BJP Candidats 2024: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) के लिये अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी। इस सूची में बॉलीवुड की झांसी की रानी यानी कंगना रणौत और टीवी के राम यानी अरुण गोविल भी शामिल हैं। अरुण गोविल को उत्तर प्रदेश के मेरठ, तो कंगना रणौत को हिमाचल प्रदेश के मंडी से चुनाव मैदान में उतारा गया है। दूसरी ओर, पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कट गया है। उनकी जगह पार्टी ने यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा ने रविवार रात 111 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की। इनमें हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गोआ, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, गुजरात की विभिन्न लोकसभा सीटों के लिये उम्मीदवारों के नाम घोषित किये गये हैं। पांचवीं सूची में गिरिराज सिंह, रविशंकर प्रसाद, मेनका गांधी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इनके अलावा पार्टी ने 37 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत को हिमाचल की मंडी सीट से प्रत्याशी बनाया है।
My beloved Bharat and Bhartiya Janta’s own party, Bharatiya Janta party ( BJP) has always had my unconditional support, today the national leadership of BJP has announced me as their Loksabha candidate from my birth place Himachal Pradesh, Mandi (constituency) I abide by the high…
— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) March 24, 2024
वहीं, उत्तर प्रदेश के मेरठ से भाजपा ने टीवी पर प्रभु श्रीराम के रूप में नजर आये प्रख्यात अभिनेता अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाया है। 72 वर्षीय गोविल का जन्म और पूरी शिक्षा भी यहीं हुयी है। बाद में वह मुंबई चले गये थे और बॉलीवुड में बतौर अभिनेता काम करने लगे। रामायण ने उन्हें देश-दुनिया में अलग पहचान दिला दी। यहां तक कि कई बार श्रद्धालु उन्हें ही श्रीराम मानने लगते हैं। हाल में अयोध्या में श्रीराम मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी वह लगातार वहां सक्रिय रहे थे।
मंडी से उतरने को कांग्रेस के बड़े नेताओं का इनकार
दस विधासभा क्षेत्रों वाली मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी संसदीय सीट है। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह यहां से सांसद चुनी गयी थीं। इस बार भी पार्टी उन्हें ही मैदान में उतारने वाली थी, लेकिन उन्होंने इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। विकल्प के तौर पर पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का नाम आगे बढ़ाया गया है, लेकन वह भी किसी युवा प्रत्याशी को मौका देने की बात कह रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस अब तक इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है।
आ. श्री नरेंद्र मोदी जी और चयन समिति का बहुत-बहुत हार्दिक आभार जिन्होंने मुझे मेरठ का सांसद प्रत्याशी बनाकर इतना बड़ा कार्यभार सौंपा है। मैं भारतीय जनता पार्टी के विश्वास और जनमानस की अपेक्षाओं पर पूर्णत: खरा उतरने का संपूर्ण प्रयास करूँगा…🙏🏼
जय श्री राम 🙏🏼@narendramodi…— Arun Govil (@arungovil12) March 24, 2024
मेरठ में लगातार चौथी जीत की जुगत में भाजपा
पांच विधानसभा क्षेत्रों वाले मेरठ संसदीय क्षेत्र में पिछले आठ संसदीय चुनावों में से छह बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। पिछले तीन चुनाव यानी 2009, 2014 और 2019 में भी भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। अब भाजपा मेरठ में चौथी बार जीत की जुगत में है। गोविल भी अग्रवाल हैं और उनका मेरठ से पुराना संबंध है। ऐसे में भाजपा इस चुनाव में उनकी रामायण वाली छवि, स्थानीय मूल के होने का लाभ उठाते हुये उन्हें संसद भेजना चाहती है।
नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से उतारा
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये नवीन जिंदल को भाजपा ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। जिंदल ने रविवार को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वह भाजपा मुख्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ले ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जिंदल कुरुक्षेत्र से दो बार सांसद चुने गये थे, लेकिन लंबे समय से पार्टी नेतृत्व के साथ उनकी बात नहीं बन रही थी। आखिर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला ले लिया।
'राम काज कीन्हें बिनु,
मोहि कहां विश्राम'संसदीय लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत से प्रत्याशी के रुप में मेरा चयन करने के लिए आदरणीय प्रधान मंत्री श्री @narendramodi जी, माननीय पार्टी अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, माननीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी, माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath…
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (मोदी का परिवार) (@JitinPrasada) March 24, 2024
पीलीभीत में वरुण की जगह जितिन प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश की पीलीभीत संसदीय सीट से भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। उनकी जगह यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया है। कुछ समय से वरुण गांधी लगातार बागी तेवर अपनाये हुये थे और अलग-अलग मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरने का काम करते आ रहे थे। इसे देखते हुये, यह तय माना जाने लगा था कि भाजपा इस बार उन्हें अपने टिकट पर संसद पहुंचने का मौका नहीं देगी। यह आशंका रविवार को सूची के जारी होने के साथ सही निकली।
मेरठ में मोबाइल बना चार बच्चों की मौत की वजह
पीलीभीत संसदीय सीट पर 1996 से अब तक लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। वरुण गांधी की मां मेनका गांधी 1989 में यहां से पहली बार जनता दल के टिकट पर जीती थीं। बाद में वह भाजपा में आ गयीं और लगातार जीत दर्ज की। 2009 में उन्होंने बेटे वरुण गांधी के लिये यह सीट छोड़ दी थी और खुद सुल्तानपुर से सांसद चुनी गयी थीं। 2014 में वह फिर पीलीभीत से चुनी गयीं, लेकिन 2019 में फिर वह सुल्तानपुर चली गयीं। भाजपा ने इस बार भी उन्हें सुल्तानपुर से ही चुनाव मैदान में उतारा है।
वरुण के लिये सपा तैयार, निर्दलीय भी विकल्प
वरुण गांधी ने भाजपा के टिकट की घोषणा से पहले ही चार सेट में नामांकन पत्र खरीद लिये थे। बताया जा रहा है कि वह और उनके समर्थक टिकट तय होने का इंतजार कर रहे थे, साथ ही अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा था। अब तस्वीर साफ होने के बाद वरुण गांधी के सामने या तो निर्दलीय या किसी अन्य दल से जुड़कर मैदान में उतरने का विकल्प है। बताया जा रहा है कि स्थानीय सपा नेता उनके चुनाव लड़ने पर यह सीट छोड़ने को तैयार हैं। अखिलेश यादव भी ऐसा इशारा कर चुके हैं।
चुनाव से पहले कांग्रेेस के खाते सीज