Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट बैठक में स्वीकृति के बाद अब विधानसभा में इस सम्बंध में विधेयक लाया जायेगा।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुयी। इस दौरान कुल 20 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इनमें राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ा प्रस्ताव सबसे अहम रहा।

कैबिनेट में राज्य आंदोलनकारियों और आंदोलनकारी के एक आश्रित को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के बिल को मंजूरी दी गयी। अब 05 सितम्बर से शुरू हो रहे सत्र में यह विधेयक लाया जायेगा।

दस साल से बंद है आरक्षण: उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ पहले मिलता था। लेकिन हाईकोर्ट के शासनादेश पर रोक के बाद 10 साल से इसका लाभ बंद है। अब विधानसभा से पारित होकर कानून बन जाने के बाद आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को लाभ मिलेगा।

2016 में भी हुयी थी कोशिश: राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर 2016 में भी कोशिश हुयी थी। तब तत्कालीन सरकार ने गैरसैंण में आयोजित सत्र में इसे पारित करवाया था, लेकिन तब राज्यपाल ने इसे लौटा दिया था।

11 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट: कैबिनेट बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) पेश करने को भी मंजूरी दी गयी। जानकारी के अनुसार सरकार 11 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है।

संविदाकर्मियों को चाइल्ड केयर लीव: एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव विभिन्न सरकारी कार्यालयों, विभागों, संस्थानों में कार्यरत संविदाकर्मियों और आउटसोर्स से जुड़ा है। कैबिनेट ने इन कर्मियों को भी चाइल्ड केयर लीव देने को मंजूरी दी है।

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