Ladakh Accident: लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी में, टैंक अभ्यास के दौरान, नदी पार करते हुये बहकर बलिदान हुये, जवानों के नाम सामने आ गये हैं। दुर्घटना में बलिदान हुये जवानों में एक, उत्तराखंड के भूपेंद्र नेगी थे। टैंक हादसे में, सेना के एक जेसीओ और तीन अन्य जवान भी बलिदान हुये हैं।
केंद्रशासित राज्य लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर, वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास, शुक्रवार रात भारतीय सेना टैंक अभ्यास कर रही थी। इस दौरान नदी को पार करते हुये, पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण, जलस्तर अचानक बढ़ जाने से, एक टैंक गहरे पानी में फंस गया था। टैंक पर सवार, एक जेसीओ और चार जवान, नदी के तेज बहाव में बह गये थे।
शुक्रवार रात से ही, सेना जवानों की तलाश कर रही थी। शनिवार सुबह पांचों जवानों के शव बरामद कर लिये गये थे, हालांकि इनके नाम तब सामने नहीं आये थे। अब सैन्य अधिकारियों ने पांचों जवानों के नाम सार्वजनिक कर दिये हैं। इनमें एक जवान भूपेंद्र नेगी उत्तराखंड के रहने वाले थे।
बलिदानी भूपेंद्र नेगी मूलतः पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लॉक के ग्राम बिसल्ड के निवासी थे। जानकारी के अनुसार, उनके परिवार में पिता, पत्नी और तीन बच्चे हैं। नेगी की माता का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया था। बताया जा रहा है, कि जवान भूपेंद्र नेगी की पत्नी और बच्चे, वर्तमान में देहरादून में रह रहे हैं। उनके पिता भी, देहरादून में परिवार संग ही रहते हैं।
टैंक हादसे में बलिदान हुये अन्य जवानों में, जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर एमआरके रेड्डी, हवलदार सुबहान खान, जवान सदरबोनिया नागराजू और जवान एकीदोंग तीबाम शामिल थे।
पैतृक गांव के घाट पर किया जायेगा अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार, बलिदानी जवान भूपेंद्र नेगी का अंतिम संस्कार, पैतृक गांव बिसल्ड के पारंपरिक घाट पर ही किया जायेगा। परिजनों की ओर से, इसके संबंध में सैन्य अधिकारियों को जानकारी दे दी गयी है। इसके बाद, पौड़ी जिला प्रशासन, पुलिस और सेना के स्तर पर, तैयारियां की जा रही हैं।
दूसरी ओर, लद्दाख से भूपेंद्र नेगी समेत सभी जवानों के पार्थिव शरीर, दिल्ली पहुंचाये जा रहे हैं। यहां से नेगी की पार्थिव देह उनके गांव लायी जायेगी। सेना की ओर से, विधिवत सैन्य सम्मान के साथ, अमर बलिदानी जवान को अंतिम विदाई दी जायेगी।
लद्दाख में T-72 टैंक के नदी पार करने के दौरान अचानक जल स्तर बढ़ने से भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर सभी दिवंगतों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
दुःख की इस घड़ी में पूरा…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 29, 2024
मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुर्घटना पर शोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, टैंक हादसे पर गहरा शोक जताया है। सीएम धामी ने कहा, कि लद्दाख में टैंक के नदी पार करने के दौरान अचानक जल स्तर बढ़ने से भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर सभी दिवंगतों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
श्योक नदी में चल रहा था सेना का अभ्यास
जानकारी के अनुसार, लद्दाख की श्योक नदी में भारतीय सेना का टैंक अभ्यास चल रहा था। जिस जगह यह हादसा हुआ, उसे सासेर ब्रांगसा के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में श्योक नदी के किनारे, सीमा सड़क संगठन बीआरओ ने, दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्दी सड़क का निर्माण किया है। चीन सीमा के बिल्कुल नजदीक, यह सड़क सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
स्थानीय भाषा में मौत की नदी कही जाती है श्योक
जानकारी के अनुसार, श्योक नदी का नाम शोक का अपभ्रंश है। इस नदी को स्थानीय स्तर पर, मौत की नदी या दुःख की नदी कहा जाता है। बताया जाता है, कि इस नदी में अचानक आ जाने वाली बाढ़ के कारण, इसे यह नाम दिया गया है।