Mount Elbrus: टिहरी के युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को फतह करने में कामयाब रहे। उन्होंने चोटी पर पहुंचकर 101 फीट का तिरंगा फहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसके अलावा उन्होंने एक साल पहले उत्तराखंड में हिमस्खलन में जान गवांने वाले 29 पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि भी दी।

रोहित भट्ट टिहरी गढ़वाल के ग्राम खाल पट्टी फैगुल, मगरों के रहने वाले हैं। रोहित ने 19 अगस्त 2023 को यूरोप और रशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को फतह किया। माउंट एलब्रुस कॉकेस पर्वत शृंखला में स्थित सुप्त ज्वालामुखी है।
5642 मीटर यानी 18150 फीट ऊंची इस चोटी पर रोहित सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे। चोटी पर उन्होंने 101 फीट का राष्ट्रीय ध्वज फहराकर रिकॉर्ड कायम किया। इस दौरान उन्होंने 04 अक्टूबर 2022 को द्रौपदी का डांडा में हुये हिमस्खलन में मारे गये 29 पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि दी।


द्रौपदी का डांडा में गये पर्वतारोही दल में रोहित भी शामिल थे। हादसे के दौरान उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के एक इंस्ट्रक्टर समेत चार पर्वतारोहियों की जान भी बचायी थी। इस हादसे ने माउंट एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की भी जान ले ली थी।
किलिमन्जारो में भी बनाया रिकॉर्ड: रोहित भट्ट ने इससे पहले 27 जनवरी 2023 को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी (5895 मीटर/ 19341 फीट) को भी फतह किया था। रोहित ने इस चोटी पर 361 फीट का तिरंगा फहराकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
उत्तराखंड पुलिस का जताया आभार: माउंट एलब्रुस फतह करने के बाद जारी अपने संदेश में रोहित ने उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार, एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा और एसडीआरएफ अधिकारी प्रमोद रावत, विधायक विनोद चमोली और शक्तिलाल शाह और समिट को स्पॉन्सर करने वाली विजय एकेडमी का आभार जताया।
सातों द्वीपों की चोटियां चढ़ने का सपना: रोहित का कहना है कि वह सातों द्वीपों की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर उन पर तिरंगा फहराना चाहते हैं। इनमें से दो महाद्वीप (अफ्रीका, यूरोप) में वह सफल हो चुके हैं।