Social Mediaमरचूला हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

Social Media: मरचूला बस हादसे ने, सोमवार को उत्तराखंडवासियों को झकझोर दिया। एक साथ 36 लोगों की मौत से, जहां राज्यवासी गमगीन थे। वहीं, एक शख्स ऐसा भी निकला, जिसने सोशल मीडिया पर हादसे से जुड़ा वीडियो शेयर करते हुये, मजाक बनाया। मामला संज्ञान में आते ही, पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।

सोमवार को मरचूला हादसे के बाद, राज्यभर में लोगों में शोक का माहौल था। रामनगर में स्थानीय युवा घायलों के लिये रक्तदान करने स्वतः पहुंचने लगे थे, लेकिन रामनगर के ही मोहम्मद आमिर नाम के एक शख्स ने फेसबुक पर हादसे से जुड़ा वीडियो पोस्ट किया। हैरत की बात यह थी, कि उसने इस वीडियो में ‘हैप्पी दीपावली’ और ‘फ्री होम डिलीवरी’ जैसे आपत्तिजनक शब्द लिखकर, हादसे का मजाक बनाया।

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सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की जानकारी मिलते ही, धुमाकोट क्षेत्रवासियों ने पुलिस से शिकायत की।

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट सामने आते ही, धुमाकोट क्षेत्र के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय निवासियों ने थाना धुमाकोट पहुंचकर, अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग भी रखी। उनका कहना था, कि हादसे में जान गवांने वालों का अंतिम संस्कार तक नहीं किया जा सका है, और आरोपी इस तरह क्षेत्रवासियों के दुःख का मजाक बना रहा है।

दूसरी ओर, मामला संज्ञान में आते ही एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने भी संबंधित थानों की पुलिस को आरोपी की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दे दिये। प्राथमिक जांच में, आरोपी द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने की पुष्टि हुयी। इस तरह की पोस्ट से, सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने का अंदेशा था।

पता चला, कि आरोपी मोहम्मद आमिर मूलतः कोटद्वार रोड रामनगर का रहने वाला है, जबकि वर्तमान में थलीसैंण के नौगांव, स्यूंसी में रह रहा है। जानकारी मिलते ही, मंगलवार को थलीसैंण पुलिस ने आरोपी मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 299 और 353 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

Social Media: जानिये किन धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा

  • बीएनएस 196ः दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करने में, दोषसिद्ध होने पर तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा सुनायी जा सकती है
  • बीएनएस 299ः किसी धर्म की परंपराओं अथवा अनुष्ठानों का अपमान करने या किसी धर्म के प्रति विद्वेषपूर्ण अथवा अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने में, अधिकतम तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है
  • बीएनएस 353 (2): किसी धर्म अथवा जाति के बारे में गलत जानकारी, अफवाह फैलाना या चौंकाने वाली सामग्री सोशल मीडिया, वेबसाइट आदि माध्यमों में प्रकाशित करने का दोषसिद्ध होने पर, तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों सजाएं सुनायी जा सकती हैं

Social Media: धुमाकोट पुलिस ने दी गिरफ्तारी की जानकारी

आरोपी की गिरफ्तारी होने के बाद, धुमाकोट पुलिस ने भी स्थानीय निवासियों को इसकी जानकारी दी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने, लोगों की जागरूकता की सराहना भी की। कहा, कि लोगों की जागरूकता की वजह से ही यह मामला तत्काल पुलिस के संज्ञान में आया, और माहौल बिगड़ने से पहले ही कार्रवाई करना संभव हुआ।

Social Media: बैजरो में ली है प्रॉपर्टी, ध्वस्त करने की मांग

स्थानीय निवासियों ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी, कि जानकारी मिली है, कि आरोपी मोहम्मद आमिर ने बीरोंखाल ब्लॉक के बैजरो क्षेत्र में प्रॉपर्टी खरीदी है। आरोप है, कि संपत्ति की खरीद भी गलत तरीके से की गयी है। स्थानीय निवासियों ने, पुलिस ने आरोपी की संपत्ति की जांच और अवैध निर्माण-संपत्ति ध्वस्त करने की भी मांग उठायी है।

Social Media: ‘प्रदेश में बर्दाश्त नहीं की जायेगी उन्मादी मानसिकता’

सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद, सीएम पुष्कर सिंह धामी को टैग करके भी मामले की जानकारी दी गयी थी। सीएम धामी के कार्यालय की ओर से जारी संदेश में कहा गया है- ‘कल अल्मोड़ा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना जैसे कठिन और संवेदनशील समय में, समाज को एकजुटता और सहानुभूति दिखाने की जरूरत थी, तब इसके विपरीत, मोहम्मद आमिर (वर्तमान निवासी, रामनगर) ने सोशल मीडिया पर अत्यंत असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए इस हादसे के संबंध में अमर्यादित बातें भी लिखी।’

‘इसके बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर माननीय मुख्यमंत्री को टैग करते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया। जिस पर संज्ञान लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने पुलिस विभाग को निर्देशित किया और मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार किया गया।’

‘राज्य में असंवेदनशीलता का प्रसार, धार्मिक उन्माद और जिहादी विचारधारा को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी गतिविधियों से समाज की शांति और समरसता पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है, जो किसी भी तरह से उचित नहीं है। प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।’

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