Badrinath Dham: उत्तराखण्ड के चार धामों में प्रमुख श्रीबद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय कर दी गयी है। टिहरी के नरेंद्रनगर राजमहल में विधिवत पूजन के बाद मन्दिर कपाट खोलने एवं गाड़ू घड़ा कलश की तिथि घोषित कर दी गयी। धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में वर्ष 2024 की यात्रा भी आरम्भ हो जाएगी।
बुधवार को नरेंद्रनगर राजमहल में टिहरी राजा मनुजेंद्र शाह ने बसन्त पंचमी पर विशेष पूजन किया। श्रीबद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी, पुरोहितों की उपस्थिति में पंचांग पूजन एवं गणेश पूजन किया गया। इसके बाद ज्योतिषीय गणना के आधार पर निर्धारित हुआ कि श्रीबद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः छह बजे से खुलेंगे।
बताया गया कि 12 मई को वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि पर गुरु पुष्य योग में कपाटोद्घाटन किया जायेगा। तिथि निर्धारित होने के साथ ही धाम में मन्दिर समिति की ओर से तैयारियां आरम्भ कर दो गयी हैं। प्रशासन की ओर से भी एक टीम बद्रीनाथ भेजी गयी है। बताया गया है कि धाम क्षेत्र में अभी तीन फीट तक बर्फ जमा है।
बुधवार को गाड़ू घड़ा कलश की भी तिथि तय की गयी। कलश के लिये तिल का तेल 25 अप्रैल को निकाला जाना है। बता दें कि श्रीबद्रीनाथ धाम में भगवान के विग्रह के सम्मुख प्रज्ज्वलित होने वाले दीप में तिल का तेल प्रयोग होता है। विशेष यह है कि तिल का यह तेल नरेंद्रनगर राजमहल से ही भेजा जाता है।
कलश के लिये निर्धारित तिथि पर टिहरी रानी एवं अन्य महिलाएं स्वयं तिल का तेल निकालती हैं, जिसे कलश में भरकर धाम के लिये भेजा जाता है। तिल का तेल निकालने एवं धाम के कपाट खोलने की तिथि निर्धारित करने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।