Forest Fire In Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं। बीते कुछ दिनों में गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में 33 हेक्टेअर से अधिक वन संपदा राख हो चुकी है। वनाग्नि से सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। वहां, आग बुझाने के लिये वनकर्मियों का साथ देने के लिये अब सेना और वायुसेना ने भी हाथ बढ़ाया है। सेना के हेलीकॉप्टरों से जंगलों में लगी आग बुझाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हल्द्वानी पहुंचने वाले हैं।
मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं भी तेज हो गयी हैं। राज्य के दोनों मंडलों में जंगलों में आग लगने की सूचनाएं लगातार आ रही हैं। महज 24 घंटे के भीतर यहां 31 स्थानों पर जंगलों में आग की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं। इनमें 26 घटनाएं कुमाऊं मंडल में, जबकि पांच गढ़वाल मंडल में दर्ज की गयी हैं।
सबसे ज्यादा खतरा नैनीताल में बना हुआ है। यहां तीन दिन पहले जंगलों में आग सुलगनी शुरू हुयी थी। इसके बाद से अब तक नैनीताल, भवाली रोड क्षेत्रों में बड़े इलाके में जंगल राख हो गये हैं। जिला मुख्यालय को भवाली, भीमताल से जोड़ने वाली सड़क पर भी आग की ऊंची लपटें बनी हुयी हैं। हालात लगातार बिगड़ते देख, शुक्रवार से सेना से आग बुझाने में मदद मांगी गयी थी।
इसके बाद, शुक्रवार को ही सेना के जवान वनकर्मियों और पुलिस प्रशासन की ओर से तैनात 42 फायरकर्मियों के साथ जंगलों की आग बुझाने में जुट गये थे। सेना के वाहनों से जंगलों की आग बुझाने के लिये पानी पहुंचाया जा रहा था। इसके बावजूद जंगलों में आग लगातार भड़कती जा रही है। ऐसे में अब वायुसेना से भी मदद मांगी गयी है।
शनिवार सुबह से हल्द्वानी आर्मी एरिया से एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने आग बुझाने का अभियान शुरू कर दिया है। हेलीकॉप्टर हल्द्वानी से उड़ान भरने के बाद भीमताल झील पहुंचा और झील से पानी लेकर आग से धधक रहे जंगलों पर पानी की बौछार शुरू कर दी है। इसके बाद स्थिति कुछ नियंत्रण में बतायी जा रही है।
हाईकोर्ट कॉलोनी समेत रिहायशी इलाकों में बढ़ा खतरा
नैनीताल में बेकाबू हुयी वनाग्नि रिहायशी क्षेत्रों की ओर बढ़ गयी है। शनिवार सुबह आग हाईकोर्ट कॉलोनी के नजदीक तक आ पहुंची। इसके अलावा अन्य आवासीय क्षेत्रों तक भी आग पहुंच गयी है। पाइंस के पास एक पुराना और खाली घर आग से जल गया। आग की तेज लपटों से तो खतरा है ही, लगातार उठता धुआं भी लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है।
नैनी झील में बोटिंग पर लगायी गयी रोक
नैनीताल में वनाग्नि की घटनाओं के बाद नैनी झील में बोटिंग पर भी रोक लगा दी गयी है। प्रशासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। नैनीताल-भवाली रोड पर वाहनों की आवाजाही बाधित है। खतरे को देखते हुये पर्यटकों से भी अपील की जा रही है कि वे फिलहाल नैनीताल आने से बचें।
सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंच रहे हल्द्वानी
नैनीताल में वनाग्नि से बढ़े खतरे का जायजा लेने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ देर बाद हल्द्वानी पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सीएम हल़्द्वानी में अधिकारियों संग बैठक कर जिले में जंगलों में आग से हुये नुकसान के आकलन के साथ सुरक्षात्मक कदमों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह सैन्य अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
प्रदेश में हो रही वनाग्नि की घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। सेना से भी इस संबंध में सहायता ली जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। आज हल्द्वानी में अधिकारियों के साथ भी वनाग्नि से संबंधित विषय में बैठक करूंगा। pic.twitter.com/w01kpXetbE
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) April 27, 2024
रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाते तीन दबोचे
रुद्रप्रयाग में शनिवार को वनकर्मियों ने तीन लोगों को पकड़ा है। ये तीनों लोग क्षेत्र के जंगलों में आग लगाने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया गया है कि आरोपियों में से एक ने इसलिये आग लगायी थी, ताकि उसकी भेड़ों को नयी घास मिल सके।
नवंबर से अब तक 690 हेक्टेअर जंगल जले
उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं लगातार जारी हैं। नवंबर 2023 से अब तक राज्य के दोनों मंडलों में जंगलों में आग लगने की 575 घटनाएं दर्ज की गयी हैं। इन घटनाओं में राज्य की करीब 690 हेक्टेअर वन संपदा जलकर राख हो गयी। जंगलों में लगी इस आग से 14 लाख से अधिक का नुकसान भी हुआ है।
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