Uttarakhand Disaster: लगातार जारी बारिश ने कोटद्वार वासियों को एक बार फिर 2018 की आपदा की याद दिला दी है। पिछले सप्ताह शहर-भाबर और नदीपार क्षेत्रों में जहां नदी-गदेरे उफान पर आने के बाद पुल टूट गये थे। अब खोह के तेज बहाव में कई घर टूटकर बह गये हैं।
करीब एक सप्ताह से लगातार जारी बारिश ने कोटद्वार के लोगों को दहशत से भर दिया है। गत सप्ताह मंगलवार को पनियाली गदेरे से मलबा देवी रोड पर भर गया था। वहीं, गाड़ीघाट झूला बस्ती में शहर को नदीपार से जोड़ने वाला पुल भी खोह के उफनाने से टूट गया।
मालन नदी में बना अस्थायी पुल भी बह गया था, वहां फंसे 22 लोगों को sdrf ने सुरक्षित निकाला था।दूसरी ओर, कोटद्वार-दुगड्डा नेशनल हाईवे 534 पर टूट गदेरे से मलबा आने के बाद हाईवे तीन दिन तक बंद रहा। खोह, मालन, सुखरौ नदियों और पनियाली, गवालगढ़ समेत अन्य बरसाती गदेरों के उफान पर आने से इनके किनारे बसे घरों में मलबा भर गया।
अब रविवार रात से जारी बारिश एक बार फिर कोटद्वार के।लोगों पर कहर बनकर टूटी है। सबसे ज्यादा नुकसान गाड़ीघाट, झूलाबस्ती क्षेत्र में हुआ है। यहां बीते दिनों खोह के उफान पर आने और रुख बदलने के बाद सुरक्षा दीवारें ढह गयी थीं।
सोमवार सुबह नदी किनारे बनी बस्तियों में भूकटाव शुरू हो गया। पुश्ते ढहने से यहां कई मकानों को नुकसान हुआ है। एक मकान तो पूरा नदी में समा गया। कई अन्य मकानों का आधा हिस्सा नदी में बह गया। इसके अलावा एक ट्यूबवेल भी नदी में बह गया है। यहां 50 से अधिक मकान खतरे की जद में हैं।
पुलिस रातभर करती रही अलर्ट: मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर पुलिस रविवार रात से ही अलर्ट थी। रातभर नदियों और गदेरों के किनारे बसी बस्तियों-कॉलोनियों में पुलिस टीमें गश्त करते हुये लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत देती रहीं। बारिश के आसार के बीच जिला प्रशासन ने पहले ही सोमवार को विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया था।