Kuwait Fire: कुवैत के मंगफ शहर में, 46 भारतीयों की मौत के बाद, कुवैत की प्रसिद्ध निर्माण कंपनी, एनबीटीसी चर्चाओं में है। हादसे में जान गवांने वाले और घायल हुये श्रमिक, इसी कंपनी के लिये काम करते थे। खास बात यह है, कि इस कंपनी के पार्टनर और मैनेजिंग डायरेक्टर केजी अब्राहम भी भारतीय हैं। ऐसे में, हादसे ने अब्राहम को भी चर्चाओं में ला दिया है।

12 जून को, मंगफ शहर में जिस छहमंजिला इमारत में आग लगने से, 46 भारतीय श्रमिकों की मौत हुयी और कई अन्य घायल हो गये, वह इमारत एनबीटीसी की थी। बताया जा रहा है, कि एनबीटीसी के एमडी केजी अब्राहम के नाम पर यह इमारत लीज पर ली गयी थी, जिसमें कंपनी के कामगारों के रहने की व्यवस्था थी।

ऐसे में, अब केजी अब्राहम के नाम पर चर्चाएं तेज हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है, कि केजी अब्राहम खुद भारतीय मूल के हैं। केरल के तिरूवला निराणम में जन्मे अब्राहम, करीब 22 साल की उम्र में केरल से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, रोजगार की तलाश में कुवैत चले गये थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 30 साल से भी अधिक समय से, कुवैत में रह रहे 69 वर्षीय केजी अब्राहम ने एनबीटीसी में ही नौकरी के साथ, अपने कॅरियर की शुरूआत की थी। अपने हुनर और काबिलियत के दम पर, न सिर्फ अपना कारोबार खड़ा किया, बल्कि सबसे बड़ी निर्माण कंपनी एनबीटीसी में एमडी के पद तक पहुंच गये।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज कुवैत और केरल में केजी अब्राहम का खुद का कारोबार करीब चार हजार करोड़ का है। वह एनबीटीसी में अहम पद पर होने के अलावा, कुवैत में संचालित हाईवे सेंटर नाम से संचालित सुपरमार्केट चेन के भी मालिक हैं। केरल में भी अब्राहम ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।

इस हादसे से पहले, अब्राहम पिछले साल, तब चर्चाओं में थे, जब उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की आलोचना की थी। दरअसल, अब्राहम ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से रकम की बंदरबांट के आरोपों पर कड़ी नाराजगी जतायी थी।

उन्होंने यहां तक कह दिया था, कि भविष्य में वह राजनेताओं को किसी तरह की कोई मदद नहीं देने वाले हैं। अब्राहम की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह थी, कि उन्होंने केरल में 2016-2018 की बाढ़ में प्रभावितों की मदद के लिये बड़ी रकम मुख्यमंत्री राहत कोष में दी थी।

कुवैत की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी है एनबीटीसी

एनबीटीसी (NBTC) कुवैत की बड़ी निर्माण कंपनी है, जिसकी स्थापना 1977 में नसीर एम अल-बद्दा ने की थी। कंपनी के मौजूदा चेेयरमैन मोहम्मद एन अल-बद्दा हैं, जबकि प्रबंध निदेशक केजी अब्राहम हैं। कंपनी निर्माण के अलावा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, हेवी इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल मेंटेनेंस, लॉजिस्टिक, रेडी मिक्स सप्लाई के कारोबार में है। एनबीटीसी को वर्तमान में कुवैत का सबसे बड़ा कारोबारी ग्रुप माना जाता है।

कंपनी ने की है आठ लाख मुआवजे और परिजन को नौकरी की घोषणा

मंगफ हादसे के बाद, एनबीटीसी ने, अग्निकांड में जान गवांने वाले श्रमिकों के परिजनों को आठ-आठ लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा, हर श्रमिक के परिवार से एक व्यक्ति को कंपनी में नौकरी देने का भी ऐलान कर दिया गया है। कंपनी ने, घायल श्रमिकों की भी पूरी मदद का भरोसा दिलाया है।

केरल में कारोबार, ओडिशा में भी किया निवेश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनबीटीसी में एमडी रहने के अलावा, अब्राहम ने अपनी खुद की कंपनी केजीए ग्रुप भी खड़ी की है। केजीए ग्रुप का कारोबार, मुख्यतः भारत के केरल राज्य में है। केरल के कोचि में अब्राहम का फाइव स्टार होटल क्राउन प्लाजा है। वहीं, करीब दो साल पहले उन्होंने ओडिशा में भी करीब पांच हजार करोड़ का निवेश किया था।

मलयाली फिल्म के प्रोड्यूसर भी रहे अब्राहम

केजी अब्राहम ने, हाल में एक मलयाली फीचर फिल्म का निर्माण भी किया है। प्रोड्यूसर के तौर पर उनकी फिल्म आदुजीवितमः द गोट लाइफ, मलयाली श्रमिकों की कहानी पर आधारित है, जो रोजगार की तलाश में, अरब देशों में जाते हैं। इसी साल रिलीज हुयी, इस फिल्म में पृथ्वीराज सुकुमारन ने मुख्य भूमिका निभायी है। हालांकि, यूएई समेत कई देशों में इस फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया गया।

अमीर ने दिये हैं सख्त कार्रवाई के निर्देश

मंगफ अग्निकांड के मामले में, कुवैत के अमीर शेख मिशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को घटना की पूरी जांच के बाद, दोषियों पर सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिये हैं। ऐसे में, इस हादसे के बाद एनबीटीसी ग्रुप के अलावा, केजी अब्राहम की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उधर, भारतीय विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी अभी कुवैत में बने हुये हैं।

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