Nepal News: पड़ोसी देश नेपाल में बड़ा हादसा हो गया है। भारी बारिश के बाद, भूस्खलन की चपेट में आयी दो बसें, मलबे के साथ फिसलकर नदी में बह गयीं। दोनों बसों में दो चालकों और 63 यात्रियों समेत, कुल 65 लोगों के सवार होने की सूचना है। नेपाल सेना और अन्य सुरक्षाबलों की ओर से, नदी में बहे यात्रियों की तलाश में अभियान जारी है।
जानकारी के अनुसार, नेपाल में यह हादसा शुक्रवार सुबह हुआ। बताया जा रहा है, कि मध्य नेपाल में बीरगंज से काठमांडू के लिये, बागमती प्रांत की दो बसें तड़के निकली थीं। जानकारी के अनुसार, दोनों बसें मदन-आश्रित राजमार्ग पर पहुंची, तो वहां भारी बारिश जारी थी।
इसी दौरान, नारायणगढ़-मुगलिन के बीच, सिमलताल के पास जैसे ही बसें पहुंचीं, बड़ा भूस्खलन हो गया। पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूट जाने से, भारी मात्रा में मलबा-बोल्डर सड़क पर आ गिरे। मलबे की चपेट में आकर, दोनों बसें भी नीचे बह रही त्रिशूली नदी में जा गिरीं।
हादसा होते ही, स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी। सूचना पर, नेपाल सेना, स्थानीय पुलिस के जवान, गोताखोर टीमें और अधिकारी मौके पर पहुंच गये। नदी में बहे लोगों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया गया है। सशस्त्र पुलिस बल नेपाल के डीआईजी पुरुषोत्तम थापा अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
आषाढ २८ गते चितवन जिल्ला, भरतपुर-२९ नारायणगढ-मुग्लिन सडक खण्डको सिमलतालमा यात्रु बाहक बसहरू पहिरोमा परेको खबर प्राप्त हुनसाथ चितवनस्थित नेपाली सेनाका गोताखोर सहित फौज खटिई अन्य सुरक्षा निकाय लगायत स्थानीयको सहयोगमा उद्धार कार्य जारी राखेको छ ।#NepaliArmy #NAinSearchNRescueOps pic.twitter.com/85jXUcsksm
— Nepali Army (@NepaliArmyHQ) July 12, 2024
मलबा हटाकर राजमार्ग पर यातायात खुलवाया
भारी मलबा आने के कारण, मदन-आश्रित राजमार्ग पर प्रभावित सड़क का बड़ा हिस्सा बंद हो गया था। नेपाल सेना और सुरक्षाबलों के जवानों ने यात्रियों के तलाशी अभियान के साथ, सड़क को खोलने का काम भी जारी रखा। जानकारी के अनुसार, राजमार्ग को फिलहाल यातायात के लिये खोल दिया है। पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण, वाहनों को नियंत्रित तरीके से यहां से निकाला जा रहा है।
बस में सात भारतीयों के भी सवार होने की जानकारी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त बसों में, सात भारतीय नागरिक भी सफर कर रहे थे। ये सभी लोग बीरगंज से काठमांडू जा रहे थे। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सातों भारतीय नागरिकों की इस हादसे में जान चली गयी है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि का अभी इंतजार किया जा रहा है।
नदी के उफान पर होने से राहत-बचाव कार्य में मशक्कत
पर्वतीय क्षेत्र में भारी बारिश के बाद, त्रिशूली नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ा हुआ है। इसके चलते, नदी उफान पर है और पानी का बहाव भी बहुत तेज बताया जा रहा है। इसके चलते, नदी में बहे यात्रियों की तलाश में उतरे जवानों और गोताखोर दल को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
नारायणगढ-मुग्लिन सडकखण्डको सिमतालमा पहिरोले बस बगाउँदा झण्डै पाँच दर्जन यात्रु बेपत्ता एवं देशका विभिन्न भागमा बाढी पहिरोका कारण भएको धनजनको क्षतिप्रति गहिरो दुख व्यक्त गर्दछु। यात्रुहरूको खोजी एवं प्रभावकारी उद्धारका लागि गृह प्रशासन लगायत सरकारका सबै निकायलाई निर्देशित गर्दछु।
— ☭ Comrade Prachanda (@cmprachanda) July 12, 2024
प्रधानमंत्री प्रचंड ने दुर्घटना पर जताया गहरा शोक
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने, दुर्घटना पर गहरा शोक जताया है। एक्स पर किये ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा है- 60 से अधिक यात्रियों की मृत्यु और देशभर में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन से, राष्ट्रीय संपत्ति के नुकसान तथा जनहानि की सूचनाएं अत्यंत दुःखदायी है।
प्रधानमंत्री प्रचंड ने बताया है, कि सभी सरकारी एजेंसियों, प्रशासन को यात्रियों की तलाश में व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भी राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।