Uttarakhand Rain Alert: उत्तराखंड में जारी बारिश के बाद, चारधाम यात्रा 2024 को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यात्रियों को ऋषिकेश से आगे नहीं जाने को कहा गया है। उधर, अलकनंदा-भागीरथी और इनकी सहायक नदियों में भी जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है। ऐसे में पर्वतीय जिलों से लेकर हरिद्वार तक, पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर है।

मौसम विभाग ने रविवार को उत्तराखंड में भारी से भारी बारिश 115 मिलीमीटर से 204 मिलीमीटर और कुछ स्थानों पर 204 मिलीमीटर से भी अधिक वर्षा होने के आसार जताये हैं। इसे देखते हुये, शासन-प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाये हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के नौ जिलों के लिये, रेड अलर्ट जारी होने पर संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से भी भारी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के दृष्टिगत सावधानी बरतने तथा सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है।

सीएम ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन तथा संबंधित अधिकारियों को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं। सीएम धामी ने निर्देश दिये हैं, कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में, आपदा संबंधित सूचना आते ही त्वरित कार्रवाई की जाये।

उधर, मौसम के हालात को देखते हुये रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गयी है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की ओर से, इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गये हैं। आयुक्त ने चारधाम यात्रियों से अपील की है, कि वे किसी भी हाल में ऋषिकेश से आगे सफर नहीं करें।

आयुक्त ने ऋषिकेश से आगे निकले और यात्रा दर्शन कर लौटने वाले श्रद्धालुओं को भी, रविवार को यात्रा नहीं करने की हिदायत दी है। उनसे अपील की गयी है, कि वे यात्रा मार्ग के पड़ावों पर, सुरक्षित ठिकानों पर ही बने रहें। मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा दोबारा शुरू करने को कहा गया है।

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिये जारी की है यह चेतावनी

मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर जिलों में अनेक जगह भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल, चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में कहीं-कहीं बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश होने के आसार जताये हैं। इन जिलों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का भी पूर्वानुमान जताया गया है।

सड़क खोलने, मेडिकल और भोजन की हो त्वरित व्यवस्था

मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा हेतु हर संभव एहतियात बरतने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में उससे प्रभावी तरीके से निपटा जाये। कहीं भी मार्ग बाधित होने पर तत्काल उसे खुलवाना सुनिश्चित करने को कहा है।

इसके अलावा सीएम ने संभावित आपदा के दृष्टिगत सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, खाद्य तथा मेडिकल टीम को हर स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश दिये हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी आपसी सामंजस्य बनाते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

सीएम की अपील- बहुत जरूरी न हो, तो घरों में ही रहें

मुख्यमंत्री धामी ने राज्यवासियों को जारी संदेश में कहा है कि लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। खतरे वाली जगहों पर न जायें और बहुत जरूरी हो तभी आवागमन करें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आपदाओं से कम से कम जान-माल का नुकसान हो।

टिहरी बांध से पानी छोड़ा, ऋषिकेश में जलस्तर बढ़ा

लगातार जारी बारिश के बाद, राज्य में सभी प्रमुख नदियों समेत बरसाती गाड़-गदेरे भी उफान पर हैं। इससे अलकनंदा-भागीरथी और इनकी सहायक नदियों में भी जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। रूद्रप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, विष्णुप्रयाग, कर्णप्रयाग, सोनप्रयाग, श्रीनगर, देवप्रयाग में अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

दूसरी ओर, टिहरी बांध में भी जलस्तर बढ़ने के बाद, रविवार सुबह पानी छोड़ा गया है। इसके बाद टिहरी जिले में भागीरथी किनारे बसे गांवों से लेकर देवप्रयाग और ऋषिकेश तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। सभी जगह घाटों पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गयी हैं, जो लगातार लाउडस्पीकर पर लोगों को नदी में नहीं उतरने की चेतावनी दे रही हैं।

हल्द्वानी में रकसिया नाले में बहे दो युवक, जान बची

हल्द्वानी में रविवार सुबह, रकसिया नाले में बाइकसवार दो युवक बहने लगे। शनिवार से ही नाले का जलस्तर बढ़ा हुआ है और तेज बहाव से खतरा बना हुआ है। एक दिन पहले ही, शनिवार शाम को पुलिस ने यहां लोगों से अपील की थी, कि वे नाले में वाहन लेकर नहीं उतरें।

इसके बावजूद, दोनों युवक बाइक से नाले को पार करने की कोशिश करने लगे। लेकिन नाले में बाइक उतारते ही, तेज बहाव में वे संतुलन खो बैठे और नाले में गिर गये। दोनों बाइक को पकड़ने की कोशिश में, बाइक के साथ ही बहने लगे। गनीमत रही कि ऐन वक्त पर उन्होंने बाइक छोड़ दी, जिसके बाद दोनों सुरक्षित निकल आये। उनकी बाइक नाले में बह गयी।

द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर मार्ग पर पुलिया टूटी

द्वितीय केदार श्रीमध्यमहेश्वर धाम को जाने वाले मार्ग पर, बनी पुलिया मधुगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद टूट गयी है। जानकारी के अनुसार, धाम के पैदल यात्रामार्ग पर गोंडार गांव से आगे बनतोली में, मधुगंगा पर यह पुलिया बनायी गयी थी।

यहां बनाया गया मुख्य पुल पिछले साल, मधुगंगा के उफान में टूटकर बह गया था। इसके बाद यहां अस्थायी पुलिया बनायी गयी थी, अब वह भी बह गयी है। हालांकि, मौके पर एक अन्य पुलिया के जरिये आवागमन होने से, फिलहाल क्षेत्र में किसी यात्री के फंसे होने की सूचना नहीं है। फिलहाल, धाम के लिये यात्रा स्थगित है।

 

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