Primary Teacher Recruitment: उत्तराखण्ड के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त 3600 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। अब तक इन पदों के लिये शैक्षिक योग्यता बीएड को समाप्त कर दिया गया है। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड प्रारंभिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली (संशोधित) 2024 जारी कर दी है।
उत्तराखण्ड में राज्य सरकार 13 जिलों में 11 हजार से अधिक राजकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित कर रही है। इन विद्यालयों में शिक्षकों के 3604 पद लंबे समय से खाली पड़े हुये हैं। राज्य सरकार की ओर से जनवरी 2024 में इनमें से 1250 पदों पर भर्ती का अधियाचन उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) को भेज दिया गया था। शेष 2354 पदों पर भर्ती के लिये भी विभागीय प्रक्रिया जारी थी।
लेकिन, प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरम्भ करने में उत्तराखण्ड प्रारंभिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली आड़े आ गयी थी। दरअसल, राज्य में लागू सेवा नियमावली में अब तक प्राथमिक शिक्षकों की अनिवार्य शैक्षिक योग्यता बीएड थी। सुप्रीम कोर्ट, इस सम्बंध में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की वर्ष 2018 की अधिसूचना को रद्द कर चुका था, लेकिन उत्तराखण्ड प्रारम्भिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 2012 में इसके अनुरूप संशोधन नहीं हो सका था।
अब, राज्य सरकार ने नियमावली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सेवा नियमावली में संशोधन कर लिया है। इसके बाद राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिये बीएड की अनिवार्यता खत्म हो गयी है। इसके स्थान पर, अब प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनने के लिये, डीएलएड (D.El.Ed.) अनिवार्य शैक्षिक योग्यता होगी।
मार्च में कैबिनेट ने दी थी संशोधन को मंजूरी
राज्य सरकार की मंशा लोकसभा चुनाव 2024 की आचार संहिता लागू होने से पहले, संशोधित नियमावली लागू करने की थी। हालांकि, ऐसा हो नहीं सका। उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में चार मार्च 2024 को नियमावली में संशोधन का ड्राफ्ट रखा गया था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। अब नियमावली संशोधित कर जारी कर दी गयी है।
निर्वाचन आयोग से भर्ती के लिये ली जायेगी मंजूरी
संशोधित सेवा नियमावली जारी होने के साथ ही, राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की कवायद शुरू कर दी गयी है। जानकारी के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को रिक्त सभी पदों पर भर्ती के लिये निर्वाचन आयोग से स्वीकृति लेने की प्रक्रिया शुरू करने को कह दिया है।
बता दें, कि लोकसभा चुनाव 2024 का तीसरे चरण का मतदान मंगलवार को हुआ है। सात चरणों में मतदान के बाद मतगणना चार जून को होनी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता चुनाव परिणाम घोषित होने तक लागू रहेगी। इसके चलते आचार संहिता के दौरान किसी भी कार्य के लिये आयोग की पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होता है।
निकाय चुनाव से पहले शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया!
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही, निकाय चुनाव की भी तैयारियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में राज्य सरकार के लिये प्राथमिक शिक्षकांे की भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने के लिये जून में कुछ ही दिन का समय होगा। इसे देखते हुये, शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को रिक्त पदों के लिये अधियाचन तैयार करने के लिये भी निर्देश दे दिये हैं। बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग की स्वीकृति मिलते ही अधियाचन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज दिया जायेगा।
राज्य में प्राथमिक शिक्षा बेहतर होने की उम्मीद
राज्य सरकार, उत्तराखंड के प्राथमिक स्कूलों में रिक्त सभी 3604 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करेगी। यानी, इस भर्ती के बाद प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली नहीं रहेंगे। सभी स्कूलों में, शिक्षकों के सभी पद भर जाने के बाद, राज्य में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के और बेहतर होने की उम्मीद है। वहीं, लंबे समय से भर्ती की राह देख रहे डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं को भी इससे रोजगार मिलेगा।
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