Jammu Terror Attacks: पाकिस्तान, भारत में दूसरे कारगिल की साजिश रच रहा है। पाक ने अपने इस मंसूबे को कामयाब करने के लिये, छह सौ प्रशिक्षित कमांडो को तैयार किया है। इनमें से कई को भारत में दाखिल भी करवा दिया है। हाल में जम्मू में हुये, हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना के इन्हीं कमांडो का हाथ बताया जा रहा है। यह चौंकाने वाला खुलासा किया है, जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेषपॉल वैद ने।

जम्मू में पिछले कुछ समय में, अचानक आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गयी है। वर्ष 2023 में 43, जबकि 2024 में जनवरी से जून तक, यानी छह माह में 24 आतंकी हमले जम्मू क्षेत्र में दर्ज किये गये। इन हमलों को नाकाम करने के दौरान, भारतीय सुरक्षाबलों के 48 जवानों ने अपना बलिदान दिया। लेकिन, जून से जुलाई तक, पांच बड़ी आतंकी वारदातों में, 20 सैन्यकर्मी अपने प्राण न्योछावर कर चुके हैं।

जम्मू में आतंकियों की तेजी से बढ़ रही इन गतिविधियों ने, सरकार से लेकर सुरक्षा एजेंसियों तक की चिंता बढ़ा रखी है। पेशानी पर बल डालने वाली सबसे बड़ी बात यह है, कि विशेषज्ञ मानते हैं कि इन हमलों के पीछे आतंकी संगठनों के साथ, सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना का हाथ है। जम्मू-कश्मीर में 30 साल तक सेवारत रहे, पूर्व डीजीपी शेषपॉल वैद का साफ कहना है, कि पाकिस्तानी सेना के कमांडो, स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर, पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने एक वीडियो के जरिये, इस पूरे मामले को समझाया है। उन्होंने बताया है, कि पाकिस्तानी सेना के एसएसजी कमांडो, भारतीय सीमा के भीतर प्रवेश कर चुके हैं। ये जम्मू में सक्रिय आतंकियों के साथ मिलकर, हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सीमा के दूसरी ओर, पाकिस्तान में एसएसजी की दो बटालियनें भी, भारत में घुसपैठ और हमले का इंतजार कर रही हैं।

‘जीओसी एसएसजी आदिल रहमानी की निगरानी में घुसपैठ’

पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने बताया है, कि जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप एसएसजी का जनरल ऑफिसर कमांडिंग जीओसी मेजर जनरल आदिल रहमानी इस पूरे ऑपरेशन को कमांड कर रहा है। वह लंबे समय से मुजफ्फराबाद में है, और वहीं से निगरानी रखे हुये है। एसएसजी का लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम, जम्मू में है और अपने कमांडो के जरिये हमले करवा रहा है।

‘छद्म युद्ध से भारतीय सेना को उलझाने की कोशिश’

पूर्व डीजीपी वैद का कहना है, कि पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की 15 और 16 कोर को उलझाना चाहती है। अलग-अलग जगहों पर हमले कर, जवानों का ध्यान भटकाने की कोशिश है, ताकि पाकिस्तानी सेना को बेहतर मौका मिले और वह अपने और जवानों को भारत में प्रवेश करवा सके। उन्होंने पाकिस्तान के इस छद्म युद्ध का कड़ा जवाब देने की जरूरत जतायी है।

Jammu Terror Attacks: जून-जुलाई में हुये आतंकी हमले

  • 09 जून 2024ः रियासी में तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही बस पर हमला, दस की मौत हो गयी, जबकि 33 घायल हुये
  • 11 जून 2024ः डोडा और कठुआ में अलग-अलग दो आतंकी वारदातों में, छह जवानों ने बलिदान दिया
  • 07 जुलाई 2024ः राजौरी-पुंछ क्षेत्र में एक सिक्योरिटी पोस्ट पर हमला हुआ, जिसमें एक जवान का बलिदान हुआ
  • 08 जुलाई 2024ः कठुआ में, आतंकियों के हमले में जेसीओ समेत छह जवानों ने देश के लिये बलिदान दिया
  • 19 जुलाई 2024ः डोडा में, आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक अफसर समेत छह जवानों, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी का बलिदान

कश्मीरी एक्टिविस्ट अमजद अयूब भी कर रहे Jammu Terror Attacks में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का दावा

लंदन में रह रहे, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने भी दावा किया है, कि पाकिस्तानी सेना के एसएसजी कमांडो भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। मिर्जा ने अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया है, कि उरी सेक्टर में 150, पुंछ में 150 और राजौरी में भी 150 एसएसजी कमांडो दाखिल हुये हैं।

उनके अनुसार, 50 एसएसजी कमांडो भारत में घुसे बाकी कमांडो के लिये रसद-हथियार पहुंचाने का काम कर रहे हैं। भारत में घुसे सभी कमांडो 50-50 के ग्रुप में बंटकर अलग-अलग जगहों पर छिप गये हैं। इनमें से अधिकतर के, स्थानीय आबादी के बीच होने का अंदेशा भी मिर्जा ने जताया है।

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