Uttarakhand Floods: उत्तराखंड में बीते दिनों हुयी भारी बारिश, कुमाऊं मंडल के चम्पावत से तराई तक मुसीबतों के निशान छोड़ गयी है। बनबसा से लेकर ऊधमसिंह नगर जिले के बड़े हिस्से में नदियों का पानी भरा हुआ है। खेत-सड़क, मकान सब जलमग्न हो गये हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने, खुद जायजा लेने के बाद, प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिये।
मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत के बनबसा, टनकपुर, ऊधमसिंह नगर के खटीमा, सितारगंज, शक्तिफार्म, नैनीताल जिले के हल्द्वानी, लालकुआं क्षेत्रों का हवाई दौरा कर बाढ़ से हुये नुकसान का निरीक्षण किया।
LIVE: कुमाऊं मंडल के अंतर्गत हल्द्वानी, बनबसा, टनकपुर, सितारगंज, खटीमा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण
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चम्पावत के एनएचपीसी हेलीपैड पर उतरने के बाद, सीएम टनकपुर व बनबसा पंहुचे और अधिकरियों से जानकारी ली। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। सीएम ने प्रभावित लोगों को जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जायेगी।
सीएम ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत एवं चम्पावत जिलाधिकारी नवनीत पांडे को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश देते हुये कहा, कि तत्काल प्रभावितों को सहायता राशि वितरित करने के साथ ही रिस्टोरेशन के कार्य तत्परता से किये जायें। उन्होंने समय-समय पर प्रभावित क्षेत्रों में कराये जा रहे कार्यों की मॉनीटरिंग के निर्देश भी दिये।
जनता ने उठायी बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मांग
प्रभावित परिवारों से मुलाकात के दौरान, सीएम ने भरोसा दिलाया कि सरकार इस आपदा की घड़ी में प्रभावित लोगों की सहायता हेतु प्रतिबद्ध है। शारदा घाट में स्थानीय लोगों ने कहा, कि सिंचाई विभाग की ओर से कराये गये बाढ़ सुरक्षा कार्यों से नुकसान उतना नहीं हुआ, जितना हो सकता था। मांग उठायी कि इसी प्रकार के बाढ़ सुरक्षा के कार्य अन्य स्थानों में भी कराए जाय।
LIVE: कुमाऊं मंडल के अंतर्गत बनबसा, टनकपुर, खटीमा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण एवं प्रभावितों से मुलाकात
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परिसंपत्तियों के नुकसान का आकलन कर प्रस्ताव भेजें
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारी बारिश के चलते जनपद में सरकारी परिसंपत्तियों को हुये नुकसान का आकलन कर, प्रस्ताव अविलम्ब तैयार कर शासन को भेजें। उन्होंने सभी सड़क मार्ग निर्माण संस्थाओं को निर्देश दिये, कि सड़क बंद होते ही, तत्काल मार्ग खोलने का काम शुरू करें।
जलभराव प्रभावित क्षेत्रों से पानी निकालने के निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर, बनबसा और तराई के मैदानी क्षेत्रों में जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में, पानी की निकासी की तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। सीएम ने कहा, कि टनकपुर, बनबसा में ड्रेनेज समस्या के स्थाई समाधान हेतु धनराशि अवमुक्त कर दी जायेगी।
जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गौलापार का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने एवं इससे प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता त्वरित रूप से पहुंचाए जाने के निर्देश दिए। pic.twitter.com/1hNjRGJ3OI
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किरौड़ा नाला के डायवर्जन के लिये योजना बनायें
सीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया, कि किरौड़ा नाला के डायवर्जन के लिये कार्ययोजना तैयार की जाये। ताकि भारी बारिश के दौरान नाले का पानी आबादी क्षेत्र में नहीं जाये और लोगों का किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो।
चम्पावत में 44 आवासीय भवनों को पहुंचा नुकसान
सीएम धामी को जानकारी देते हुये, चम्पावत डीएम नवनीत पांडे ने बताया, कि जिले में भारी बारिश के दौरान सोमवार तक 01 जनहानि, 17 गाय तथा 43 बकरियों की हानि हुयी है। डीएम ने बताया कि दो भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 42 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुये हैं। जलभराव प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों या रिश्तेदारों के यहां पहुंचाया गया है।
गौला नदी से हुये नुकसान का भी सीएम ने जायजा लिया
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी पहुंचकर, वहां भी गौला नदी में आये पानी से हुये नुकसान का जायजा लिया। सीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, गौलापार में स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों से मुलाकात भी की। सीएम ने निर्देश दिये कि अधिकारी जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर जनता तक आवश्यक मदद पहुंचायें।
अब लखीमपुर खीरी में हवा में तैर गयी रेलवे पटरी
शारदा नदी में आयी बाढ़ का पानी, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी तक पहुंच गया। सोमवार को शारदा के पानी ने, पीलीभीत में रेलवे पटरी के नीचे की जमीन को बहा दिया था। इससे रेलवे पटरी का बड़ा हिस्सा हवा में झूल गया था। रेलवे ने पीलीभीत से टनकपुर रूट पर रेलगाड़ियों का संचालन भी रोक दिया है।
वहीं, मंगलवार को शारदा नदी के पानी ने लखीमपुर खीरी में भी, रेलवे पटरी को खासा नुकसान पहुंचाया है। यहां भी पीलीभीत की ही तरह, नदी का पानी तेज बहाव में, पटरी के नीचे की जमीन को बहाता हुआ ले गया। पानी तटबंधों को तोड़ता हुआ, कई गांवों में भर गया। इससे कई बीघा फसल बर्बाद हो गयी है।