Sharda Flood: उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद, चम्पावत जिले की शारदा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद, बनबसा से खटीमा और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत तक बाढ़ आ गयी है। शारदा बैराज से छोड़ा गया पानी, ऊधमसिंह नगर से पीलीभीत तक सैकड़ों गांवों में भर गया है। सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गये हैं। वहीं, पीलीभीत में रेलवे पुलिया बह जाने के बाद, टनकपुर रेलवे लाइन पर ट्रेन संचालन बंद कर दिया गया है।

उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश रविवार शाम से कुछ थमी हुयी है, लेकिन कुमाऊं मंडल में अब भी कई जगह बादल बरस रहे हैं। इससे नैनीताल, चम्पावत, पिथौरागढ़ जिलों में जहां सड़कों पर लगातार मलबा गिर रहा है, वहीं नदियों का जलस्तर भी खतरनाक बना हुआ हैै।

चम्पावत जिले के टनकपुर में बनबसा स्थित शारदा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद, बनबसा से लेकर ऊधमसिंह नगर के खटीमा और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत तक, सड़कें-गांव-रेलवे ट्रैक जलमग्न हो गये हैं। खटीमा को पीलीभीत के पूरनपुर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर, चकरपुर के जंगल में दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है।

बनबसा में देवपुरा, जगपुरा के कई घरों में रविवार देर शाम पानी भर जाने के बाद, 150 से अधिक परिवारों को पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें, पूरी रात सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाती रहीं। बनबसा में जंगल में फंसी महिलाओं को भी देर रात रेस्क्यू किया गया है। दूसरी ओर, खटीमा में भी कई गांवों में जलभराव के बाद, कई परिवारों को नजदीकी स्कूलों में ठहराया गया है।

उधर, शारदा में आयी बाढ़ ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में, सैकड़ों गांवों में पानी भर दिया है। पीलीभीत से पूरनपुर के बीच में, शाहगढ़-संडई के पास, रेलवे लाइन पर बनी पुलिया, शारदा के तेज बहाव में ढहकर बह गयी है। इससे यहां रेलवे ट्रैक का बड़ा हिस्सा हवा में झूल रहा है।

रेलवे ट्रैक को नुकसान की जानकारी मिलते ही, उत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल ने, पीलीभीत जंक्शन से मैलानी जंक्शन और पीलीभीत जंक्शन से टनकपुर रेल प्रखंड पर सभी ट्रेनों का संचालन रोक दिया है। इज्जतनगर मंडल की रेलवे प्रबंधक रेखा यादव ने जानकारी दी है, कि ट्रैक के निरीक्षण के लिये टीम भेजी जा रही है।

माधोपुर-टांडा सड़क बहने से यातायात ठप

पीलीभीत में माधोपुर-टांडा रोड का भी बड़ा हिस्सा, शारदा नदी के तेज बहाव में बह गया है। इससे इस सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप होने के साथ ही, आसपास के 20 से अधिक गांवों का संपर्क दुनिया से कट गया है। पुलिस और प्रशासन की ओर से, गांवों तक मदद पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गयी है।

एक लाख 65 हजार क्यूसेक पानी शारदा बैराज से छोड़ा गया

शारदा बैराज से रविवार देर रात तक, एक लाख 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ने से, नहर के साथ ही नदी ओवरफ्लो होकर बह रही है। दूसरी ओर, चम्पावत के पर्वतीय क्षेत्र में अब भी बारिश जारी होने के कारण, बैराज से पानी छोड़ना मजबूरी बन गया है।

सितारगंज-शक्तिफार्म में फंसे 40 परिवारों को रेस्क्यू किया

नैनीताल जिले में भारी बारिश के बाद गौला नदी भी उफान पर है। हल्द्वानी के काठगोदाम स्थित गौला बैराज से भी, रविवार को 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे नैनीताल जिले के लालकुआं, ऊधमसिंह नगर के शांतिपुरी, सितारगंज, शक्तिफार्म क्षेत्रों तक बाढ़ के हालात बने हुये हैं।

रविवार देर रात शक्तिफार्म क्षेत्र में 40 परिवार, गौला का जलस्तर बढ़ने के बाद, आबादी क्षेत्र में अचानक जलभराव के कारण फंस गये थे। सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने सभी परिवारों को सुरक्षित निकालकर, नजदीकी स्कूल में पहुंचा दिया है।

चम्पावत-ऊधमसिंह नगर में एसडीआरएफ की कई टीमें तैनात

बाढ़ के हालात को देखते हुये, चम्पावत के टनकपुर-बनबसा और ऊधमसिंह नगर के खटीमा, सितारगंज, शक्तिफार्म क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस के साथ, एसडीआरएफ की भी कई टीमें तैनात की गयी हैं। एसडीआरएफ टीमें राफ्टों और अन्य बचाव उपकरणों के साथ, जलभराव में फंसे लोगों की मदद कर रही हैं।

 

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