Rajkiya Shikshak Sangh Uttarakhand: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष, राम सिंह चौहान को आखिर शिक्षकों ने मना लिया है। शिक्षक संघ पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद, चौहान ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। इस दौरान, संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल, पदाधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर भी, सहमति बनी।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने, 24 जून को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। चौहान ने, प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली को भेजे पत्र में, संघ के कुछ पदाधिकारियों को अपने इस फैसले का जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था, कि लंबे समय से, संघ के कुछ पदाधिकारी संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
प्रांतीय अध्यक्ष के, अचानक इस तरह पद छोड़ने के ऐलान से, राज्यभर के शिक्षकों में खलबली थी। वहीं, संगठन में शिक्षक नेताओं के बीच, चल रहे मतभेद भी उभरकर सामने आ गये थे। सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां भी सामने आ रही थीं।
कुछ शिक्षक चौहान के इस्तीफे से खुश नजर आ रहे थे, और वे संगठन के ही दूसरे पदाधिकारियों को कमान सौंपे जाने की बात कह रहे थे। दूसरी ओर, चौहान समर्थक शिक्षक इस त्यागपत्र से निराश थे। उनका कहना था, कि चौहान ने शिक्षकों के हित में शासन स्तर तक आवाज उठायी है। ऐसे में उन्हें पद पर बने रहकर, शिक्षकों के लिये काम करना चाहिये।
प्रांतीय महामंत्री पैन्यूली पर टिकी थी सबकी निगाहें
चौहान के इस्तीफे के बाद, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली पर, प्रदेश के सभी शिक्षकों की निगाहें टिकी हुयी थीं। दरअसल, अध्यक्ष चौहान ने अपना इस्तीफा महामंत्री पैन्यूली को ही भेजा था। ऐसे में पैन्यूली के अगले कदम को लेकर शिक्षक पसोपेश में थे। हालांकि, पैन्यूली ने पहले दिन ही स्पष्ट कर दिया था, कि वह इस मामले पर चौहान से बातचीत करेंगे।
चौहान से मिलने देहरादून पहुंचे संघ के पदाधिकारी
चौहान को त्यागपत्र वापस लेने के लिये मनाने के लिये, शिक्षक संघ पदाधिकारी और विभिन्न जिलों के अध्यक्ष-महामंत्री भी, देहरादून पहुंच गये। देहरादून के राजकीय इंटर कॉलेज नालापानी में, शिक्षक संघ की एक आपात बैठक बुलायी गयी। यहां राम सिंह चौहान भी शामिल हुये।
बैठक के दौरान, प्रदेश महामंत्री पैन्यूली, प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, मंत्री विमल सिंह चौहान, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, गढ़वाल मंडल मंत्री हेमंत पैन्यूली, कुमाउं मंडल अध्यक्ष डॉ. गोकुल सिंह मर्तोलिया, मंत्री रविशंकर गुसाईं और विभिन्न जिलों से आये पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से, अध्यक्ष राम सिंह चौहान का त्यागपत्र अस्वीकृत करने का प्रस्ताव पारित किया।
‘फिर अनुशासनहीनता हुयी, तो तत्काल छोड़ दूंगा पद’
आपात बैठक के बाद, अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने भी साथी शिक्षकों की भावनाओं का सम्मान करते हुये, पद पर बने रहने की बात कही। लेकिन, इस दौरान उन्होंने यह बात भी स्पष्ट तौर पर कही, कि भविष्य में सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर, संगठन विरोधी गतिविधियां उजागर होती हैं, तो वह तत्काल पद छोड़ देंगे।
‘संगठन विरोधी पदाधिकारियों पर की जाये सख्त कार्रवाई’
आपात बैठक में शामिल पदाधिकारियों ने, राज्यस्तरीय पदाधिकारियों से कहा, कि जो भी पदाधिकारी संगठनविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये। शिक्षकों का कहना था, कि चौहान के नेतृत्व में संगठन शिक्षकों के हित में बेहतर काम कर रहा है। कई लंबित समस्याओं को लेकर शासन स्तर तक सहमति भी बनी है।
इस दौरान शिक्षक संघ पदाधिकारियों में, इस बात पर भी सहमति बनी, कि जो भी पदाधिकारी संगठन विरोधी गतिविधि करता पाया जायेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और आवश्यकता होने पर विधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
सोशल मीडिया में राजकीय शिक्षक संघ के नाम से ग्रुपों पर कसेगी लगाम
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी, कि सोशल मीडिया पर राजकीय शिक्षक संघ के नाम से, बनाये जाने वाले विभिन्न ग्रुप सिर्फ संगठन के वर्तमान पदाधिकारियों, अध्यक्ष-मंत्रियों द्वारा ही बनाये जायेंगे। इन ग्रुपों में भी संगठन के मौजूदा पदाधिकारियों को ही शामिल किया जायेगा। कोई भी अन्य व्यक्ति राजकीय शिक्षक संघ के नाम से ग्रुप नहीं बना सकेगा।
सभी शिक्षकों को मताधिकार का प्रस्ताव शासन को भेजेंगे
बैठक के दौरान, प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने जानकारी दी, कि शिक्षक संघ के चुनाव में, सभी शिक्षकों को मताधिकार देने का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। उन्होंने बताया, कि प्रस्ताव को शासन को भेजने की तैयारी चल रही है। बताया कि, पदोन्नति के मसले पर कोर्ट के आदेश के अनुसार, कार्रवाई होगी।