Uttarakhand Weather: राज्यभर में जारी बारिश हल्द्वानी में एक महिला और उसके नवजात के लिये खतरा बन गयी। सितारगंज क्षेत्र से गर्भवती महिला को एंबुलेंस में ही प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को ले जा रही एंबुलेंस बरसाती नाले में फंस गयी। गनीमत रही कि सभी लोगों को वक्त रहते निकाल लिया गया।

जानकारी के अनुसार घटना रविवार तड़के की है। नैनीताल पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सितारगंज क्षेत्र की एक गर्भवती के परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाने के लिये 108 को कॉल की थी। रात करीब दो बजे एम्बुलेंस महिला और उसके परिजनों को लेकर निकली। जिस समय एंबुलेंस महिला को लेकर निकली, मौसम ठीक था।

लेकिन, एम्बुलेंस महिला को उसके घर से लेकर कुछ दूर निकली थी कि महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर एम्बुलेंस रोक ली गयी। एम्बुलेंस में तैनात कर्मियों और परिजनों ने वाहन में ही सुरक्षित प्रसव करवाया। महिला और बच्चा स्वस्थ हैं। आगे की जांचों के लिये एम्बुलेंस कर्मी उन्हें लेकर हल्द्वानी के लिये निकले।

इस बीच रास्ते में चोरगलिया से आगे शेर नाला शनिवार रात से जारी बारिश के बाद उफान पर आ गया था। इसे देखते हुये एम्बुलेंस चालक ने फिर वाहन रोक लिया और कुछ देर तक जलस्तर कम होने का इंतजार किया। कुछ समय बाद पानी और बहाव कम होने का अहसास होने पर चालक ने एम्बुलेंस नाले में उतार दी।

लेकिन एंबुलेंस केनाले के बीच में पहुंचते ही बहाव तेज हो गया। एम्बुलेंस पानी में फंस गयी। इससे एम्बुलेंस में सवार महिला और परिजनों में चीख पुकार मच गयी। सड़क पर दोनों ओर खड़े वाहनों के चालकों ने नाले में छलांग लगा दी। सूचना पर कुछ ही देर में पुलिस टीम भी पहुंच गयी।

इस बीच नाले में पानी फिर बढ़ने लगा था। बहाव भी तेज होने से एम्बुलेंस पर भी बहने का खतरा बढ़ गया था। पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों और वाहनचालकों की मदद से जच्चा-बच्चा समेत सभी लोगों को सुरक्षित निकालकर किनारे पहुंचा दिया।

इसके बाद सड़क पर खड़े दूसरे वाहनों पर रस्सियां बांधकर एम्बुलेंस को भी धीरे-धीरे खींचते हुये किनारे निकाल लिया गया। वक्त रहते सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिये जाने से बड़ा हादसा टल गया। खतरा टल जाने पर जच्चा-बच्चा के परिजनों ने पुलिस और मददगारों का आभार जताया।

हल्द्वानी-सितारगंज के बीच सूर्या नाला और शेर नाला वर्षों से हादसों की वजह बनते रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के बाद ये दोनों बरसाती नाले उफान पर आ जाते हैं। इससे सड़क पर आवाजाही घंटों तक बाधित रहती है। इस दौरान अगर कोई वाहनचालक अपनी गाड़ी नाले में उतार दे तो रपटे में पानी की गहराई और बहाव का अंदाजा नहीं लगा पाने के कारण अनियंत्रित हो जाता है।

सूर्या नाले और शेर नाले में इस तरह वाहनों के पलटने की कई घटनाएं बीते कुछ वर्षों में हो चुकी हैं। इन हादसों में कई लोगों की जानें गयी हैं, जबकि कई वाहन बहे हैं। हालत यह रहती है कि कई बार तो इन नालों में पानी चार से पांच फीट तक बहने लगता है। इसके अलावा पानी का बहाव भी इतना तेज होता है कि वह वाहनों को मीलों बहाकर ले जाता है।

बीते दिनों ही सूर्या नाला में एक कार बह गयी थी, जिसे अगले दिन घटनास्थल से करीब पांच किलोमीटर दूर बरामद किया गया था। गनीमत रही थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गयी। वाहन में सवार सभी लोगों को वक्त रहते सड़क पर खड़े दूसरे वाहनों के चालकों और पुलिसकर्मियों, स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाल लिया था।

नालों में उतरने से बचें वाहनचालक: हल्द्वानी-सितारगंज के बीच सूर्या नाला, शेर नाला बारिश के बाद उफान पर रहते हैं। यहां कई हादसे भी हो चुके हैं। नैनीताल पुलिस ने वाहनचालकों से अपील की है कि वे नालों में वाहन बहाव का अच्छी तरह जायजा लेने के बाद ही उतारें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *