AAP: सांसद संजय सिंह के निलंबन के बाद आम आदमी पार्टी को राज्यसभा में एक और झटका लगा है। पार्टी सांसद राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया गया है। फर्जी हस्ताक्षर के आरोपों को लेकर चड्ढा पर यह कार्रवाई की गयी है। मामले में विशेषाधिकार समिति की जांच पूरी होने तक चड्ढा का निलंबन जारी रहेगा। वहीं, संजय सिंह का निलंबन भी जांच पूरी होने तक जारी रहेगा।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा पर कुछ समय पहले पांच सांसदों ने फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाया था। इनमें भाजपा के तीन सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन और फांगनोन कोन्याक, बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा और अन्नाद्रमुक के सांसद थंबीदुरई शामिल हैं। सांसद थंबीदुरई पूर्व में लोकसभा के उपसभापति भी रह चुके हैं।

पांचों सांसदों का कहना है कि आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा विधेयक का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को चयन समिति में भेजने के दौरान उनके नामों का उल्लेख किया गया था, जबकि राघव चड्ढा की ओर से ऐसा करने से पहले उनकी कोई सहमति नहीं ली गयी, न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी दी गयी।

इस पर अब राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्रवाई करते हुये राघव चड्ढा को सदन से निलंबित कर दिया है। उनका निलंबन तब तक जारी रहेगा, जब तक विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच पूरी नहीं कर लेती है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के ही दूसरे राज्यसभा सांसद संजय सिंह के निलंबन की अवधि भी बढ़ा दी गयी है। संजय सिंह को पहले मानसून सत्र तक निलंबित किया गया था, लेकिन अब उनका निलंबन भी विशेषाधिकार समिति की जांच पूरी होने तक जारी रहेगा।

गोयल ने दिया था प्रस्तावः सदन में मणिपुर मामले पर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़ा हुआ था। इसे लेकर जमकर हंगामा भी हुआ। इस बीच संजय सिंह सभापति की कुर्सी के पास तक आ गये थे। सभापति के वापस जाने को कहने पर भी वह नहीं माने। इसके बाद नेता राज्यसभा पीयूष गोयल ने अमर्यादित व्यवहार के चलते संजय सिंह के निलंबन का प्रस्ताव रखा था, जो ध्वनिमत से पारित हो गया था।

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