Uttarakhand Rain Alert

Uttarakhand Alert: उत्तराखंड में एक बार फिर, मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग ने, छह से दस अगस्त तक, राज्य में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान, राज्य में कुछ स्थानों पर 200 मिलीमीटर तक बारिश होने के भी आसार जताये गये हैं। ऐसे में यात्रियों और स्थानीय लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की गयी है।

राज्य में एक सप्ताह पूर्व, 31 जुलाई की रात भारी बारिश ने कई जगह कहर बरपाया था। रुद्रप्रयाग जिले में केदारघाटी, टिहरी जिले में भिलंगना ब्लॉक, अल्मोड़ा के जागेश्वर में बादल फटने से, नदियां उफान पर आ गयी थीं। श्रीकेदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर भीमबली के पास भारी मलबा आने से रास्ता बह गया था।

वहीं, सोनप्रयाग में भी भूस्खलन से सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया। एक सप्ताह बाद भी, केदारघाटी में फंसे यात्रियों को निकालने का काम जारी है, जिसमें पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ सेना, वायुसेना और अन्य विभागों के कर्मी भी शामिल हैं। यात्री हेलीकॉप्टरों के अलावा, चिनूक और एमआई-17 के जरिये, यात्रियों को निकाला जा रहा है।

31 अगस्त की रात बादल फटने, जलभराव, भूस्खलन, मकान ढहने, नदी में बह जाने जैसी घटनाओं ने 17 लोगों की प्रदेशभर में जान ले ली थी। हालांकि, इसके बाद मौसम में हल्का सुधार देखा गया, जिससे राहत-बचाव कार्य करने में तेजी आ सकी। लेकिन, अब एक बार फिर बादल उत्तराखंड में बरसने को तैयार हैं। इसे देखते हुये मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग की ओर से, उत्तराखंड के लिये छह से दस अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान पूरे प्रदेश में ही भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार जताये गये हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य में अगले पांच दिन 115 मिलीमीटर से 204 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है।

सीएम धामी केदारघाटी पहुंचे, राहत बचाव कार्य का जायजा लिया

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने, मंगलवार दोपहर रुद्रप्रयाग के आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने क्षतिग्रस्त मार्गों एवं पुलों को ठीक करने हेतु किए जा रहे कार्यों की भी विस्तृत जानकारी ली।

आपदा में सड़कें, पानी-बिजली लाइन टूटने से हुआ है भारी नुकसान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल और सड़क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुये हैं। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं।

उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से अभिनव प्रयास कर रेस्क्यू अभियान से फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है।

अब तक 12 हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया

सीएम धामी ने बताया, कि पूरे केदारघाटी क्षेत्र में आपदा के बाद बड़ी संख्या में यात्री फंस गये थे। सीएम ने कहा, कि रिकॉर्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्री और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिसके बाद अभियान लगभग पूरा हो चुका है। अब सरकार का ध्यान अतिवृष्टि से प्रभावित हुए जनजीवन, प्रभावित क्षेत्र तथा जो सड़क मार्गों को दुरुस्त करने पर है। वैकल्पिक मार्गों पर भी फोकस किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *