Ismail Haniyeh Killed: इजराइल का दुश्मन नंबर एक, हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिये मारा गया। ईरान की धरती पर मिसाइल हमले में हानिये की मौत पर, इजराइल ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन हमास और ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने उसकी मौत की पुष्टि करते हुये, इजराइल को ही इसके लिये जिम्मेदार ठहराया है।

जानकारी के अनुसार, हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिये मंगलवार को ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजश्कियान के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिये, ईरान पहुंचा था। तेहरान में दोपहर में आयोजित समारोह के बाद, रात को वह तेहरान में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था।

भारतीय समयानुसार, बुधवार तड़के चार बजे गेस्ट हाउस पर गाइडेड मिसाइल से हमला किया गया। इसमें हानिये और उसकी सुरक्षा में लगे गार्डों की जान चली गयी। हानिये की इस तरह अप्रत्याशित हमले में हुयी मौत ने, हमास समेत ईरान, लेबनान, कतर, तुर्की समेत इजराइल के विरोधी देशों को हिलाकर रख दिया है।

कुछ घंटे पहले ही की थी खामेनेई से मुलाकात

मौत से कुछ घंटे पहले ही, इस्माइल हानिये ने अपने कुछ साथियों संग, ईरान के सुप्रीम लीडर इमाम खामेनेई से मुलाकात की थी। खामेनेई ने हानिये को योद्धा बताते हुये, श्रद्धांजलि दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, कि हानिये की शहादत ईरान और फिलीस्तीन के संबंधों को मजबूत करेगी। हानिये की शहादत बेकार नहीं जायेगी।

इजराइल में 1200 की मौत का जिम्मेदार था हानिये

इजराइल पर पिछले साल, 12 अक्टूबर को हमास ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था। इस हमले में 1200 लोग मारे गये थे, जबकि सैकड़ों इजराइलियों को हमास ने बंधक बना लिया था। इजराइल इस घटना के बाद से, लगातार फिलीस्तीन, हमास, गाजा, लेबनान पर हमले कर रहा है। बताया जाता है, कि अब भी सौ इजराइली नागरिक हमास की कैद में हैं।

उधर, अक्टूबर में हुये हमले के बाद, इस्माइल हानिये का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें वह, इजराइली नागरिकों की मौत पर खुशी मनाता नजर आया था। इजराइल ने, इस हमले के बाद हमास के सभी कमांडर को खत्म करने का ऐलान किया था। अब हमास चीफ के मारे जाने से, हमास को बड़ा झटका लगा है।

अप्रैल में मारे गये थे तीन बेटे और पोता-पोतियां

अप्रैल 2024 में इजराइल ने, गाजा क्षेत्र में एक कार को निशाना बनाया था। इस कार में, इस्माइल हानिये के तीनों बेटे, एक पोता और तीन पोतियां सवार होकर जा रहे थे। मिसाइल हमले में कार के साथ, इन सबके चिथड़े उड़ गये थे। वहीं, हमास के कई बड़े कमांडर भी अक्टूबर से अब तक जारी हमलों में मारे गये हैं।

रूस, तुर्की, कतर और चीन ने जताया विरोध

हानिये की हत्या पर, दुनियाभर के देश अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। रूस ने इसे राजनीतिक हत्या करार दिया है, और कहा है कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। रूस ने इस घटना के बाद, मध्य एशिया में एक बार फिर तनाव बढ़ने की आशंका जतायी है। वहीं, चीन ने भी हानिये की हत्या पर विरोध जताया है।

तुर्की के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में, इस घटना को जघन्य अपराध करार दिया गया है। तुर्की का कहना है, कि हानिये की मौत से साफ है, कि नेतन्याहू सरकार क्षेत्र में शांति नहीं चाहती है। दूसरी ओर, कतर का कहना है, कि घटना से इलाके में तनाव बढ़ेगा। कतर ने इजराइल पर क्षेत्र में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया है।

12 साल से कतर में रह रहा था इस्माइल हानिये

हमास चीफ इस्माइल हानिये, समेत हमास के अधिकतर प्रमुख नेता पिछले 12 साल से कतर में रह रहे हैं। हालांकि, बताया जाता है कि कतर अब फिलीस्तीन और इजराइल के बीच मध्यस्थता से आजिज आ चुका है। ऐसे में हानिये समेत हमास नेता, कतर से ओमान या अन्य मित्र देश में जाने की तैयारी कर रहे थे।

ईरानी नेताओं की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

जानकारी के अनुसार, हमास चीफ इस्माइल हानिये को ईरानी इस्लामिक रिपब्लिकन गार्ड के गेस्ट हाउस में ठहराया गया था। गेस्ट हाउस पर भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गयी थी। इसके बावजूद, सटीक मिसाइल हमला कर हानिये को मार डाला गया। इस घटना ने, ईरान के नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी तेहरान में मौजूद

हमास चीफ हानिये पर जिस तेहरान में हमला हुआ, भारत के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी वहीं मौजूद थे। दरअसल, भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर गडकरी, मंगलवार को ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजश्कियान के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने अपने एक्स एकाउंट पर समारोह की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं।

फुआद शुकुर और इस्माइल कानी भी मारे गये

इजराइल के दो और दुश्मन भी मंगलवार को ही मारे गये हैं। लेबनान के बेरूत में मिसाइल हमले में, हिज्बुल्लाह के नंबर दो नेता फुआद शुकुर को मार डाला गया। फुआद पर हाल में फुटबाल मैच के दौरान, इजराइली बच्चों को मारने के आरोप थे। इससे पहले 1983 में, 241 अमेरिकी नौसैनिकों की मौत का जिम्मेदार भी शुकुर को माना जाता है। एक अन्य हमले में, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर इस्माइल कानी को भी मार डाला गया।

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