Badrinath Election Result: उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव में, बद्रीनाथ के मतदाताओं को, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी की बगावत रास नहीं आयी। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े भंडारी, कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला से हार गये। बुटोला ने पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भंडारी को, पांच हजार से अधिक वोटों के अंतर से शिकस्त दे दी है।
बद्रीनाथ विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव 2022 में, राजेंद्र सिंह भंडारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। भंडारी तीन बार विधायक रह चुके हैं। 2007 में वह नंदप्रयाग से विधायक चुने गये थे, जबकि 2012 और 2022 में बद्रीनाटा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भंडारी ने विधानसभा में किया।
हाल में, लोकसभा चुनाव के दौरान भंडारी ने अचानक कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर, पार्टी को सकते में डाल दिया था। भंडारी भाजपा में शामिल हो गये थे, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा में भाजपा उम्मीदवार अनिल बलूनी का समर्थन किया और उन्हें बड़े अंतर से जीत हासिल करने में पूरी मदद भी की।
भंडारी के पार्टी बदल लेनेे के कारण, उन्हें विधानसभा से त्यागपत्र देना पड़ा। इसके बाद, बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव कराया गया। भाजपा ने भंडारी को ही अपना प्रत्याशी बनाकर, मैदान में उतारा। दूसरी ओर, कांग्रेस के लिये शुरूआत में, भंडारी को चुनौती देने के लिये दमदार चेहरा तलाशने की मशक्कत बनी रही।
भाजपा ने 14 जून को भंडारी को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। कांग्रेस को अपना प्रत्याशी तय करने में तीन दिन का समय लगा। पार्टी ने 17 जून को, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रहे, लखपत सिंह बुटोला को चुनाव मैदान में उतारा।
कांग्रेस का बुटोला के चेहरे पर दांव खेलने का निर्णय, शनिवार को तब सौ फीसदी सही साबित हुआ, जब मतगणना की शुरूआत के साथ ही, बुटोला ने भंडारी से अच्छी खासी बढ़त बना ली। 15 राउंड की गिनती में सिर्फ एक मौका ऐसा आया, जब भंडारी आगे निकल सके। 14 राउंड में बनी बढ़त के जरिये, बुटोला ने पांच हजार से अधिक के अंतर से जीत हासिल कर ली। पार्टी की जीत पर कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया।
बद्रीनाथ की जनता का मैं बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं… तमाम लोग जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से न्याय की इस लड़ाई में मेरा साथ दिया है, उन्हें इसका श्रेय जाता है। pic.twitter.com/gpoZEgDQMS
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) July 13, 2024
बद्रीनाथ सीट पर किसे कितने वोट हासिल हुये
बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर, कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला ने, 28 हजार 161 वोट प्राप्त किये। भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी राजेंद्र सिंह भंडारी को 22 हजार 937 वोट मिले। बुटोला की जीत का अंतर 5224 वोट का रहा। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार नवल खाली ने, 1813 वोट प्राप्त किये। वहीं, सैनिक समाज पार्टी के प्रत्याशी हिम्मत सिंह नेगी को 494 वोट मिले। 823 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
पौड़ी लोकसभा सीट में बचा ली अपनी इकलौती सीट
पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट में, कुल 14 विधानसभा सीटें हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस इन 14 में से एकमात्र बद्रीनाथ सीट पर ही जीत हासिल कर सकी थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान, पार्टी विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी के भाजपा में चले जाने के बाद, यह सीट खाली हो गयी थी।
भंडारी के पाला बदल लेने के बाद, कांग्रेस के लिये संसदीय सीट में अपनी इकलौती सीट बचाने की बड़ी चुनौती आ खड़ी हो गयी थी। भंडारी के 2022 में विधायक रहने के कारण, पार्टी के लिये उपचुनाव में उन्हें मात देना, टेढ़ी खीर माना जा रहा था। लेकिन, पार्टी ने एकजुटता के साथ, न सिर्फ बुटोला को चुनाव लड़ाया, बल्कि उनकी जीत भी तय कर, अपनी अकेली सीट बचा ली।
बद्रीनाथ में कांग्रेस पार्टी के बब्बर शेर ❤️🔥
जीत का जश्न 🥳❤️ pic.twitter.com/Y5Jvok8xGu
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) July 13, 2024
एक ही महीने में बदल गया मतदाताओं का मन!
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हुये, अभी एक महीना ही हुआ है। चार जून को घोषित लोकसभा चुनाव के नतीजो में, भारतीय जनता पार्टी ने, राज्य की पांचों सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की है। लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में, पार्टी मतदाताओं का दिल नहीं जीत सकी।
मंगलौर विधानसभा सीट पर, भारतीय जनता पार्टी ने, अब तक एक बार भी जीत हासिल नहीं की है। लेकिन बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर, पार्टी ने 2007 और फिर 2017 में जीत दर्ज की थी। 2002, 2012 और 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी यहां से चुनाव जीते।
लोकसभा चुनाव में गढ़वाल सीट पर भाजपा जीती। बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र भी इसी सीट के अंतर्गत आता है, और यहां भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा था। इसके बावजूद, महज एक महीने बाद ही, विधानसभा उपचुनाव में पार्टी का पांच हजार से अधिक के अंतर से हारना, इशारा कर रहा है कि जनता का मन इस बार बदल गया। यह स्थिति तब रही, जबकि 2022 के विधायक को ही पार्टी ने मैदान में उतारा था।
कांग्रेस ने जीत लीं, उत्तराखंड की दोनों विधानसभा सीटें
मंगलौर में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन विधायक