Forest Fire In Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में लगातार बढ़ रही वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुये, वन विभाग के सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में नैनीताल के जंगलों में लगी आग का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों संग बैठक में यह निर्देश दिये। सीएम ने आग की घटनाओं पर रोकथाम के लिये विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर जोर दिया।
उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही, जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ गयी हैं। 24 घंटे में राज्यभर में 31 घटनाओं में 33 हेक्टेअर से अधिक जंगल राख हो चुके हैं। वहीं, नैनीताल में जंगल की आग से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। यहां आग बुझाने में सेना, वायुसेना की भी मदद लेनी पड़ी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी नैनीताल पहुंचे। उन्होंने जिले के वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर निरीक्षण किया। बाद में हल्द्वानी में सीएम धामी ने प्रशासनिक, वन, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जंगलों में आग की रोकथाम के लिये चल रही कार्रवाई की जानकारी ली।
नैनीताल में आग बुझाने उड़ा एमआई 17 हेलीकॉप्टर
बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि की रोकथाम के लिये सभी जिम्मेदार विभागों के बीच त्वरित सामंजस्य बनाने को कहा। कहा कि जिलाधिकारी और संबंधित विभाग के कार्मिक भी आग लगने पर प्रभावित वन क्षेत्रों में पहुंचकर आग बुझाने में सहयोग करें। उन्होंने ग्रामीणों से भी सहयोग लेने, जागरूकता अभियान के भी निर्देश दिये।
सिर्फ मेडिकल कंडीशन में होगा अवकाश पर विचार
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन विभाग कर्मचारियों के अवकाश रद्द किये गये हैं। उन्होंने बताया कि जब तक राज्य के वनों में आग की घटनाएं जारी हैं, वनकर्मियों को सिर्फ चिकित्सकीय परिस्थितियों में ही अवकाश दिया जायेगा।
आग लगाने वालों को चिह्नित कर कठोर कार्रवाई करें
बैठक के दौरान यह बात सामने आयी कि कई बार लोग खुद ही जंगलों को जला देते हैं। रूद्रप्रयाग में ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जंगलों में आग लगाने वालों को चिह्नित किया जाये। जंगल जलाने वालों पर कठोर कार्रवाई के भी निर्देश दिये।
लीसा डिपो पर फायर ब्रिगेड की तैनाती करें
वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुये राज्य के सभी लीसा डिपो पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फायर ब्रिगेड की तैनाती के निर्देश दिये हैं। सीएम ने बताया कि 14 से अधिक क्रू स्टेशनों को भी सक्रिय रहने के लिये कहा गया है। संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को फायर सीजन में हर वक्त मुस्तैद रहने को कहा गया है।
दून नहीं आयें, अपने तैनातीस्थलों पर रहें अधिकारी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फायर सीजन में वन अधिकारियों का अपने तैनातीस्थलों पर होना आवश्यक है, ताकि वे रोकथाम की घटनाओं पर निगरानी कर सकें। उन्होंने कहा कि सभी उच्चस्तरीय वनाधिकारियों को कहा गया है कि जब तक वनाग्नि की घटनाएं जारी हैं, संबंधित अधिकारी राजधानी देहरादून में होने वाली बैठकों में आने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ें।
मदद करने वाले ग्रामीणों को सम्मानित करें
सीएम धामी ने वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को वनाग्नि की रोकथाम के लिये ग्रामीणों की मदद लेने के भी निर्देश दिये। सीएम ने कहा कि स्थानीय संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के जरिये ग्रामीणों को जागरूक किया जाये। वनाग्नि रोकने में मदद करने वाले ग्रामीणों को वन विभाग द्वारा सम्मानित करने के भी निर्देश दिये।
LIVE: हल्द्वानी में वनाग्नि की रोकथाम व पेयजल व्यवस्था के संबंध में बैठक के उपरांत प्रेस वार्ता
https://t.co/Xa3mozwkq8— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) April 27, 2024
गर्मी में पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं हो
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान गर्मी के मौसम में पेयजल किल्लत की समस्या पर भी चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित विभाग पेयजल आपूर्ति सुचारु बनाये रखने के लिये प्रभावी व्यवस्था बनायें। उन्होंने पेयजल समस्या से प्रभावित क्षेत्रों के चिह्नीकरण, आपूर्ति के लिये टैंकरों की व्यवस्था एवं पेयजल लाइनों की मरम्मत के निर्देश दिये।
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पर्यटन स्थलों पर वीकेंड पर जाम नहीं लगे
बैठक के दौरान पर्यटन सीजन को लेकर भी चर्चा हुयी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वीकेंड पर नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रपुर में सैलानियों की भारी आमद से जाम लगता है। ऐसे में संबंधित विभागों को कहा गया है कि वे ऐसी व्यवस्था तैयार करें, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को जाम से नहीं जूझना पड़े।
सीसीएफ कुमाऊं बैठक में नहीं पहुंचे
कुमाऊं मंडल के मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की बैठक मंे नहीं पहुंचे। इस पर सीएम धामी ने नाराजगी भी जतायी। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी वनाग्नि की रोकथाम करना सबसे अधिक जरूरी है। ऐसे में वन विभाग में छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अफसरों तक, सबको जिम्मेदारी निभानी होगी।