Uttarakhand Disaster: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही केदारनाथ धाम से चिंता बढाने वाली खबर आयी है। धाम के ठीक पीछे बड़ा हिमस्खलन हुआ है। हालांकि, इससे किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पिछले दो माह मौसम की मार से बहुत अधिक प्रभावित रही। इस दौरान गौरीकुंड भूस्खलन समेत कई जगह बड़े हादसे भी हुये। अब कुछ दिन से मौसम साफ रहने के बाद यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो चुका है।

यात्रा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई-अगस्त में आपदा की मार के बावजूद 31 अगस्त 2023 तक 12 लाख 22 हजार 332 यात्री केदारनाथ दर्शन के लिये आ चुके हैं। ऐसे में अब दूसरे चरण में यात्रियों की संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

इस बीच रविवार सुबह केदारनाथ धाम के ठीक पीछे बड़े हिमस्खलन ने यात्रियों समेत स्थानीय लोगों और प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है। यह हिमस्खलन धाम के पीछे सुमेरु पर्वत पर हुआ है।

रविवार सुबह तेज आवाज के साथ हिमस्खलन के बाद सफेद बर्फीली धुंध की चादर बड़े क्षेत्र पर छा गयी। हालांकि इस हिमस्खलन में अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। लेकिन मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुये चिंता बनी हुयी हैं।

बता दें कि शनिवार को ही राज्य मौसम केंद्र ने पांच दिन का मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें 06 सितम्बर 2023 (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) को रुद्रप्रयाग समेत 11 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता की जरूरत जतायी गयी है।

दस माह में पांच हिमस्खलन: केदारनाथ धाम के आसपास की हिमाच्छादित चोटियों पर हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। बीते 11 माह में यहां हिमस्खलन की यह पांचवीं घटना है। पिछले वर्ष सितम्बर और अक्टूबर में भी यहाँ तीन बार हिमस्खलन हुआ था।

मई में चोराबारी ग्लेशियर में हुआ था भूस्खलन: मई 2023 में केदारनाथ के ठीक ऊपर स्थित चोराबारी ग्लेशियर से भी हिमस्खलन हुआ था। चोराबारी ग्लेशियर ही वह ग्लेशियर है, जो जून 2013 में आयी आपदा का कारण बना था।

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