Uttarakhand Disaster Video: बारिश ने इस बार कोटद्वार को गहरे जख्म दिये हैं। भाबर से लेकर नदीपार तक सभी जगह आपदा के निशान नजर आ रहे हैं। इस बीच नदीपार क्षेत्र में जायजा लेने पहुंचीं विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को जनता की कड़ी नाराजगी का सामना करना पड़ा।
बारिश ने पिछले 15 दिन में कोटद्वार में जमकर कहर बरपाया है। नदियों-गदेरों के उफान पर आने से पुल टूटे हैं, जबकि कई घर टूटकर उफनाये पानी में समा गये। सैकड़ों लोगों को घर छोड़कर इन दिनों राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से राहत के इंतजाम किये जा रहे हैं, लेकिन प्रभावित आबादी और क्षेत्रों के हिसाब से इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
करीब एक सप्ताह पहले जिन क्षेत्रों में जलभराव हुआ था, वहां अब तक पूरी राहत नहीं पहुंचायी जा सकी है। वहीं, रविवार रात की बारिश ने इन क्षेत्रों के लोगों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। टूटी सड़कों, टूटे पुलों, उफनती नदियों और मलबे से पटे घरों ने इन लोगों को बुरी तरह त्रस्त कर दिया है।
लोगों का कहना है कि सीएम धामी के दौरे के बावजूद उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। इधर, रविवार की बारिश के बाद गाड़ीघाट, झूलाबस्ती, रतनपुर, लालपानी, सनेह क्षेत्रों में खोह नदी ने कहर बरपाया है। कई घर टूट गये हैं। रास्ते बह गये हैं। इससे उनकी नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गयी है।
लोगों के इस गुस्से का सामना स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को तब करना पड़ा, जब वह लालपानी क्षेत्र में नुकसान का जायजा लेने पहुंचीं। लोगों ने कहा कि नेता और अधिकारी आकर आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन जमीन पर राहत का कुछ काम होता नजर नहीं आ रहा।
उनका कहना था कि अगर क्षेत्र में 10 दिन पहले भारी बारिश के बाद ही तुरन्त सुरक्षात्मक कार्य कर दिये गये होते तो रविवार की बारिश से हुये नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सकता था। उनका कहना था कि वे खोह नदी से हो रहे भूकटाव के बारे में लगातार बताते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुयी।
इस दौरान विधायक खंडूड़ी ने लोगों को समझाने की कोशिश की और बताया कि सरकार, प्रशासन के स्तर पर हरसम्भव कदम उठाया जा रहा है। लेकिन लोग नहीं माने और विधायक से विरोध जताने लगे। मनाने की काफी कोशिशों के बाद भी बात नहीं बनने पर विधायक वहां से लौटने लगीं।
यह देख गुस्सायी महिलाएं भी नाराजगी जताते हुये उनके पीछे चल पड़ीं। महिलाएं विधायक की गाड़ी रोकने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें रोका और शांत किया। इसके बाद विधायक वहां से निकल गयीं।