Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और व्यापारी राज्य सरकार से खफा हैं। भूमिधरी अधिकार, दस साल पहले आपदा में क्षतिग्रस्त हुये भवनों के पुनर्निर्माण समेत विभिन्न मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। आंदोलनकारी पुरोहितों और व्यापारियों ने 18 सितंबर से आंदोलन को और उग्र रूप देने की चेतावनी दी है।
आंदोलन के पहले चरण में शनिवार को तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने श्री केदार सभा के बैनर तले केदारधाम की सभी दुकानों, होटलों, ढाबों को बंद करा दिया। शनिवार सुबह सात बजे से ही आंदोलनकारी पुरोहित और व्यापारी धाम और आसपास नारेबाजी करते हुये निकले। इस दौरान अधिकतर व्यापारियों ने पहले ही दुकानें नहीं खोली थीं। इक्का-दुक्का दुकानें खुली दिखीं भी तो उन्हें बंद करा दिया गया।
बाद में श्री केदार सभा पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने केदारधाम के पास ही धरना शुरू कर दिया। इस दौरान केदारधाम बंदी में सहयोग के लिये सभी व्यापारियों का आभार जताया गया। यहां बताया गया कि वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा से पहले तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों को भूमिधरी अधिकार हासिल थे।
आपदा में उनके होटल, भवन, धर्मशालाएं नष्ट हो गये। इसके बाद राज्य और केंद्र सरकार की ओर से केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना लागू की गयी, लेकिन इसमें पुरोहितों और व्यापारियों को भूमिधरी अधिकार से दस साल बाद भी वंचित रखा गया है। उनकी मांग है कि धाम क्षेत्र में उनके होटल, भवन और धर्मशालाओं का भी पुनर्निर्माण कराया जाये, लेकिन आरोप है कि सरकार की ओर से इस पर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है।
आंदोलनकारी पुरोहितों और व्यापारियों का कहना है कि वे लगातार दस साल से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके चलते इस बार उन्होंने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत शनिवार को श्रीकेदारनाथ धाम से लेकर घोड़ा पड़ाव तक का पूरा बाजार बंद करा दिया गया।
श्रीकेदारधाम में तीर्थपुरोहितों और व्यापारियों की यह बाजार बंदी रविवार तक 24 घंटे जारी रहेगी। आंदोलनकारियों का कहना है कि इसके बाद भी अगर सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की तो वे 18 सितंबर से आंदोलन को तेज करने के साथ अनिश्चितकालीन आमरण अनशन भी शुरू कर देंगे। उन्होंने सरकार से उनकी मांगों और समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण करने की मांग की है।
तीर्थयात्रियों को होंगी परेशानियांः शनिवार को श्रीकेदारनाथ धाम में सभी होटल, ढाबे, लॉज, धर्मशालाएं बंद होने से यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सामान खरीदारी से लेकर भोजन तक के लिये उन्हें धाम परिसर में भटकना पड़ रहा है। श्रीकेदार सभा का कहना है कि धाम परिसर में व्यापारियों को सरकार पुरोहितों और व्यापारियों के बूते ही बेहतर व्यवस्थाएं दे पाती है। ऐसे में शनिवार का दिन सरकार के लिये भी चुनौतीपूर्ण होगा।
यात्रियों के लिये चलाया जा रहा है भंडाराः श्री केदार सभा ने भले ही शनिवार से रविवार सुबह तक 24 घंटे की पूर्ण बंदी की है, लेकिन धाम में पहुंचे तीर्थयात्रियों के भोजन की व्यवस्था का भी ख्याल रखा जा रहा है। होटल-ढाबे बंद होने के कारण यात्रियों को खाने की दिक्कत न हो, इसके लिये सभा की ओर से शनिवार को धाम परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया है। यात्रियों से अपील की गयी है कि वे भंडारे से प्रसाद ले सकते हैं।
यात्रियों से गौरीकुंड में ही रहने की अपीलः श्रीकेदार सभा, तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों ने श्री केदारनाथ धाम दर्शन के लिये आने वाले तीर्थयात्रियों से पैदल पड़ाव गौरीकुंड में ही रुकनेे की अपील की है। उनका कहना है कि धाम परिसर में शनिवार को कोई दुकान, होटल, लॉज, धर्मशाला नहीं खुलेगा। ऐसे में यहां आने वाले यात्रियों को परेशानियां हो सकती हैं। इसे देखते हुये उन्हें यात्रा मार्ग के उन पड़ावों पर ही रहने को कहा जा रहा है, जहां सुविधाएं उपलब्ध हैं।
अगस्त में भी दिया गया था ज्ञापनः श्रीकेदार सभा का कहना है कि भूमिधरी अधिकार और अन्य मांगों को लेकर पहले भी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। अगस्त में भी एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। तब भी चेतावनी दी गयी थी कि आंदोलन तेज किया जायेगा। ऐसे में अब आर-पार की लड़ाई की पूरी तैयारी कर ली गयी है।
यात्रियों की संख्या पर हो सकता है असरः श्रीकेदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों को मनाने के लिये सरकार की ओर से जल्द पहल नहीं की गयी तो माना जा रहा है कि इसका असर यात्रा पर नजर आ सकता है। धाम परिसर और आसपास बंदी होने से तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आ सकती है, इसके अलावा जो यात्री पहुंच रहे हैं उनके लिये आवश्यक अनिवार्य व्यवस्थाएं करवाना भी मुश्किल हो सकता है।