Marriage With Lord Krishna: उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अनोखा विवाह समारोह चर्चाओं में रहा। नगर की एक युवती ने, भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मानते हुये, धूमधाम से विवाह किया। भगवान की प्रतिमा के साथ, पूरे विधि विधान से विवाह की सभी रस्में पूरी की गयीं।

हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चन्द्र पंत और मीनाक्षी पंत की पुत्री हर्षिका पंत (21) का गुरुवार को विवाह हुआ। लेकिन, हर्षिका का विवाह आम विवाह समारोह नहीं था। हर्षिका पारम्परिक परिधान में, दुल्हन के रूप में थी, जबकि उनके दूल्हे के रूप में, भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा थी।

पंत परिवार के परिचित-रिश्तेदारों समेत, 300 से अधिक लोग, हर्षिका और कान्हा के इस अद्भुत विवाह के साक्षी बने। बैंड-बाजों की धुनों और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ, हर्षिका और कान्हा का विवाह हुआ। वरमाला पहनायी गयी, और मेहमानों ने दूल्हा-दुल्हन के साथ तस्वीरें भी खिंचवायीं। इस दौरान, मेहमान भगवान का आशीर्वाद भी लेते रहे।

बचपन से ही कन्हैया में रम गया था हर्षिका का मन

परिजनों के अनुसार, हर्षिका दिव्यांग हैं। बचपन से ही, हर्षिका का मन भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में रम गया। परिजनों के अनुसार, आठ साल की उम्र में, हर्षिका ने सपने में भगवान के दर्शन करने की बात कही, और फिर वह कृष्णभक्ति में लीन होती चली गयीं।

10 साल से भगवान के लिये रख रहीं करवाचौथ का व्रत

परिजनों ने बताया, कि 10 साल की उम्र में हर्षिका ने करवाचौथ पर, भगवान के लिये व्रत रखने की इच्छा जतायी। बेटी की भक्ति को देख, परिवार ने हामी भरी। इसके बाद, पिछले 10 साल से हर्षिका हर बार, पूरे विधि विधान और परंपरा के साथ, कन्हैया के लिये यह व्रत रखती आ रही हैं।

हार्ट अटैक से उबरे, तो और बढ़ा भगवान पर विश्वास

परिजनों ने बताया, कि करीब चार साल पहले, हर्षिका के पिता पूरन चन्द्र पंत को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद वह पैरालाइज्ड भी हो गये थे। 10 दिन तक वह बेहोश रहे। परिजनों के अनुसार इस दौरान, हर्षिका हर पल भगवान से पिता के स्वास्थ्य की प्रार्थना करती रहीं। आखिर, पूरन को होश आया गया और अब वह काफी स्वस्थ हैं। परिजनों के अनुसार, इस घटना के बाद उनका विश्वास भगवान श्रीकृष्ण पर और बढ़ गया।

कन्हैया से ही विवाह की कही थी बात

परिजनों के अनुसार, कुछ समय पहले परिवार ने, हर्षिका से उनके विवाह के सम्बंध में चर्चा की। उनसे वर की तलाश के बारे में बातचीत की गयी, तो हर्षिका ने कहा कि वह भगवान श्रीकृष्ण से ही विवाह करेंगी।

वृंदावन जाकर भगवान को अर्पित किया कार्ड

परिजनों ने बताया, कि बेटी की इच्छा के बारे में, परिवार ने अपने पुरोहितों को जानकारी दी। पता चला, कि भगवान से विवाह करने के लिये, वृंदावन जाना होगा। लेकिन, परिवार के लिये वृंदावन जाकर विवाह करवाना सम्भव नहीं था। ऐसे में, हल्द्वानी में ही विवाह करवाने का निर्णय लिया गया। विवाह का शुभ मुहूर्त तय करने के बाद, एक जुलाई को परिवार वृंदावन पहुंचा, और भगवान को कार्ड अर्पित कर, वर रूप में हल्द्वानी आने का निमंत्रण दिया।

वृंदावन से लायी गयी मूर्ति, घर पर की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा

वृंदावन से भगवान श्रीकृष्ण की नौ इंच की प्रतिमा ली गयी। हल्द्वानी लौटकर, परिवार ने बुधवार को विवाह कार्यक्रम के आरंभ से पहले, मूर्ति की पूर्ण विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा करवायी गयी। इसके बाद, हर्षिका की मेहंदी और अन्य कार्यक्रम भी बुधवार को सम्पन्न किये गये।

विवाह में आया हर मेहमान था बाराती

पंत परिवार ने, बेटी की शादी के लिये, 300 से अधिक मेहमानों को निमंत्रण दिया था। खास बात यह रही कि सभी मेहमानों को विवाह में घराती नहीं, बल्कि कन्हैया के बाराती के तौर पर बुलाया गया। गुरूवार को तय समय पर, नाचते-गाते बाराती पंत परिवार के घर से वर कान्हा को लेकर, विवाह समारोह के लिये लगाये गये पंडाल में पहुंचे। वहां पंत परिवार ने, वर और बारातियों का स्वागत किया, जिसके बाद विवाह की अन्य रस्में पूरी की गयीं।

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