Tehri Lake Cruise Boat Tender: टिहरी झील में क्रूज बोट चलाने की उत्तराखंड पर्यटन विभाग की योजना, टेंडर प्रक्रिया की शुरूआत के साथ ही सवालों में घिर गयी है। टेंडर पर सवाल उठने की सबसे बड़ी वजह, अंतिम छह चयनित आवेदकों में दो वीआईपी का शामिल होना है। इनमें एक टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण के पति, जबकि दूसरे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र हैं।
टिहरी विशेष झील पर्यटन विकास प्राधिकरण ने, कुछ समय पहले टिहरी झील में दो क्रूज बोट के संचालन के लिये टेंडर (Tehri Lake Cruise Boat Tender) आमंत्रित किये थे। जानकारी के अनुसार, प्रक्रिया के तहत करीब 30 एजेंसियों ने टेंडर भरे थे। बताया जा रहा है, कि दस्तावेजों की जांच के बाद, इनमें से छह आवेदकों को क्रूज बोट संचालन के लिये उपयुक्त पाया गया है।
21 अगस्त को, प्राधिकरण के अपर मुख्य अधिकारी की ओर से संबंधित आवेदकों को, इसकी जानकारी देने के साथ, पत्र प्रेषित किया गया है। इस पत्र में आवेदकों को 28 अगस्त को, साक्षात्कार और क्रूज बोट संचालन के संबंध में प्रस्तुतीकरण देने के लिये बुलाया गया है। लेकिन, यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही, हंगामा खड़ा हो गया है।
दरअसल, छह लोगों की इस सूची में पहला नाम, घनसाली टिहरी गढ़वाल निवासी रघुवीर सजवाण का है। रघुवीर सजवाण न सिर्फ खुद जिला पंचायत सदस्य हैं, बल्कि उनकी पत्नी सोना सजवाण टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। वहीं, सूची में दूसरा नाम प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयेश रावत का है।
इन दोनों वीआईपी के नाम सामने आते ही, टिहरी झील में क्रूज बोट चलाने की योजना, शुरू होने से पहले ही सवालों के भंवर में फंस गयी है। विपक्ष ने पर्यटन मंत्री और टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष समेत, सरकार पर सवाल उठा दिये हैं। आरोप लगाया जा रहा है, कि आमजन को दरकिनार कर खास लोगों को फायदा देने की कोशिश की जा रही है।
Tehri Lake Cruise Boat Tender: मंत्री बोले- पूरी तरह पारदर्शी है टेंडर की प्रक्रिया
टेंडर पर सवाल उठने के बाद, मंत्री सतपाल महाराज ने भी अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है, कि झील में क्रूज बोट संचालन की टेंडर प्रक्रिया में कहीं कोई अनियमितता नहीं हुयी है। उनका कहना है, कि प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनायी गयी और सभी आवेदकों ने, नियमों का पालन करते हुये, आवेदन किये हैं।
Tehri Lake Cruise Boat Tender: ‘इन्वेस्टर समिट से प्रभावित होकर बेटे ने किया आवेदन’
मंत्री सतपाल महाराज का कहना है, कि उत्तराखंड में कुछ समय पूर्व इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था। इसमें देशभर से उद्यमी राज्य में निवेश की संभावनाएं तलाशने के लिये पहुंचे थे। इस समिट के बाद ही, उनके पुत्र सुयेश रावत ने तय किया था, कि वह प्रदेश में निवेश करेंगे। इसी कड़ी में उन्होंने टिहरी झील में क्रूज बोट संचालन के लिये आवेदन किया।
टिहरी झील में क्रूज बोट संचालन टेंडर पर उठ रहे सवालों के बीच, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपना पक्ष रखा है। मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है, कि वह अपने बेटे सुयेश रावत से टेंडर वापस लेने को कहेंगे। #uttarakhand #tehrilake #politics #satpalmaharaj #congressuttarakhand #bjp pic.twitter.com/r7fUl3ah96
— tagnewslist (@tagnewslist) August 23, 2024
Tehri Lake Cruise Boat Tender: ‘बेटे से टेंडर का आवेदन वापस लेने का आग्रह’
मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, कि प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहंीं है। लेकिन, चूंकि वह विभागीय मंत्री हैं और इस वजह से किसी तरह के सवाल नहीं उठें, इसके लिये वह अपने पुत्र सुयेश रावत से आग्रह करेंगे, कि वह क्रूज बोट संचालन टेंडर से अपना आवेदन वापस लेलें। मंत्री ने कहा, कि इस मामले में किसी को भी भ्रामक प्रचार नहीं करना चाहिये।
Tehri Lake Cruise Boat Tender: कांग्रेस ने चयनकर्ता पैनल पर उठाये सवाल
कांग्रेस की प्रवक्ता सुजाता पॉल ने, टिहरी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पैनल पर भी सवाल उठाये हैं। उनका कहना है, कि टेंडरों में दो वीआईपी के नाम की जानकारी के बावजूद, पैनल ने सबकुछ जानते हुये भी उन्हें अंतिम चयनित सूची में डाला है। उनका कहना है, कि यह परिवारवाद को बढ़ावा देने की कोशिश है।
वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी का कहना है, कि अगर Tehri Lake Cruise Boat Tender प्रक्रिया में नियमों का पूरा पालन किया गया है, तब ही टेंडर को स्वीकार किया जा सकता है। लेकिन, अगर यह टेंडर सिर्फ इसलिये लिया गया है, कि आवेदक मंत्री के पुत्र हैं, तो यह सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि ऐसा होना, राज्य के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है।