Roads Update: उत्तराखण्ड में जारी बारिश से, राज्य में बंद सड़कों की संख्या 310 हो गयी है। 24 घंटे के भीतर, यानी शनिवार से रविवार तक बंद होने वाली सड़कों की संख्या 125 रही। बंद सड़कों में एक नेशनल हाईवे और 266 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग ने सड़कें खोलने के लिये, 265 जेसीबी और अन्य मशीनें लगायी गयी हैं।
उत्तराखण्ड में शनिवार तक, 185 सड़कें भूस्खलन और भूकटाव होने के बाद बंद हो गयी थीं। सड़कें खोलने के लिये, 165 जेसीबी लगायी गयी थीं। लेकिन शनिवार को भारी बारिश के बाद, राज्यभर में 125 और सड़कें बंद हो गयी हैं।
रविवार को लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, राज्य में बंद सड़कों की संख्या 315 हो गयी है। इनमें चम्पावत जिले में नेशनल हाईवे 106 भी शामिल है। हाईवे शनिवार को पूरी रात बंद रहा। पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने के कारण, यहां सड़क खोलने में खासी परेशानी हो रही है।
बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण सड़कों का हुआ है। रविवार को 266 ग्रामीण सड़कों पर आवाजाही ठप हो गयी है। शनिवार को इनकी संख्या 170 थी। इनमें 118 ग्रामीण सड़कें (सिविल) और 148 सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की हैं।
दूसरी ओर, बंद हुये राज्य राजमार्गों की संख्या भी, शनिवार के मुकाबले रविवार को नौ बढ़ गयी। शनिवार को 16 राज्य राजमार्ग बंद थे, जबकि रविवार को बंद राज्य राजमार्गों की संख्या 25 हो गयी है। इसके अलावा बंद हुयी मुख्य जिला सड़कों की संख्या 14 और अन्य जिला सड़कों की संख्या छह है।
इन प्रमुख राज्य राजमार्गों पर आवागमन बाधित
रामनगर-रानीखेत स्टेट हाईवे, शनिवार को पुल ढह जाने से बंद हो गया था। इसके अलावा लोनिवि निर्माण खंड गैरसैंण के अंतर्गत, भिकियासैंण-देघाट-मेहलचौरी-चौखुटिया मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद है। विभाग के अनुसार, यह सड़क देर शाम तक खोलने की उम्मीद है। निर्माण खंड नरेंद्रनगर अंतर्गत, गूलर नाई-गजा-शिवपुरी मार्ग भी कई जगह भूस्खलन के कारण बंद है। यहां भी सड़क खोलने का काम जारी है।
प्रांतीय खंड रूद्रप्रयाग के अंतर्गत, दो स्टेट हाईवे पर यातायात बंद है। इनमें टिहरी-घनसाली-तिलवाड़ा मार्ग और खिर्सू-खेड़ाखाल-खांकरा मार्ग हैं। दोनों सड़कें जगह-जगह बोल्डर और मलबा गिरने से बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिये मशीनें लगायी गयी हैं। इधर, प्रांतीय खंड लैंसडौन के अंतर्गत, घट्टूघाट-रिखणीखाल-बीरोंखाल मार्ग पर यातायात फिलहाल पूरी तरह बंद है।
पौड़ी जिले में सबसे अधिक 34 मार्ग बंद
राज्य में सर्वाधिक 34 सड़कें पौड़ी गढ़वाल जिले में बंद हैं। इसके अलावा,
टिहरी जिले में 20, चमोली जिले में 15, रूद्रप्रयाग जिले में आठ, उत्तरकाशी जिले में पांच, देहरादून जिले में 19 सड़कें बारिश के बाद, भूस्खलन और मलबा-बोल्डर गिरने के कारण बंद हैं।
पिथौरागढ़ जिले में आठ, चम्पावत जिले में 13 सड़कों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। बागेश्वर जिले में नौ सड़कें बंद हैं। अल्मोड़ा जिले में बंद सड़कों की संख्या आठ है, जबकि नैनीताल जिले में 22 सड़कों पर जगह-जगह मलबा आने से आवागमन बंद है। राज्यभर में 265 जेसीब और अन्य मशीनें सड़क खोलने के लिये लगायी गयी हैं।
कालाढूंगी-रामनगर के बीच पुलिया ढहने से राजमार्ग पर खतरा
हल्द्वानी-देहरादून राज्य राजमार्ग पर, कालाढूंगी और रामनगर के बीच, चकलुआ के पास बरसाती नाले पर बनी पुलिया ढह गयी है। नाले में शनिवार रात जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव के चलते, सड़क के नीचे की जमीन बह गयी है। इससे सड़क का करीब आधा हिस्सा बहने से गहरा गड्ढा बन गया है।
मौके पर एहतियातन पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं, जो सड़क के एक ओर से, वाहनों को नियंत्रित तरीके से निकलवा रहे हैं। लेकिन, सड़क के नीचे मिट्टी के लगातार बहने से, यहां राजमार्ग के पूरी तरह बाधित हो जाने का खतरा बना हुआ है।
यमकेश्वर में कौड़िया-किमसार मार्ग पर पेड़ गिरा
यमकेश्वर प्रखंड को कोटद्वार से जोड़ने वाले, कौड़िया किमसार मार्ग पर रविवार दोपहर, बारिश के बाद एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया। गनीमत रही, कि उस वक्त सड़क पर कोई वाहन नहीं होने से यहां हादसा नहीं हुआ। लेकिन, बाद में यहां सेे गुजर रहे वाहन यहां घंटों फंसे रहे।
हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग पर पुलिस ने आवागमन रोका
हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग पर, गौलापार से चोरगलिया के बीच पड़ने वाले, सूर्या नाला और शेर नाला उफान पर हैं। ऐसे में नैनीताल जिला पुलिस ने, इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी है। हल्द्वानी से सितारगंज की ओर से जाने वाले वाहनों को, गौलापार से लालकुआं की ओर डायवर्ट किया जा रहा है।
तवाघाट में फंसे 23 आदि कैलास यात्रियों को सुरक्षित निकाला
पिथौरागढ़ के तवाघाट में भारी भूस्खलन के बाद, आदि कैलास यात्रा मार्ग करीब चार दिन से बंद है। मार्ग पर कई अन्य स्थानों पर भी, मलबा आने से यहां आवाजाही पूरी तरह बाधित है। जानकारी के अनुसार, तवाघाट में आदि कैलास यात्रा से लौट रहे 23 श्रद्धालुओं का दल फंस गया था।
जानकारी मिलने पर, एसपी रेखा यादव ने अधिकारियों को फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिये। पुलिस उपाधीक्षक परवेज अली की निगरानी में, धारचूला कोतवाल विजेंद्र शाह ने पुलिस, एसएसबी और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम लेकर राहत बचाव अभियान शुरू किया। सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।