corruption newsउत्तराखंड में घूस मांगने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई लगातार जारी है।

Vigilance Uttarakhand: सतर्कता अधिष्ठान (Vigilance Uttarakhand) ने, उत्तराखंड परिवहन निगम काशीपुर डिपो के सहायक महाप्रबंधक को नौ हजार की रकम, बतौर रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सहायक महाप्रबंधक ने, काशीपुर डिपो में अनुबंध पर बसें चलवाने के एवज में, यह रकम मांगी थी। सहायक महाप्रबंधक की संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले, परिवहन निगम काशीपुर डिपो में, अनुबंधित बसें चलाने वाले, एक बस मालिक ने विजिलेंस से शिकायत की थी। बस मालिक ने, विजिलेंस को जानकारी दी थी, कि उनकी तीन बसें काशीपुर डिपो में अनुबंधित बसों के तौर पर चलायी जा रही हैं। आरोप लगाया, कि डिपो के सहायक महाप्रबंधक ने तीनों बसों को सुचारू रखने के लिये, रिश्वत की मांग की।

बस मालिक ने विजिलेंस से की शिकायत में, आरोप लगाया था कि उनसे तीन बसों के लिये, प्रति बस तीन-तीन हजार रुपये के हिसाब से, कुल नौ हजार की रकम मांगी गयी थी। बस मालिक ने विजिलेंस से कहा था, कि वह रिश्वत नहीं देना चाहते हैं और आरोपी सहायक महाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करवाना चाहते हैं।

विजिलेंस की ओर से, बस मालिक की शिकायत की प्राथमिक जांच करवायी गयी। जांच में शिकायत सही होने की पुष्टि के बाद, विजिलेंस हल्द्वानी के पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल के पर्यवेक्षण में, इंस्पेक्टर हेम चंद्र पांडे के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम पूर्वनिर्धारित ट्रैप के अनुसार, काशीपुर पहुंची।

काशीपुर में, बस मालिक ने सहायक महाप्रबंधक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जैसे ही, सहायक महाप्रबंधक अनिल कुमार सैनी को, नौ हजार की रकम पकड़ायी। विजिलेंस टीम ने, सैनी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस टीम, आरोपी को अपने साथ लेकर हल्द्वानी चली गयी। सहायक महाप्रबंधक से पूछताछ की जा रही है।

Vigilance Uttarakhand: बाजपुर स्थित घर में भी जांच के लिये पहुंची टीम

विजिलेंस टीम ने, सहायक महाप्रबंधक अनिल कुमार सैनी को काशीपुर से गिरफ्तार किया, जिसके बाद टीम सैनी को लेकर उनके बाजपुर स्थित आवास पर पहुंची। बताया जा रहा है, कि सैनी के घर से विजिलेंस टीम ने कई दस्तावेज कब्जे में लिये हैं। उनकी संपत्ति आदि के बारे भी जानकारी जुटायी जा रही है।

Vigilance Uttarakhand: टोल फ्री नंबर 1064 पर दर्ज करायें रिश्वत मांगने वालों की शिकायत

उत्तराखंड में कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी आपसे किसी काम के एवज में रिश्वत की मांग करता है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिये सतर्कता निदेशालय उत्तराखंड के टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल कर जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा सतर्कता निदेशालय के व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर मैसेज के जरिये भी आप पूरे मामले की जानकारी दे सकते हैं। शिकायत पर जांच के बाद कार्रवाई की जाती है।

Vigilance Uttarakhand: रामनगर में घूस लेते पकड़े गये थे दरोगा और हेड कांस्टेबल

20 जुलाई को, नैनीताल जिले के रामनगर में दरोगा और हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था। अभिसूचना इकाई एलआईयू में तैनात दरोगा सौरभ राठी ने रामनगर निवासी एक व्यक्ति से, पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर, दो हजार की मांग की थी। पीड़ित के रकम लेकर पहुंचने पर, दरोगा ने यह रकम हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को रकम देने के लिये कहा था। विजिलेंस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में दें Vigilance Uttarakhand का साथ

विजिलेंस निदेशक डॉ. वी मुरूगेशन ने, राज्य के नागरिकों से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में साथ देने की अपील की है। निदेशक ने, नागरिकों से आह्वान किया है, कि सरकारी कार्यालयों में रिश्वत मांगे जाने पर, वे चुप्पी साधने के बजाय, खुलकर सामने आयें और विजिलेंस से शिकायत दर्ज करवायें। कहा है, कि नागरिकों के योगदान से ही राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने में मदद मिलेगी।

देहरादून में सहायक कर आयुक्त को रिश्वत लेते धरा गया था

जून में Vigilance Uttarakhand ने, देहरादून में राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त को, 75 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। आरोप था, कि सहायक कर आयुक्त शशिकांत दुबे ने, एक रेस्टोरेंट संचालक को जीएसटी की गड़बड़ियों का डर दिखाकर, मामला सेटल करने के एवज में यह रकम मांगी थी।

Vigilance Uttarakhand: हल्द्वानी में रिश्वत लेते पकड़े गये थे अधिशासी अभियंता

विजिलेंस उत्तराखंड ने, 22 मई को हल्द्वानी में लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कृष्ण सिंह कन्याल को, 50 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। बाद में, कन्याल के हल्द्वानी स्थित घर से 03 लाख 38 हजार रुपये, जबकि कार्यालय से 03 लाख 86 हजार रुपये की नगदी बरामद की थी। , कन्याल के देहरादून स्थित घर से 16 लाख 73 हजार रुपये की नगदी बरामद की गयी थी।

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