Dharchula: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा पर स्थित धारचूला के कई गांवों के लोग बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (GREF) से खफा हैं। रं समाज के लोगों ने BRO अफसरों के खिलाफ इन दिनों मोर्चा खोला हुआ है।
पिथौरागढ़ जिले का धारचूला सामरिक दृष्टि से देश के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। चीन सीमा से सटे इस क्षेत्र में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जरिये नेशनल हाईवे का निर्माण करवाया जा रहा है। सीमांत क्षेत्र होने के कारण यहां बाहरी लोगों का बिना परमिट प्रवेश प्रतिबन्धित है।
आरोप है कि कुछ समय पहले तक बीआरओ की ओर से रोड निर्माण कार्य मे स्थानीय लोगों को ही काम दिया जाता था। लेकिन अब उन्हें सड़क निर्माण के काम से हटा दिया गया है। आरोप है कि अब परमिट नियमों की अनदेखी कर बाहरी राज्यों से लोगों को लाकर काम दिया जा रहा है।
इसके विरोध में व्यास घाटी के लोग बीते कुछ दिन से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्थानीय लोगों को हटाकर बाहरी लोगों को काम देने से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले इस विषय को लेकर स्थानीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल बीआरओ-ग्रेफ के अधिकारियों से मिलने पहुंचा। आरोप है कि इस दौरान एक अधिकारी ने स्थानीय रं समाज के धार्मिक अनुष्ठानों और परंपरा को लेकर अभद्र टिप्पणी कर डाली।
इसके बाद से क्षेत्रवासियों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया है। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल की बात तक सुनना जरूरी नहीं समझा। रं समाज ने सम्बन्धित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर नाबी के चयरम में धरना शुरू कर दिया।
वहीं, व्यास घाटी में सीमांत जनजाति संघर्ष समिति ने स्थानीय लोगों को ही काम देने की मांग और स्थानीय परम्पराओं का अपमान करने पर विरोध जताया है। समिति के बैनर तले लोगों ने गुंजी में जुलूस निकाला।
उधर, धारचूला विधायक हरीश धामी ने भी मामले को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि बीआरओ की ओर से स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी की जा रही है। कहा कि बीआरओ अधिकारी पहले भी स्थानीय लोगों के साथ अभद्रता कर चुके हैं।
विधायक धामी का कहना है कि बीआरओ अधिकारी माफी नहीं मांगते हैं तो वह विधानसभा सत्र से लौटकर आंदोलन में शामिल होंगे। उनका यह भी कहना है कि मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुयी तो वह विधानसभा में भी यह मसला उठायेंगे।