टीट्यूट रेगुलेशन एक्ट

दिल्ली सरकार, कोचिंग संस्थानों के संचालन में मानकों के निर्धारण को, ‘कोचिंग इंस्टीट्यूट रेगुलेशन एक्ट’ लाने की तैयारी में है। एमसीडी मेयर डॉ. शैली ओबरॉय और कैबिनेट मंत्री आतिशी मारलेना ने, यह जानकारी दी। मेयर ने बताया, कि राजेंद्रनगर मामले में एमसीडी के एक जेई और एक एई को निलंबित किया गया है, जबकि कई संस्थान सील किये जा चुके हैं।

उधर, बुधवार को ही दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने, अधिकारियों, मेयर और छात्रों के साथ बैठक कर, कोचिंग संस्थानों में मानकों के निर्धारण पर चर्चा की। बताया गया, कि सरकार जल्द ही नियमावली तैयार कर लेगी। इसके बाद, दिल्ली में संचालित होने वाले, हर कोचिंग संस्थान के लिये नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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