Uttarakhand Police ने अपने मूल मंत्र वाक्य ‘मित्र पुलिस’ को एक बार फिर सच साबित किया है। उत्तराखंड पुलिस के जवानों की सक्रियता ने हरिद्वार में एक युवती की जिंदगी बचाने के साथ उत्तरकाशी में चार मासूमों के साथ बड़ी अनहोनी की आशंका टाल दी।

पहली घटना हरिद्वार की है, यहां रुड़की निवासी एक युवती परिजनों संग गंगनहर के किनारे घूम रही थी। इसी बीच अचानक उसका पैर फिसल गया और वह हर में जा गिरी। परिजन जब तक कुछ समझ पाते, वह तेज बहाव में बहने लगी।
शोरगुल सुनकर पास ही तैनात जल पुलिसकर्मी तुरन्त मौके पर पहुंचे और नहर में छलांग लगा दी। कुछ देर मशक्कत के बाद जवानों ने युवती को उफनती लहरों से सकुशल निकाल लिया। युवती को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत बेहतर है।

दूसरी घटना उत्तरकाशी की है। यहां जिला सीसीटीवी कंट्रोल रूम में महिला आरक्षी सरस्वती नेगी की तैनाती थी। सरस्वती लगातार कैमरों पर मिल रहे फुटेज पर नजर बनाए हुए थीं। इसी दौरान भागीरथी तट स्थित केदारघाट के कैमरे की फुटेज देख वह चौंक गयीं।
महिला आरक्षी ने देखा कि वहां 4 बच्चे भागीरथी नदी में नहाने के लिये उतर गये हैं। फुटेज में उनके साथ कोई वयस्क परिजन भी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में भागीरथी की तेज लहरों में बिना सुरक्षा नहा रहे इन बच्चों के साथ अनहोनी की आशंका थी।
इसे देखते हुए महिला आरक्षी सरस्वती नेगी ने तत्काल कोतवाली उत्तरकाशी को सूचना दी। जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस हरकत में आयी और पुलिसकर्मी मौके पर भेजे गये। पुलिस जवानों ने बच्चों को सुरक्षित निकालने के साथ उन्हें दोबारा ऐसा नहीं करने की हिदायत दी।
बाद में बच्चे उनके परिजनों को सौंप दिये गये और उन्हें भी बच्चों को इस तरह नदी में नहीं जाने देने की सलाह दी गयी। उत्तराखंड पुलिस के जवानों की इस सक्रियता की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं। देखें पोस्ट