Uttarakhand Land Law: उत्तराखंडवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग उत्तराखंड भू कानून (Uttarakhand Land Law) पर राज्य सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया है कि कानून का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसका प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में रखा जायेगा।
उत्तराखंड में लंबे समय से सशक्त भू कानून बनाने की मांग उठ रही है। राज्य सरकार ने कानून को लेकर पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति की ओर से कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है।
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य में भू-कानून लागू करने को सरकार पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लिए जन-भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि भू-कानून के लिए गठित की गयी समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को मिल चुकी है। बताया कि जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के लिए जन-भावनाओं का सम्मान सर्वोपरी है। उन्होंने कहा कि भू-कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है। जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) August 9, 2023
बाहरी लोगों के जमीन लेने पर कसेगी लगाम: उत्तराखंड में भू कानून लागू हुआ तो अन्य राज्यों के लोगों के उत्तराखंड में जमीन खरीदने पर रोक लगेगी।
इसलिये उठ रही मांग: राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 तक लागू कानून के अनुसार बाहरी लोग उत्तराखंड में अधिकतम 500 वर्गमीटर जमीन ले सकते थे। वर्ष 2008 में इसे घटाकर 250 वर्गमीटर किया गया। लेकिन वर्ष 2018 में सरकार नया अध्यादेश लायी, जिसके बाद बाहरी लोगों के जमीन खरीद पाने पर कोई सीमा नहीं रह गयी। इसके बाद राज्यवासियों में स्थानीय परम्परा, विरासत, संस्कृति, सामाजिक ढांचे और उत्तराखंड की पहचान के खतरे की आशंका बढ़ गयी। इसीलिये इस कानून की मांग की जा रही है।