Abhijit Gangopadhyay BJP: पश्चिम बंगाल की सबसे हॉट सीट माने जा रहे, तामलुक संसदीय क्षेत्र में, भाजपा प्रत्याशी अभिजीत गंगोपाध्याय के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी गयी है। गंगोपाध्याय अगले 24 घंटे तक प्रचार नहीं कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने, बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर की अशोभनीय टिप्पणी पर यह कार्रवाई की है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिये, पश्चिम बंगाल की तामलुक संसदीय सीट से, भाजपा ने कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय को मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला, तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता देबांग्शु भट्टाचार्य से है। दोनों ही नेता, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
हाल में, चुनाव प्रचार के दौरान अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी पर, अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी। आरोप है, कि 15 मई को हल्दिया में आयोजित एक सभा के दौरान, उन्होंने कहा था- ममता बनर्जी की कीमत दस लाख रुपये है। मैं कई बार सोचता हूं, कि क्या ममता बनर्जी महिला हैं भी?
The language used by a former judge , #bjp candidate on a sitting woman CM @MamataOfficial ! Shocking & shameful . Abhijeet Gangopadhyay should be banned from contesting! @BJP4India is anti women party & @narendramodi is MAUN as usual! pic.twitter.com/iHNKZW7C0G
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) May 18, 2024
तृणमूल कांग्रेस की ओर से, इस बयान पर अभिजीत गंगोपाध्याय की शिकायत चुनाव आयोग से की गयी थी। तीन दिन पहले, चुनाव आयोग ने, गंगोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। हालांकि, उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद, मंगलवार को, आयोग ने गंगोपाध्याय के अगले 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी।
जानकारी के अनुसार, भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय पर लगायी गयी रोक, मंगलवार शाम पांच बजे से लागू होकर, बुधवार शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। हालांकि, भाजपा बंगाल इकाई और पार्टी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय की ओर से, इस पर कोई प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं दी गयी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा- पूर्व जज को मिली सजा
तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी देबांग्शु भट्टाचार्य ने, भाजपा उम्मीदवार पर लगी रोक को लेकर, एक्स पर ट्वीट किया है। देबांग्शु ने लिखा है, एक पूर्व जज जो, भाजपा में संभ्रांत बंगाली चेहरा बनना चाहते थे। उन्हें आज अपने जीवन के पहले ही चुनाव में सजा सुनायी गयी है।
अभिजीत की पश्चिम बंगाल सरकार से हमेशा ठनी रही
कोलकाता हाईकोर्ट के जज रहने के दौरान, अभिजीत गंगोपाध्याय की पश्चिम बंगाल सरकार से हमेशा ठनी रही। अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी सरकार पर लगे घोटालों के 14 मामलों की जांच, सीबीआई और ईडी को सौंपी थी।
पश्चिम बंगाल में हुये प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले, के मामले में भी उनकी अहम भूमिका रही। इस मामले की जांच के बाद, तत्कालीन शिक्षा मंत्री, तीन विधायकों को जेल जाना पड़ा था। अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश के बाद, इस भर्ती के जरिये नौकरी पाने वाले लोगों को सारा वेतन, सरकारी कोष में लौटाना पड़ा था।
मार्च 2024 में, अपने पद से इस्तीफा दे दिया था
मार्च 2024 में, अभिजीत गंगोपाध्याय ने, अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने, राजनीति में जाने की घोषणा करते हुये, भाजपा की सदस्यता ले ली थी। अभिजीत, पश्चिम बंगाल प्रशासनिक सेवा में चुने गये थे। हालांकि, कुछ समय बाद वे, वकालत करने लगे। हाईकोर्ट में अधिवक्ता रहते हुये, 2018 में वह जज बनाये गये थे।
बताया जाता है, कि कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ चल रहे, मुकदमों पर दिये आदेशों को लेकर, अकसर अभिजीत को तृणमूल कांग्रेस नेता, चुनाव में उतरने की चुनौती दिया करते थे। इसी के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया।
छठे चरण में 25 मई को होना है मतदान
तामलुक संसदीय सीट पर, लोकसभा चुनाव के छठे चरण में, 25 मई को मतदान होना है। इस सीट पर पिछले चार संसदीय चुनावों में, तृणमूल कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। लेकिन, इस सीट पर सांसद चुने जाने वाले टीएमसी नेता, अब भाजपा में हैं।
I addressed a Vijay Sankalp Sabha at Nandigram; organised by the @BJP4Bengal Minority Morcha, in support of Tamluk BJP Lok Sabha Candidate; Shri Abhijit Gangopadhyay.
This time Tamluk is going to join the bandwagon of #IssBaar400Paar. @BJP4India pic.twitter.com/4bGlR9JYpi— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) May 21, 2024
नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है तामलुक
तामलुक संसदीय सीट पर, तृणमूल कांग्रेस नेता, और ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाने वाले, शुभेंदु अधिकारी 2009 और 2014 में सांसद चुने गये। 2019 में उनके छोटे भाई, दिब्येन्दु अधिकारी तामलुक से सांसद बने। लगातार 20 साल से तामलुक संसदीय सीट पर अधिकारी परिवार के कब्जे के चलते, इस सीट को शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता रहा है।
उनके पिता शिशिर अधिकारी भी 2009 से 2019 तक, तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर कांथी सीट से सांसद चुने जाते रहे हैं। हालांकि, अब अधिकारी परिवार तृणमूल कांग्रेस छोड़कर, भाजपा में शामिल हो चुका है। शुभेंदु अधिकारी अब, नंदीग्राम से भाजपा विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष भी हैं।
2021 में ममता बनर्जी को करना पड़ा था हार का सामना
2021 के विधानसभा चुनाव में, शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर ममता बनर्जी को हरा दिया था। इस विधानसभा चुनाव में, पहले तो ममता बनर्जी को विजेता घोषित किया गया था। लेकिन, बाद में शुभेंदु अधिकारी की आपत्ति के बाद, रिकाउंटिंग करवायी गयी। इसके बाद, शुभेंदु अधिकारी दो हजार वोटों से जीत गये थे।
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